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Incest चचेरी बहन बबिता ने ........................
#4
वो जल्दी से बाहर आई और बोली चलिए भैया यही पीछे वाली सड़क पर एक पार्क है वहीं तक चलते हैं फिर हम बातें करते हुए चल पड़े उसने कहा आपने तो पहले ही दिन बाबूजी को इम्प्रेस कर डाला इतनी तारीफ वो करते नही किसी की जितनी आपकी कर दी मैंने कहा अभी तो पहला दिन ही था जरा महीना बीतने दो फिर देखना यूँ ही बातें करते करते हम उस पार्क तक आ गए ये एक ज्यादा बड़ा तो नही फिर भी ठीक ठाक पार्क था रात के साढ़े 9 बज रहे थे सड़क पर ज्यादा लोग नही थे बबिता ने कहा अंदर चलेंगे मैंने कहा हां चलो देखे जरा कैसा है पार्क हम अंदर आ गए अंदर इक्का दुक्का लड़के इधर उधर बैठे अपने मोबाइल फ़ोन्स में बिजी थे कोई बात कर रहा था कोई वीडियो देखने मे बिजी हम चलते हुए पार्क की पिछली दीवार की ओर आ गए पार्क की चौड़ाई कोई 200 मीटर थी और मध्य से एक 20 फुट का रास्ता एकदम पीछे तक चला गया था रास्ते के दोनों ओर आगे छोटे पौधे और झाड़ियां थी पीछे की ओर बड़े पेड़ थे काफी हरा भरा पार्क था जब हम एकदम पीछे की ओर पहुंच गए तो मेरे मोबाइल की घंटी बजी मैंने जेब से अपना खटारा सा फ़ोन निकाला ये नोकिया का 1200 मॉडल था जिस पर बात करते हुए आपके पास खड़ा इंसान दूसरी ओर से आने वाली आवाज़ आराम से सुन सकता था….. मैंने डिस्प्ले पर नजर डाली अननोन नंबर था तो मैंने कॉल रिसीव कर ली हेलो बोलते ही उधर से एक लेडीज आवाज़ आयी कैसे हो संजय मैंने मैं ठीक हूँ पर आप कौन उधर से आवाज़ आयी हाय मेरे चोदू राजा शहर जाते ही अपनी भाभी को भी भूल गए….. मैं बड़ी असमंजस की स्थिति में आ गया ये सुनीता थी पता नही किसके फ़ोन से कॉल कर दी अगर उसने अपने नंबर से कॉल की होती तो मैं बबिता के सामने रिसीव ही नही करता मैंने हकलाते हुए कहा नही नही ऐसी बात नही है भाभी वो असल मे ये दूसरा नंबर है ना सुनीता ने कहा हाँ वो मेरे फ़ोन में रिचार्ज नही था इसलिए बगल वाली पिंकी की माँ का फ़ोन ले कर आई बड़ा मन कर रहा था राजा तुमसे बात करने का….. कल इतनी जोर जोर से चोदे थे कि आज चूत में दर्द हो रहा है….. भाभी की ये बात सुन कर एक ओर मेरे लंड में हरकत हुई वहीं दूसरी ओर बबिता की मौजूदगी से मेरी हालत खराब हुई जा रही थी फ़ोन से काफी तेज आवाज आ रही थी मैं शर्म के मारे बबिता की ओर देख भी नही पाया….. तभी बबिता बोली भैया आप बात कर लो मैं दो मिनट में आई और वो उस मुख्य रास्ते से उतर कर साइड में चली गयी मैंने चोर नजरो से उसकी ओर देखा, पार्क में रास्ते के दोनों ओर खंभे और एलईडी लाइट्स लगी थी जिससे पार्क में तेज रोशनी थी बबिता अपनी भारी गांड़ मटकाती हुई एक झाड़ी के पास पहुंची और थोड़ा सा झाड़ी की आड़ ले कर अपनी कुर्ती उठा कर अपनी पजामी सरका कर बैठ गयी उफ्फ वो शायद मूत रही थी…. तभी भाभी की आवाज़ आयी क्या हुआ संजय चुप क्यों हो मैंने कहा भाभी तुमने गलत टाइम फ़ोन कर दिया अभी मेरी चचेरी बहन है साथ मे उसके सामने कैसे बोलूं कुछ तो भाभी हंस कर बोली लगता है बहन को पा कर भाभी को भूल ही जाओगे पर याद रखना तुम्हारे लंड को चूत भाभी देंगी बहन नही