19-08-2022, 05:47 PM
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER-5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-27
सुपर संडे - सुरक्षा
तीनो तड़प रही थी और मैंने इनकी तड़प बढ़ाने के लिए धीरे धीरे तीनो को अपने हाथो से सहलाते हुए उत्तेजित करना जारी रखा पर बीच बीच में रुक जाता था ताकि वो चरम पर ना पहुंचे और झड़ न जाए .. और तीनो मेरी मिन्नत कर रही थी ,जोर से करो, जल्दी करो, रुको मत!, पर मैंने कहा पहले सच्चाई बताओ तुम कौन हो ?
तो हेमा बोली ये दोनों तो मर जाएंगी पर बोलेंगी नहीं क्योंकि इन्हे न बोलने के लिए प्रशिशिक्षिक किया गया है . हम तीनो आपके प्रति पूर्णतया वफ़ादार हैं .. हमे महर्षि अमर ने आपकी सुरक्षा और सहायता के लिए भेजा है .. मैं उनका नाम सुन कर चौंका तो हेमा बोली जब आप उन से मिल कर आये तो उन्होंने महाराज हरिमोहिंदर के सुरक्षा प्रमुख को बुलाया जो गुप्तचर विभाग के भी प्रमुख हैं और उन्होंने उन्हें आपकी सुरक्षा के लिए हमे नियुक्त किया था क्योंकि आप उनके छोटे भाई राजकुमार दीपक हैं ..
उन्हें ने मुझे सचिव नियुक्त किया है और ईशा आपकी सूरत ही सुरक्षा प्रमुख हैं और रीती आपकी सेविका हैं l
फिर उसने बोला महर्षि ने अभी हमे गुप्त रूप से आप का साथ देने की आज्ञा दी थी इसलिए हम आपके आस पास ही रहते हैं .. हमारे तीनो के पास आपके लिए महर्षि का एक पत्र है जो उन्होंने ऐसे ही किसी अवसर पर या जब हम पकड़ी जाए तो आपको देने के लिए दिया था .. और फिर हेमा ने एक विशेष मन्त्र बोला जो महाराज ने मुझे बताया था जो की हमारे लिए गुप्त कोड था .. और बताया वो पत्र कहाँ रखा है
मैंने वो पत्र निकाल कर पढ़ा जिसमे महर्षि ने इनका परिचय और यज्ञ प्रक्रिया पूरी होने तक गोपनीयंता बनाये रखने का आदेश दिया था जो मुझे बिलकुल उचित लगा और मैंने तीनो के हाथ पैर खोल दिए l
तो तीनो ने प्रणाम किया और ईशा बोली आप हमे क्षमा कर दे और जब आप इस होटल में आये और ब्यूटी पारलर वाली के लिए बोले तो मेरे पास कोई चारा नहीं बचा इन्हे बुलाने के सिवा .. और फिर हेमा बोली आप हमे क्षमा कर दे .. तो मैंने कहा आपसे मुझे कोई शिकायत नहीं है और महृषि के आदेश अनुसार अभी थोड़ी गोपनीयता बनाये रखना ही उचित है l
उसके बाद मैंने कहा थोड़ी देर में मुझे जीतू से भी मिलने जाना होगा .. तो हेमा बोली राजकुमार अब उसकी कोई आवश्यकता नहीं है .. वो भी आपका ही सेवक है शाम के 4 बज गए थे और मैं मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस कर रहा था तो रीती ने फिर उस दिव्य हर्बल तेल से मेरी मालिश कर दी जिससे मैं फिर तरोताजा महसूस करने लगा और स्नान करने के बाद हम होटल से निकल आयेl
वापिस आ कर कुछ चाय नाश्ता करने के बाद मैं और मानवी भाभी सैर करने को पार्क में गए और भाभी ने उस दिन आसमानी रंग की साडी पहनी हुई थी और उसमे वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी और फिर मैं भाभी को उसी जगह ले गया जहाँ मैंने ईशा को पकड़ा था और भाभी को उसी बेंच पर बिठा कर उसे किश करने लगा l
कहानी जारी रहेगी
CHAPTER-5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-27
सुपर संडे - सुरक्षा
तीनो तड़प रही थी और मैंने इनकी तड़प बढ़ाने के लिए धीरे धीरे तीनो को अपने हाथो से सहलाते हुए उत्तेजित करना जारी रखा पर बीच बीच में रुक जाता था ताकि वो चरम पर ना पहुंचे और झड़ न जाए .. और तीनो मेरी मिन्नत कर रही थी ,जोर से करो, जल्दी करो, रुको मत!, पर मैंने कहा पहले सच्चाई बताओ तुम कौन हो ?
