22-08-2022, 01:40 PM
उसने मेरे चुच्चो का रस पीकर रुक गया। अभय ने मेरे लोवर को नीचे सरका दिया। मेरी लोवर को नीचे करके निकाल कर उसने मुझे पैंटी में कर दिया। अभय के सामने मै पैंटी में खड़ी थी। मुझे शरम आ रहीथी। अभय ने मेरी पैंटी पीकर अपना हाथ रखकर घुमाने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
लग रहा था अभय मुझे गुदगुदी कर रहा है। अभय ने कुछ देर तक मेरी चूत पर हाथ फेरा उसके बाद उसने मेरी पैंटी निकाल दी। मैंने अपनी चूत को हाथ से ढक लिया। अभय ने मेरे हांथो को हटा कर। मेरी चिकनी चूत के दर्शन करने लगा। अपना मुँह मेरी चूत पर लगा कर चाटने लगा। मुझे चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था। वो अपना जीभ मेरी चूत पर चला कर चाट रहा था। अभय को भी मेरी चूत चकटने में बहुत मजा आ रहा था। उसने अपनी जीभ को मेरी चूत में घुसा दी। मै सिसक रही थी। मैं-““….अई….अई….अई……अई…-इसस्स्स्स्स्स्स्स……उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह की सिसकारियां मेरे मुह से निकल रकही थी। मैंने अपनी चूत में अभय कर सर दबा दिया। वो और जोर से मेरी चूत पीने लगा। मै बहुत ही गर्म हो गई। मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। उसने मेरी चूत का सारा माल पी लिया।
लग रहा था अभय मुझे गुदगुदी कर रहा है। अभय ने कुछ देर तक मेरी चूत पर हाथ फेरा उसके बाद उसने मेरी पैंटी निकाल दी। मैंने अपनी चूत को हाथ से ढक लिया। अभय ने मेरे हांथो को हटा कर। मेरी चिकनी चूत के दर्शन करने लगा। अपना मुँह मेरी चूत पर लगा कर चाटने लगा। मुझे चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था। वो अपना जीभ मेरी चूत पर चला कर चाट रहा था। अभय को भी मेरी चूत चकटने में बहुत मजा आ रहा था। उसने अपनी जीभ को मेरी चूत में घुसा दी। मै सिसक रही थी। मैं-““….अई….अई….अई……अई…-इसस्स्स्स्स्स्स्स……उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह की सिसकारियां मेरे मुह से निकल रकही थी। मैंने अपनी चूत में अभय कर सर दबा दिया। वो और जोर से मेरी चूत पीने लगा। मै बहुत ही गर्म हो गई। मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। उसने मेरी चूत का सारा माल पी लिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.