मैंने कहा क्या बोल रही हो यार अब चुप रहो फ़ोन रखो कल दिन में बात करूंगा तुमसे….. सुनीता से बात करते हुए मैं कुछ कदम पीछे आ गया था और अब मेरी नजर झाड़ी के पीछे बैठी हुई बबिता पर पड़ी आहह क्या मस्त भरे हुए सुडौल भारी काले काले चूतड़ थे बबिता के सुनीता और पिंकी उन दोनों को कई बार नंगा देख चुका था चोद चुका था पर बबिता की सेक्सी सांवली गांड़ ने मेरे दिल और लंड में आग लगा दी उधर बबिता ने एक बार जरा सा गर्दन घुमा कर मेरी ओर देखा और मेरी नजर अपने चूतड़ों पर चिपकी देख उसने एक बार अपनी अपनी मोटी गांड़ को झटका दिया और उठ खड़ी हुई खड़ी हो कर उसने पहले अपनी पैंटी ऊपर की उफ्फ कसे हुए चूतड़ों पर उसकी फ्लावर वाली गुलाबी पैंटी बड़ी खूबसूरत लग रही थी फिर उसने अपनी पजामी भी ऊपर कर ली और नाड़ा बांधने लगी मैं थोड़ा सा आगे चले गया मेरा लंड इस शानदार दृश्य को देख कर एकदम खड़ा हो गया था और लोअर में अच्छा खासा उभार बना हुआ था मुझे बड़ी तेज मुठ मारने की इच्छा हो रही थी पर कैसे??? तभी बबिता तेज चलती हुई मेरे पास आई और बोली भैया हो गयी बात किसका कॉल था मैंने कहा अरे वो पड़ोस की भाभी थी ऐसे ही हाल चाल ले रही थीं हम चलते हुए थोड़ा और आगे आये वहां एक पत्थर की बेंच लगी थी बबिता बोली आइये बैठते हैं यहां थोड़ी देर हम उस बेंचपर बैठ गए तो बबिता बोली लगता है ये कोई खास भाभी हैं आपकी मैंने कहा नही ऐसी कोई बात नही है तभी बबिता की नजर मेरे लोअर के उभार पर पड़ी और वो थोड़ा मुस्कुरा कर बोली लगता है भाभी की बातें अंदर तक असर कर गईं हैं मैने उसकी बात का अर्थ समझ कर अपने लोअर में बने टेंट पर हाथ रखा और फिर मैं ये कहते हुए उठ खड़ा हुआ कि मैं भी जरा हल्का हो के आता हूँ और बेंच के पीछे की ओर एक पेड़ की साइड में जा कर लंड निकाल कर मूतने लगा बबिता मुझसे 5-6 मीटर की दूरी पर ही थी मैंने चोर नजरो से देखा वो भी बड़ी दिलचस्पी से मेरी ओर देख रही थी पर मेरी पीठ उसकी ओर थी तो उसे मेरा लंड नही नजर आ रहा था पर मुझे ऐसा लगने लगा था कि बबिता मेरा लंड देखने के लिए उत्सुक है और मुझे ये भी लग रहा था कि बबिता एक चालू टाइप लड़की है जिसे कोई आसानी से फंसा कर चोद सकता है फिर मेरे मन मे ख्याल आया कि जब मेरे गांव की रहने वाली अनपढ़ 16 साल की पिंकी 2-3 लड़को से चुद गयी तो बबिता तो कानपुर शहर में रहती है 10वीं तक पढ़ी भी है और नौकरी भी करती है चार घरों में आती जाती है ये तो जरूर ही चुदती होगी ये सब सोच कर मूतने से लंड में जितना ढीलापन आया था वो गायब हो गया और लंड फिर से सख्त हो गया और ना चाहते ही भी मैं लंड को धीरे धीरे मुठियाने लगा तभी अचानक मुझे लगा बबिता बड़े गौर से मेरा हिलता हुआ हाथ देख रही है और मैंने मन मार कर लंड अंडरवियर में ठूंस दिया और फिर वापस आ गया बबिता ने कहा भैया घर चले मैंने कहा हां चलो चलते हैं पर कल से रोज आएंगे यहां खाने के बाद उसने खुश होते हुए कहा ठीक है…..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चचेरी बहन बबिता ने ........................ - by neerathemall - 23-08-2022, 05:48 PM



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