तो हेमा बोली ये दोनों तो मर जाएंगी पर बोलेंगी नहीं क्योंकि इन्हे न बोलने के लिए प्रशिशिक्षिक किया गया है . हम तीनो आपके प्रति पूर्णतया वफ़ादार हैं .. हमे महर्षि अमर ने आपकी सुरक्षा और सहायता के लिए भेजा है .. मैं उनका नाम सुन कर चौंका तो हेमा बोली जब आप उन से मिल कर आये तो उन्होंने महाराज हरिमोहिंदर के सुरक्षा प्रमुख को बुलाया जो गुप्तचर विभाग के भी प्रमुख हैं और उन्होंने उन्हें आपकी सुरक्षा के लिए हमे नियुक्त किया था क्योंकि आप उनके छोटे भाई राजकुमार दीपक हैं ..
उन्हें ने मुझे सचिव नियुक्त किया है और ईशा आपकी सूरत ही सुरक्षा प्रमुख हैं और रीती आपकी सेविका हैं l
फिर उसने बोला महर्षि ने अभी हमे गुप्त रूप से आप का साथ देने की आज्ञा दी थी इसलिए हम आपके आस पास ही रहते हैं .. हमारे तीनो के पास आपके लिए महर्षि का एक पत्र है जो उन्होंने ऐसे ही किसी अवसर पर या जब हम पकड़ी जाए तो आपको देने के लिए दिया था .. और फिर हेमा ने एक विशेष मन्त्र बोला जो महाराज ने मुझे बताया था जो की हमारे लिए गुप्त कोड था .. और बताया वो पत्र कहाँ रखा है
मैंने वो पत्र निकाल कर पढ़ा जिसमे महर्षि ने इनका परिचय और यज्ञ प्रक्रिया पूरी होने तक गोपनीयंता बनाये रखने का आदेश दिया था जो मुझे बिलकुल उचित लगा और मैंने तीनो के हाथ पैर खोल दिए l
तो तीनो ने प्रणाम किया और ईशा बोली आप हमे क्षमा कर दे और जब आप इस होटल में आये और ब्यूटी पारलर वाली के लिए बोले तो मेरे पास कोई चारा नहीं बचा इन्हे बुलाने के सिवा .. और फिर हेमा बोली आप हमे क्षमा कर दे .. तो मैंने कहा आपसे मुझे कोई शिकायत नहीं है और महृषि के आदेश अनुसार अभी थोड़ी गोपनीयता बनाये रखना ही उचित है l
उसके बाद मैंने कहा थोड़ी देर में मुझे जीतू से भी मिलने जाना होगा .. तो हेमा बोली राजकुमार अब उसकी कोई आवश्यकता नहीं है .. वो भी आपका ही सेवक है शाम के 4 बज गए थे और मैं मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस कर रहा था तो रीती ने फिर उस दिव्य हर्बल तेल से मेरी मालिश कर दी जिससे मैं फिर तरोताजा महसूस करने लगा और स्नान करने के बाद हम होटल से निकल आयेl
वापिस आ कर कुछ चाय नाश्ता करने के बाद मैं और मानवी भाभी सैर करने को पार्क में गए और भाभी ने उस दिन आसमानी रंग की साडी पहनी हुई थी और उसमे वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी और फिर मैं भाभी को उसी जगह ले गया जहाँ मैंने ईशा को पकड़ा था और भाभी को उसी बेंच पर बिठा कर उसे किश करने लगा l
कहानी जारी रहेगी