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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#91
मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-13

मिलन की तैयारी




हम नाश्ता करने हाल में चले गए। नाश्ते के बीच-बीच में मैं उसकी तरफ़ देखता ही जा रहा था और जब भी मैं उसे देखता था तो मैंने उसे मेरी तरफ देखते हुए पाया और दोनों एक दुसरे को देख मुस्कुरा देते थे और वह शर्मा कर आँखे झुका देती थी। वह मेरी नजरे भांप गयी थी। वह सेक्सी लग रही थी। जब लड़की रोमांस कररही होती है तो उसमे लग ही निखार आ जाता है वैसा ही निखार जेन में आ गया था क्योंकि अब उसका और मेरा रोमांस चल रहा था। फिर लूसी और डायना ने मिल कर जेन का थोड़ा मेक अप किया।

उसने कहा-"क्या देख रहे हो। ..."

"तुम्हे। इतनी खूबसूरत कभी नहीं लगी तुम। ।"

"हटो।" वह शरमा गयी।

"सच। तुम्हे बाँहों में लेने का मन कर रहा है"

"आमिर!"

"आओ मेरे गले लग जाओ.।"

' मैं कुर्सी से खड़ा हो गया और अपनी बाहें फैला दी। जेन धीरे-धीरे आंखे बंद करके मेरी तरफ़ बढने लगी। लूसी को शरारत सूझी उसने डायना को आँख मारी और डायना ने जेन को पकड़ लिया और इतने में लूसी ने मुझे अपने आलिंगन में कस लिया। मेरी पेंट में नीचे से लंड का उभार लूसी की टांगों के बीच में गड़ने लगा।

मुझे लिपटने का अंदाज जाना पहचाना लगा और आँखे खोली तो देखा लूसी मेरे से चिपकी हुई थी और डायना जेन से चिपकी हुई थी। मैं लूसी से कस कर चिपका तो वह और मेरे साथ चिपक गयी। मैंने लूसी के चेहरे को प्यार से ऊपर कर लिया और निहारने लगा। लूसी की आंखे बंद थी। हौले से मेरे होंट लूसी के होंटों से चिपक गए. कुछ देर बाद लूसी बोली आप दोनों थोड़ा इन्तजार करो, जेन अपनी ड्रेस चुन ले फिर हम जेन को त्यार कर देती हैं। तो मैं बोला देखो लूसी अब न तो मुझ से इन्तजार हो रहा है और न ही जेन से।

लूसी बोली आपका तो मुझे इस आलिंगन से पता लग गया है। अब मिस जेन से भी पूछे लेते हैं

लूसी ने जेन की तरफ मुस्कुरा कर देखा और बोली क्या आमिर ठीक कह रहे हैं मिस जेन अब आप से भी इन्तजार नहीं हो रहा है।

जेन कुछ नहीं बोली बस मुस्कुरा कर डायना के हाथो को अपने स्तनों पर रख उसके हाथो को अपने स्तनों पर दबाने लगी और डायना को किश करने लगी।

तो ठीक है मिस हम आप दोनों को दस मिनट दे रहे हैं।

मैं लूसी की गिरफ्त से निकल तेजी से जेन की तरफ लपका।

तो लूसी और डायना दोनों हसने लगी अरे आराम से मस जेन कही भागी नहीं जा रही अब वह आपकी हैं।

मैं कुछ नहीं बोला और मिस जेन को डायना के हाथो से खींच कर अलग किया और अपने गले से चिपका लिए और उसने अपने आपको मेरे हवाले कर दिया। हमारे होंठ जुड़ गए और वह मुझे चूमने लगी। उसने मेरे होंट दबा लिए और मेरे नीचे के होंट को चूसने लगी। मैं आनंद से भर उठा। मेरे नीचे का उभार उसकी टांगों के बीच अब ज्यादा चुभ रहा था। उसने थोड़ा सेट करके मुझे अपनी टांगों के बीच में कर लिया। मैंने लंड को उसकी योनि क्षेत्र पर दबा दिया और वह भी मेरे पर-पर नीचे से जोर लगा-लगा कर चिपकी जा रही थी।

फिर मैं अलग होते हुए बोला-"मिस जेन। एक बात कहूँ।"

"कहो आमिर"

"मैं तुम्हे देखना चाहता हूँ।"

वो तीनो मेरा मतलब समझ गयी, पर मेरे को तड़पाते हुए मजा लेने लगी। "तो देखो न। सामने तो खड़ी हैं मिस जेन।" डायना बोली

"नहीं। ऐसे नहीं।"

"लूसी ने इठला कर कहा-" तो फिर कैसे। "

"मतलब। कपडों में नहीं।"

"हटो आमिर। चुप रहो।" मिस जेन शर्माते हुए बोली

"न। । नहीं। । मैं तो यूँ ही कह रहा था।"

मिस जेन फिर मेरे से लिपट गयी। । " मेरे आमिर। क्या चाहते हो। बोलो।

"कुछ नहीं।"

"मुझे बिना कपडों के देखना चाहते हो न।"

मैंने उसे देखा। फिर बोला। "मेरी इच्छा हो रही थी। तुम्हे देखने की। क्या करून तुम हो ही इतनी सुंदर।"

"वो धीरे से प्यार करते हुए बोली-" सुनो मैं तो तुम्हारी हूँ। ख़ुद ही उतार लो। "

"सच।" मैंने उसके टॉप को ऊपर से धीरे से उतार दिया। वह सिहर उठी।

"आह! आमिर!"

