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Incest मेरी हवस का नाम कंचन दीदी
#4
मैं: दीदी मैं सपने में आपको ऐसी ही नंगी करके चोदता हूँ

दीदी: आआह्ह्ह्हह भाई आजा करले अपना सपना पूरा … घुसा अपना मोटा लंड मेरी चुत में और बनजा बहनचोद
मैंने दीदी की बूर की फांको को फैलाया और अपना लंड का सुपाड़ा अंदर रखा. एक करारा शॉट मारके अपना लंड दीदी की बूर में पेल दिया.. दीदी दर्द से चिल्लाने लगी
दीदी: उईईईईई माँ … मार डाला रे …साले अपनी बहन को चोद रहा है रंडी को नहीं
मैं: ओह्ह्ह मेरी कंचन जानेमन … तू मेरे लिए किसी रंडी से कम नहीं है…
दीदी: आह्ह्ह्हह बहनचोद साले मुझे रंडी बोल रहा है…. चल आ इस रंडी की आग को शांत कर
मैं: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी आज तो मैं आपकी बूर फाड़ दूंगा..
मैं लम्बे लम्बे शॉट्स मरने लगा. मेरा लंड बहुत तेजी से कंचन दीदी की बूर चोद रहा था. उनकी हिलती हुई बड़ी बड़ी चूचियां को मैं दबा दबा कर चुदाई कर रहा था..दीदी भी बहुत मजे लेकर चुद रही थी. उनकी आँहो से पूरा रूम गूंज रहा था…
दीदी: आअह्ह्ह्ह भाई बहुत दिनों बाद ऐसा तगड़ा लंड गया है मेरी चुत में…
मैं: ओह्ह्ह्हह … दीदी क्या बदन पाया है अपने.. मन करता है दिन रात आपको नंगी करके बस चोदता रहू..
दीदी: उउउउउ ईईईई भाई और तेज मार मेरी चुत … आअह्ह्ह्ह भाई बुझा ले अपनी हवस.. रगड़ कर चोद ले मुझे
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी डॉगी स्टाइल में आ जाओ …
दीदी अब डॉगी स्टाइल में मेरे सामने खड़ी थी… दीदी की चौड़ी भारी गांड मेरे सामने नंगी खड़ी थी. मेरा मन दीदी की गांड मारने का भी कर रहा था… पर मैं सिर्फ अभी दीदी की बूर चोदना चाहता था. मैंने दीदी की गांड को पकड़ा और अपना लंड उनकी बूर में फिर से पेल दिया और चोदने लगा. दीदी की गांड बहुत बड़ी थी, जिसे पकड़ कर चोदने में बहुत मजा आ रहा था. हर शॉट के साथ दीदी की चुत्तड़ मेरे कमर से टकरा रही थी, जिसे देख कर मेरा जोश और बढ़ रहा था. मैं दीदी की हिलती हुई चूचियों को पीछे से मसल रहा था. मेरा लंड ताबड़ तोड़ दीदी की बूर को चोद रहा था..
दीदी: अह्ह्ह्हह भाई… इतना मजा मुझे कभी नहीं आया चुदने में… फ़क मी डार्लिंग
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ ऐसा बदन तो सिर्फ चोदने के लिए होता है दीदी
मैं १ घंटे से दीदी को चोद रहा था. फिर मैं दीदी को सम्भोग की पोजीशन में लिया. अब मैं दीदी को किश करते हुए चोद रहा था. दीदी ने अपनी टांगो से मेरी कमर को जकड रखा था और वो गांड उछाल उछाल कर चुद रही थी..
दीदी: ओह्ह्ह्हह्हह मेरे भाई कितना चोदेगा मुझे … १ घंटा हो गया है ..
मैं: आआअह्ह्ह्हह दीदी आपका भाई तो पूरी रात आपको चोदेगा…
दीदी: आअह्ह्ह उईईईईई भाई…. फ़क मी हार्डर बेबी..
मैं दीदी को किश कर रहा था, उनकी फुटबॉल जैसी चूचियों को दबा दबा कर चोद रहा था.
दीदी: ओह्ह्ह्हह भाई फ़क योर सिस्टर डार्लिंग… माय स्वीट ब्रदर फ़क मी डीपर बेबी…
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ दीदी आपके जैसी बहन भगवान हर भाई को दे ….
दीदी: उईईईईई भाई …. मेरा निकलने वाला है… कीप फकिंग माय पुसी …. और तेज चोद भाई..
मैं बहुत तेजी से दीदी को चोदने लगा. मेरा लंड घाचा घच दीदी की बूर में अंदर बाहर हो रहा था.. हमारी साँसे तेज हो रही थी… मैं दीदी की बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दबा कर चूस रहा था और लम्बे लम्बे शॉट्स मार रहा था. आआअह्ह्ह्हह भाई और तेज …. चोद अपनी बहन को… दीदी की आवाजे गूंज रही थी… फिर हमदोनो झड गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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RE: मेरी हवस का नाम कंचन दीदी - by neerathemall - 29-08-2022, 05:01 PM



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