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Adultery मधुर संगम
#35
(11-08-2022, 10:44 PM)Lingaaa Wrote: कुछ गाओं वालों हैमत कर के आगे आये डाकूओको पकड़ भी लिया.  दिलाबर ने उनलोगो के ऊपर गोली चल्दी. कुछ लोक घ्याल हो गये. सब डर के मारे पीछे हट गए. फिर गुसे मै आग्ग बबूला हो के चौधरी कि तरफ बन्दुक कर के गोली मार ने बाला था कि. चौधरीन कामिनी देबी उसकी हात ऊपर कर देती है. गोली हबा में चलजती है.


दिलाबर -तुझे अपनी पति के साथ  मरना हे क्या,  तेरी बोहु कि हालत जैशा तेरी भी कर दूँ.

फिर दिलाबर उसकी साड़ी को पकड़ खींचने लग ता हे. ऐसा देख चौधरी उठ के फिर लाढ पड़ा दिलाबर से. आब दिलाबर को बहुत मारा, लेकिन दिलाबर फिरसे उसकी जुन्गाल से निकल गया और एक गोली मार दी, चौधरी के सामने उसकी बोहु आ जाती हे.उस को छू के निकल जाता हे.उसके को देख कामिनी देबी, चौधरी, गाओं वाले चौक जाते हैँ.और कितनो को आंख आसु से भर जाता हो .

 चौधरी कि बोहु -माफ़ कर दो.छोड़ दे मेरे ससुर और सासु माँ को, .हात जोड़  बिनती कर ने लगी.

कामिनी जी अपने आँखों से आँसू पोछते हुऐ चीला के बोलति हे – बस,आब बंध करो मासूम लोको कि जान लेना और ए खून ख़राब .तुमको  कया चाइये  मेरा ए जिस्म. ठिक है मै तुम्हारे साथ चल ने केलिए तैयार हूँ. लेकिन मेरी एक सर्त है ,कि आभी ऐसी गाओं कि तरफ तुम लोक कभी भी नजर उठा के नहीं देखो गे .नहीं इस गाओं में अपना दहसथ फैलाओगी,नाहीं कोई औरत को छुओगी .

चौधरान का ए अंगारावाला रूप देख के चौधरी को लाज से सर झुकालेटा है और दिलाबर  बहुत प्रभावित होता है, ऐसी चंचल और इस उमर में भी, इतना हौसला रखने वाली महिला उसने अपनी पूरी जिंदगी में पहली बार देख रहा था. फिर चौधराइन कामिनी देवी के आंखों से आंसू टपक पड़ते हैं और वह अपनी साड़ी सेहो करते हुए, अपनी बहू की तरफ भागती है और उसको खून से लथपथ अपनी बाहों में उठा देती है.

चौधरी जी- ऐसा मत करो चौधरीन.. मैं जीते जी मर जाऊंगा, किसी को भी शक्ल दिखाने के लायक नहीं रहूंगा,

 सारे गांव वाले, सारे रिश्तेदार यही बोलेंगे कि मैं तुम को रोक नहीं सका,,, और तुम्हारी जिंदगी खराब कर दी..

 कामिनी   देवी – ऐसा मत बोलिए जी, इसमें आपकी कोई गलती नहीं है यह तो मेरा दुर्भाग्य है जो मैं आप और अपने बेटे को छोड़कर गांव वालों का रक्षा करने के लिए उसको सामने खुद को समर्पित कर रही हूं,,, कितने औरतों की इज्जत और आबरू मेरी वजह से बच जाएगी..  बोल कर रोने लगी…. उसी समय पर ऐसे आ गया ज्यादा खून बह जाने की वजह से चौधरी भी वहां पर बेहोश हो जाता है.

चौधरी सरम के मारे खून से लटपट अपना सर जमीन में  मार रहा था ,उसे ऐसा लग रहता जैसे उसके सामने उसकी इज़्ज़त भरे बाजार नीलम हो रहा है.

