22-08-2022, 02:47 PM
अमित के घर मैं जब भी जाता था उसकी बहन मुझसे एक बार तो मिलने जरुर आती थी. अमित की बहन मनोरमा मुझसे सायद प्यार करने लगी थी. पहले मैंने ध्यान नही दिया पर धीरे धीरे मेरा शक यकींन में बदल गया. असल में मैं और अमित दोनों ही श्रीवास्तव है. सायद उसकी बहन मनोरमा सोचती हो की हम दोनों की शादी हो जाएगी क्यूंकि हम एक ही कास्ट के है. जब भी मैं अमित के घर जाता, मनोरमा झट से आ जाती और वहीँ मेरे इर्द गिर्द घूमने लग जाती. अमित की माँ भी मुझे प्यार करती थी. कभी भी बिना चाय पिए नही जाने देती थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.