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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
उसके बाद आकर हम दोपहर में अपनी बिल्डिंग की मेस में ही खाना खाते थे। इस पूरी बिल्डिंग को बिहारी भवन कहा जाता था क्यूंकि यहाँ पर सिर्फ बिहार के स्टूडेंट्स ही चारों तरफ दिखते थे। खाना बनाने में बहुत वक़्त बर्बाद होता है, इसलिए हम दोनों खाना मेस में ही खाते थे। खाना खाकर ३ बजे तक सोना, उसके बाद ६ बजे तक पढ़ना, फिर शाम को ८ बजे बत्रा सिनेमाहाल का एक चक्कर लगता था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 22-08-2022, 02:58 PM



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