22-08-2022, 01:49 PM
(This post was last modified: 23-08-2022, 11:20 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
शाम को मैं घर आया कहना फिर कहकर टीवी पर डीवीडी लगाकर मैं ब्लू फिल्म देखने लगा. और वही सोफे पर ही बैठे बैठे मूठ मारने लगा. क्यों की मैं घर में अकेला था. रात को करीब बारह बज गए तभी फ़ोन आया की मैं दस मिनट में आ रही हु, मैं फटा फट टीवी बंद किया और अपने कमरे में चला गया, दीदी दूर बेल्ल बजाई, और मैं दरवाजा खोल तो हैरान रह गया. दीदी गजब की लग रही थी. बाल खुले थे, रेड कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी, टाइट फ्रॉक पहनी थी. गजब की सुन्दर लग रही थी. मैं तो देखते ही उनको देखता रह गया, उनकी चूचियाँ फ्रॉक के ऊपर से दबकर निकल रही थी. गोरी और लम्बी तो है. ही, निचे हिल बाला सेंडल पहनी थी. जब वो अंदर आने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.