 दिलावर का गुस्सा थोड़ा शांत होता है और वह बोलता है. सरदार ने एक निघा चौधरीनी को देखा और चौधरीनी ने भी सरदार को नजर  उठा के असून वाली नजर से देखा ..उस  नजर मिलने से कितने जिंदगी तभा होन से बच्गई.

मगर चुधारनी अंदर  पहेली बार आग कि चिंगारी लग गई थी, जो चौधरीनी  को जिनझोडेके रख दिया था ,और सरदार कि अंदर भी .
दिलावर- ठीक है, अगर तुम मेरी बात से सहमत हो और मेरे साथ 1 साल रहोगी और  मेरा बच्चा पैदा करके दोगी , तो मैं वादा करता हूं कि इस गांव और चौधरी के खानदान के ऊपर हम लोग के तरफ से कभी कोई आफत नहीं आएगा.

उसके बात सुन के सारे गाओं वाले ,चौधरी ,और डाकू लोक  हैरान हो गये.आभी इस उम्र में चौधरनी का बच्चा पैदा कर पायेगी .

फिर चौधरान कि आँखों में आसू आजाते हैँ..और अपनी बोहु और पति को गाओं वालों के मदत से घर ले जाती हे डॉक्टर साहब को बुलाने कुछ लोक चलेजाते हैं .अर अपनी फटे हुऐ ब्लाउज़ को निकाल दूसरे ब्लाउज फेहन के, फूट-फूट कर रोने लगी.. रोती हुई वह कमरे से बाहर जाने वाली थी कि अजय ने,, कामिनी   देवी का हाथ पकड़ लिया. फिर कामिनी   देवी रुक गई  और पीछे की तरफ मुड़ के अजय को देखा 
फिर वह  अपने बेटे के पास आई

 कामिनी   देवी – बेटा मुझे जाने दो,, नहीं तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा..

उस के वाद सारे गाओं कि औरत आके चुदारनी से गले मिले के रोनी लग ति है.कामिनी देबी गाओं वालो से हाथ जोड़ के अपनी पति, बोहु और बेटा का ध्यान रखने केलिए बिनती करति हे.

गांव वाले – हाथ जोड़ते हुए बोले मालकिन आपका एहसान हम लोग कभी नहीं भूलेंगे आप हमारे लिए भगवान हो.. हम गांव वालों की औरत लोग की इज्जत बचाकर आपने हम लोग के ऊपर इतना बड़ा एहसान किया है कि आप कभी भी वापस इस गांव में आएंगे तो हम लोग आपकी पूजा करेंगे,,

दिलाबर से बर्दास्त नहीं होता हे, वोः घर के अंदर आता हे और कामिनी देबी का हाथ पकड़ बाहर किछ लेता हे,गाड़ी मै बैठा के निकल जात हे.

Update do bhai
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मधुर संगम - by Lingaaa - 21-07-2022, 11:26 AM
RE: मधुर संगम - by Sachit96 - 21-07-2022, 11:36 AM
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RE: मधुर संगम - by bhavna - 27-07-2022, 01:21 AM
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RE: मधुर संगम - by Ratnadeep - 04-08-2022, 06:00 AM
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RE: मधुर संगम - by neerathemall - 08-08-2022, 06:29 PM
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RE: मधुर संगम - by Bluee - 09-08-2022, 12:26 AM
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RE: मधुर संगम - by Bandabia - 10-08-2022, 06:23 AM
RE: मधुर संगम ( एक घेरेलु संस्कारी औरत कि कहानी ) - by Ratnadeep - 26-08-2022, 06:26 AM
RE: मधुर संगम - by saya - 12-08-2022, 07:04 AM
RE: मधुर संगम - by Bandabia - 12-08-2022, 06:40 PM
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RE: मधुर संगम - by Shabaz123 - 26-08-2022, 07:48 AM
RE: मधुर संगम - by Shabaz123 - 26-08-2022, 10:07 PM



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