29-08-2022, 12:38 PM
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कुछ मिनटों मे ही महंथ,ऊसके साथ आए दोनो व्यक्ति और माथुर,चारों व्यक्ति आसन जमा चुके थे।एक कतार में।सबों के हाथ में दारू का ग्लास था जिसका वो बार बार चुस्की लगा रहे थे।ऊधर रमेश भैयाऔर बलवंत उषा भाभी की मामी कि गांड और मुंह में पुर्ववत अपने अपने लौड़े से ठुकाई करते जा रहे थे,बिच बिच में महंथ भद्दी भद्दी गालियां भी देता जा रहा था.कभी कहता का रे बलवंत देखत वाटे कैसे सासूमां आपन दामाद के लौरा घचाघच ले रहलीस।का हो का नाम बा सासुचोद के,जी रमेस माथुर ने बताया।हां रमेसवा कइसन लागता सासूमाँ के गांड फारे में।भैया केया जबाब देते,पर उनकी चुप्पी से महंथ डपट भरे स्वर में गाली के साथ बोला,बहानचोद तहरा मुंह में अपन माई के चुंची बा कि बहिन के बुर दाबले बाटे जे जबाब नइखे देत हरामी।