22-08-2022, 02:58 PM
दिल्ली की चमक दमक और लडकियों को हम ताड़ते थे, मैं से मतलब सिर्फ मैं, क्यूंकि पिया तो खुद ही एक लड़की है। ये हम दोनों का रोज का रूटीन था। अब तक ६ महीने हम लोगो को हो गये थे साथ में रहते। आज फिर से मेरा गोपाल की बहन पिया को चोदने का मन था। रात में पढाई के बाद हम साथ एक ही बिस्तर पर लेट गये।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
