22-08-2022, 12:06 PM
दूसरे दिन नई दिल्ली स्टेशन से मुंबई राजधानी में बैठ गए हम दोनों का साइड बाला सीट था, दोनों बैठ गए उसके बाद चाय कि चुस्की के साथ बातचीत सुरु हुआ, और रात को खाना भी आ गया खाना खाके आइसक्रीम खाए करीब ५ घंटे का सफर तय हो गया तभी टीटी आया और बोला सर आपका टिकट कन्फर्म हो गया है आप इसी कि ऊपर बाला ले लीजये मैंने उसे थैंक्स कहा और फिर बात चित सुरु. रात के करीब ग्यारह बजे मैंने कहा मैं ऊपर चला जाता हु आप निचे रह जाइए. तभी बोली अरे सोते तो रोज है, आज अच्छा लग रहा है बात चित करने में, तो मैं रूक गया फिर उन्होंने कहा कि आप पैर फैला लो कोई बात नहीं ये सब ट्रैन में चलता है वो पर्दा लगा दी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.