22-08-2022, 02:47 PM
मैंने उसके प्रपोज का कोई जवाब नही दिया. ना मैंने हाँ कहा. ना मैंने ना कहा. जिस बात का डर था वही हुआ. मनोरमा मुझसे दिल ही दिल में बेपनाह मुहब्बत करने लगी थी. कुछ दिन जब मैं अमित के घर गया तो वो कहीं बाहर गया था. सिर्फ मनोरमा ही थी. उसने मुझे पकड़ लिया. मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे गले से लगा लिया. मैं हैरान था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.