22-08-2022, 02:52 PM
मैं मस्ती से उसका दूध पीने लगा. फिर मैंने उसकी साड़ी निकाल दी. मनोरमा को चोदने के लिए तयार कर लिया. वो ये बात साफ साफ जानती थी की उसका मुझसे शादी करने का सपना कभी पूरा नही होगा फिर भी वो मुझसे चुदवाने जा रही थी. ये बात मुझे भी पसंद आई. आखिर मुझे मनोरमा की चूत के दर्शन हो गए. कोई बहुत जादा सुंदर चूत नही थी, फिर भी उसकी इज्जत थी. मनोरमा ने अपनी इज्जत मुझे दे दी थी. एक सेकेंड के लिए लगा जैसे मैं अपने जिगरी दोस्तों अमित के घर डाका डालने जा रहा था. मनोरमा ने मेरे लिए कितने सपने सजाये थे. आज इसको चोदकर इसके सारे सपने मैं पूरे कर दूँगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.