22-08-2022, 01:51 PM
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जब घर में मेरा जवान भाई है तो, और वो मुझे खींच कर अंदर ले गई. और पलंग पे धक्का दे दी. दीदी के मुंह से सबरब की बू आ रही थी पर उनके बदन से इत्र की खुशबु थी और होठ लाल लाल, क्या बताऊँ .क़यामत थी. मजा आ गया था, वो मेरे होठ को चूसने लगी. और मैंने उनके अपने आगोश में भर लिया, उनकी चूचियाँ मेरे सिने पे लोटने लगा, और मैं होठ को चूमने लगा. और पीछे उनके चूतड़ को पकड़ कर उनके चूत को अपने लंड से सटा लिया,
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.