ब्रा में कसे जेन के उरोज उभार कर सामने आ गए. मैंने प्यार से जेन के उरोजों को हाथ से सहलाया। फिर मैंने जेन की ब्रा खोल दी। तो मेरे मुंह से आह निकल पड़ी। जेन ने अपनी आंखे बंद करली। में उसके नज़दीक आया और उसके उभारों को सहला दिया। जेन को उत्तेजना से कंपकंपी आ गयी। मेरे से अब रहा नहीं गया। । मैंने उसके मस्त स्तनों की नोकों को मुंह में भर लिया और चूसने लगा।

"आमिर! मैं मर जाऊंगी। बस। करो।" उसकी ना में हाँ अधिक थी।

मैंने उसकी स्कर्ट की चैन खोल दी और नीचे बैठ कर उसे उतारने लगा। लूसी ने इस काम में मेरी मदद की और डायना ने मेरी शर्ट उतार दी। अब मैं घुटनों पर बैठे-बैठे ही जेन के गुप्तांगो को निहार रहा था। धीरे से मेरे दोनों हाथ जेन के नितम्बों पर चले गए और मैं उसे अपनी और खींचने लगा॥ उसका योनि क्षेत्र मेरे मुंह से सट गया और मेरी जीभ अब जेन की दोनों फाकों के बीच घुस गयी। मैंने थोड़ा और जोर लगा कर उसे अन्दर कर दी। फिर पीछे हट गया।

"देख लिया अब बस करो।" जेन बोली तो मैं खड़ा हो गया। ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड पेंट को फाड़ कर बाहर आ जाएगा।

"आमिर! अब मैं भी तुम्हे देखना चाहती हूँ। मुझे भी देखने दो..."

डायना ने मेरे बाकी कपड़े भी उतार दिए. वह मेरा तराशा हुआ शरीर देख कर शर्मा गयी। अब हम दोनों ही नंगे थे। मेरा खड़ा हुआ लंड और कसरती बदन देख कर डायना बोली हाय!। ये तो बहुत मस्त है। मजा आ जाएगा। । पर मुझे कुछ नहीं कहना पड़ा। जेन ख़ुद ही मेरे पास आ गयी और मेरा इतना कड़क लंड देख कर मेरे से चिपकने लगी

कड़क, मोटा और लंबा लंड देख कर जेन की चुदवाने कि इच्छा बलवती होने लगी।

तभी लूसी बोली चलो दस मिनट हो गए। अब अबकी काम बाद में कर लेना ये तो ट्रेलर था पूरी फिल्म बाद में। चलो दोनों अपने कपडे पहनो। आप दोनों थोड़ा सब्र रखो। सब का फल मीठा होता है ...

अब हम जेन को त्यार कर देती हैं। तब तक आप थोड़ा आराम कर लो और फिर हम आपको बुलाने आ जाएँगी और जेन के कमरे में आ जाना।

फिर कपडे पहन अपने कमरे की और जाने लगा तो मुझे किसी ने पुकारा तो मैं जहाँ से आवाज आयी थी उस कमरे में चला गया।

एक सफेद मेज के पास डायना और उसके साथ एक और लड़की खड़ी हई थी जो की बेहद सुंदर थी। वह लड़की बहुत गोरी, लम्बी और बहुत अच्छे शरीर की मालकिन थी और उसका चेहरा ऐसा था जिसे हम केवल तस्वीरों में देखते हैं, उसने एक मुस्कान के साथ मेरा स्वागत किया। डायना ने उससे मेरा परिचय करवाया। उसके तुरंत बाद डायना बाहर चली गयी, डायना ने उसका नाम मैरी बताया और फिर मैरी ने मुझे आश्चर्यचकित करते हुए कपड़े उतारने के लिए कहा।

