22-08-2022, 12:06 PM
मैंने पैर फैला लिया वो भी अपने पीछे तकिया लगा के पैर फैला ली अब उनका एक पैर मेरे दोनों पैरों के बीच में और मेरा एक पैर उनके दो पैरों के बीच में, एक ही कंबल में थे, अचानक उनका पैर मेरे लंड को छु गया, मेरा लंड पहले से खड़ा था क्यों कि वो बिना दुपट्टे के बैठी थी जिससे उनकी दोनों चूची साफ़ साफ़ दिख रही था और आधा चूची बाहर लटक रहा था उसपर से एक सोने का लॉकेट गजब का लग रहा था, वो समझ गयी कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है, अब वो थोड़ा निचे सरक गयी और मेरा पैर उनके चूत पे जा टिका मैंने महसूस किया कि उनका चूत काफी गरम हो चूका था, वो अब धीरे धीरे अपने पैर से मेरे लंड को दबाने लगी, मैंने भी अपने पैर से उनके चूत को महसूस करने लगा, अब दोनों चुपचाप थे, और बस पैरो से ही सब हो रहा था वो बोली मुझे थोड़ा कंजस्टेड हो रहा था क्या मैंने आपके पैर पे ही अपना सर रख लू, मैंने कहा ठीक है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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