22-08-2022, 01:49 PM
(This post was last modified: 23-08-2022, 11:55 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
तो लगा तो ठीक से चल नहीं पा रही थी. मैंने पूछा दीदी क्या बात है. तो वो लड़खड़ाते आवाज में बोलने लगी. कुछ नहीं यार एक पेग ले ली. पर जानते हो सूरज आजकल जवना कितना खराब हो गया है. मैं तो आज की पार्टी देखकर हैरान रह गई. पंद्रह औरत थी किट्टी पार्टी में. आज खूब पार्टी, शराब, खाना, पिन और एक नई चीज थी, जिगोलो, पता है. चार लड़के आये थे, सब औरतों को खुश कर रहे थे, मैंने कहा क्या दीदी खुश कर रहे थे मतलब, अरे सूरज तुम नादान हो, तुम भोले हो, आजकल जमाना बदल गया है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.