झिझकते हुए, मैंने धीरे-धीरे अपने कपड़े उतार दिए और फिर मैं केवल अंडरवियर पहने हुए खड़ा था। मैंने पूछा कि आगे क्या है, लेकिन उसने जोर दिया की मुझे नग्न होना चाहिए क्योंकि मालिश के दौरान आपका अंडरवेअर ख़राब हो सकता है और मेरे शर्मीलेपन को देखकर उसने मुझे आश्वासन दिया की वह बहुत सारे पुरुषो की नग्न मालिश कर चुकी है। जिससे मुझे मेरी शर्मिंदगी से राहत मिली और उसने मुझे तौलिया देते हुए कहा अगर आपकी शर्म लग रही है तो आप ये तौलिया लपेट कर अपना अंडरवेअर उतार दीजिये।

मैंने तौलिया लपेटा और अपना अंडरवेअर निकाल दिया, पर फिर भी मेरे तने हुए लंड ने तौलिये के अंदर टेंट बना कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी और उसने भी एक बार उस उभार को नोटिस किया और फिर लंबी सफेद मेज पर तकिए की व्यवस्थित करते हुए उसने मुझे उस पर पेट के बल लेटने के लिए कहा, जो मैंने किया,

मुझे इतना तो समझ आ ही गया था कि मोहतरमा मालिश करेंगी पर मैं ये सोचने लगा देखते हैं आगे क्या होता है मोहतरमा क्या करती हैं।

मुझे ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना पड़ा मेरे लेटते ही उसने अपना लबादा उतारा वह भी पूरी नग्न थी और उसने अपनी खूबसूरत नरम हाथो से मेरी बाहों और कमर और फिर पीठ को सानना शुरू कर दिया। फिर वह मेरी पीठ और कमर को रगड़ने लगी। फिर से धीरे-धीरे काम करते हुए वह मेरे संवेदनशील अंगों में आ गई। जैसे ही उसने अपने हाथ मेरे पैरों के बीच रगड़े, रोमांच ने मेरे बालों को खड़ा कर दिया। मैं एक सुखद अनुभूति के साथ वहाँ पेट के बल लेटा हुआ था और उसके हाथ बड़ी कुशलता से मेरी पीठ दौड़ रहे थे और उसकी प्रत्येक हरकत से बेहतर महूसस कर रहा था फिर उसने मेरे नितम्बो और मेरी जांघो और मेरी टांगो की मालिश की और फिर मेरे पीठ पर अपने स्तन रगड़ते हुए मेरी पीठ की मालिश की।

फिर उसने मुझे सीधे पीठ के बल लेटने को कहा और उसने अपनी खूबसूरत बाहों से मेरी बाहों और छाती को सानना शुरू कर दिया। मैं एक सुखद अनुभूति के साथ वहाँ लेटा हुआ था और उसके हाथ बड़ी कुशलता से मेरे शरीर पर दौड़ रहे थे और जैसे ही उसने मेरे शरीर को रगड़ा, यौवन की भावना से मेरा रक्त झुनझुनाने लगा।

मैं उसके सुंदर कामुक रूप पर मुग्ध हो गया था । वह मालिश करती हुई कभी मेरे बहुत करीब आ जाती थी और कभी बहुत दूर हो जाती थी। मैं वहाँ मजे लेता हुआ लेटा रहा, जैसे उसने धीरे से मला; और जितनी देर वह मलती रही, मुझे उतना ही हलका लगने लगा। कोमलता से वह मेरे शरीर के ऊपर गई और मेरी जांघों के चारों मालिश की । मेरा लिंग कठोर तो पहले से ही था अब क़ुतुब मीनार की खड़ा हो गया। जब उसने मेरे टांगो के बीच रगड़ा मैं अपने 7वें स्वर्ग में था और हर बार जब वह मेरी गेंदों को छूती थी, तो वे बड़े और भारी लगने लगते थे।

उसने जो परफ्यूम इस्तेमाल किया वह रमणीय था मिनट मुझे सेकंड की तरह लग रहे थे। काश मैं वहाँ हमेशा के लिए लेटा होता। समाप्त करने के बाद उसने मेरे शरीर को एक चादर से ढँक दिया और मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा कि क्या मैं बेहतर महसूस कर रहा हूँ। एक इलेक्ट्रिक वाइब्रेटर लेकर और खींचकर उसने चादर हटा दी और इस मशीन को मेरे शरीर पर चलाने लगी। फिर से मुझे पहले से कहीं अधिक रोमांच महसूस हुआ। अचानक एक तांत्रिक मुस्कान के साथ उसने वाइब्रेटर मेरी गेंदों के बीच चिपका दिया और मेरा लिंग इस समय सख्त और सीधा था। मैंने उसे उसकी खूबसूरत कमर के चारों ओर पकड़कर अपनी ओर खींचा और उसके लाल होंठों को चूमने लगा। उसने मुझे धीरे से पीछे धकेल दिया और मेरे लंड को पकड़ कर एक दो बार उसकी मालिश की और बोली अब आप स्नान कर लीजिये और मुझे बाथरूम में भेज दिया ।

जारी रहेगी
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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 19-08-2022, 07:53 PM



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