22-08-2022, 02:47 PM
मेरा शक यकीन में तब बदल गया जब मनोरमा ने मुझे न्यू यिअर पर कार्ड दिया. उसमे उसने प्यार भरी कई शायरी लिखी थी. अपना फोन नॉ भी मनोरमा ने लिख दिया. मेरी मनोरमा में कोई खास दिलचस्पी नही थी. क्यूंकि मेरे पास २ गजब की माल पहले से थी. कीर्ति और रजनी मेरी पहले से ही २ माल थी. दोनों गजब की माल थी. दोनों को मैं बारी बारी से चोदता था. पर इन दिनों मनोरमा लगातार मुझमे दिलचस्पी दिखा रही थी. मेरे समझ में ये नही आ रहा था की मैं उसकी लाइन लू या ना लू. एक नई लौडिया, एक नई चूत मेरा इन्तजार कर रही थी. पर मनोरमा कोई दूसरी या ऐरा गैरा लड़की नही थी. वो मेरे बेस्ट फ्रेंड अमित की सगी बहन थी. इसलिए मैं कशमकश में था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.