22-08-2022, 02:57 PM
हम दोनों दिल्ली आ गए और मुखर्जी नगर में सिविल की तैयारी करने लगे। मुखर्जी नगर को दिल्ली में सिविल की तैयारी करने वालो का गढ़ माना जाता है। हम लोग एक ही बिल्डिंग में कमरा किराये पर लेकर रहने लगे। आपको बता दूँ की मैं पढने में काफी होशियार था, इसके साथ ही मैं काफी चोदू टाइप का आदमी था और कई लडकियों की रसीली चूत का शिकार कर चूका था। धीरे धीरे गोपाल की बहन पिया मुझे बहुत अच्छी लगने लगी, हम दोनों एक ही उम्र के २१ २१ साल के थे। धीरे धीरे पिया भी मुझे पसंद करने लगी। यहाँ दिल्ली में हमे कोई देखने वाला तो था नही, तो मैंने पिया का कमरा छुडवा दिया और अब वो मेरे ही साथ रहने लगी। मैंने उसे २ ३ बार चोद भी लिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
