22-08-2022, 02:50 PM
मैं उसे अपने बिस्तर पर ले गया. मेरा हाथ उसके मम्मे पर जाने लगे. मनोरमा के पास सब कुछ था, बस मम्मे नही थे. बहुत कम जरा जरा से मम्मे थे उसके पास. चेहरा तो ठीक ठाक था उसका. यही मम्मे ना होने के कारण सायद मैंने उसको पसंद नही करता था. पर जैसे भी हो मुझे इस नई चूत को तो आज चोदना ही था. मनोरमा भी जान गयी की मैं उसको चोदने वाला हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.