22-08-2022, 02:53 PM
बाहर से मैं मना करता. बाहर से मैं दिखावा करता, पर अंदर से मैं भी उसको पेलना चाहता. जैसी ही मैं उसके कमरे में आ जाता. सीधा उसकी बुर पर उसकी साड़ी के उपर से हाथ लगाने लगता. बड़ी बेफिक्री से उसके दूध दबा देता और फिर उसकी चूत में मैं गोते लगाता. १ साल तक मैंने अमित की बहन मनोरमा को खूब चोदा, फिर मैंने शादी कर ली. अब वो कहाँ है, मैं नही जानता.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.