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Incest बेटी ने समझा मर्द का दर्द
#18
मैंने खड़ा होकर अपने कपड़े निकाल दिए और फिर बैॅड पर लेट गया। सायरा ने खड़ी होकर अपने कपड़े निकाल दिए और खड़ी हो गई। मैं उसका संगमरमरी बदन देखकर पागल होने लगा। उसके बूब्ज़ ऐसे लग रहे थे जैसे आईसक्रीम के दो कपों के ऊपर हल्के गुलाबी रंग की गोल गोल टॉफियां लगी हों। उसका चेहरा जन्नत की हूर जैसा लग रहा था। मुझे लग रहा था कि मुझ से खुश होकर अल्लाह ने मेरे लिए जन्नत की हूर भेज दी हो। मैं सायरा का कामुक बदन देखकर होश भूलने लगा। उसका बदन देखकर लग रहा था जैसे खुदा ने उसे बहुत फुर्सत में बनाया होगा। उसका एक एक अंग ऐसे तराशा हुआ था जैसे सेक्स की मूर्ति हो। उसके बड़े-बड़े बूब्ज़ और चूतड़ देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया।

सायरा बिल्कुल नंगी होकर मेरे साथ लेट गई और अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए। उसके होंठ मक्खन जैसे मुलायम और अंगूर जैसे रसीले थे। उसके नर्म और रसीले होंठों का स्पर्श पाकर ही मेरा लंड तन गया। सायरा ने मेरा नीचे वाला होंठ अपने होंठों में लेकर चूसने लगी और मैं मदहोश होने लगा।
मैंने सायरा का सिर जोर से पकड़ लिया और जोर जोर से होंठ चूसने लगा। वो भी जोर से चूस कर मेरा साथ देने लगी। हम एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर जीभ चूसने लगे और होंठों को काटने लगे। सायरा बहुत गर्मजोशी से मेरा साथ देने लगी। मेरे होंठों को चूसते चूसते वो मेरा लंड हिलाने लगी। बहुत सालों बाद मेरे लंड को किसी लड़की का स्पर्श नसीब हुआ था और मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूं।
मैंने ये बात सायरा को बोली तो उसने मुझे जल्दी से खड़ा कर दिया और लपक कर मेरे लंड को हाथ में ले लिया। सायरा मेरा लंड को तेज़ी से हिलाने लगी और बार बार मेरे लंड के टोपे को चूमती। मैंने जल्दी से अपना लंड सायरा के मुंह में दे दिया और उसके मुंह में धक्के मारने लगा। वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे बहुत बड़ी रंडी हो। मेरा लंड सायरा के मुंह की गर्मी ज्यादा देर नहीं झेल पाया और उसके मुंह में वीर्य उगल दिया। मैं बैॅड पर बैठ गया और सायरा बाथरूम में मुंह साफ करने चली गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बेटी ने समझा मर्द का दर्द - by neerathemall - 23-08-2022, 03:22 PM



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