18-08-2022, 04:04 PM
उस दिन वो बहक गयी और हम दोनों एक दूसरे को गर्म करने लगे. मैंने उसे चूमा चाटी में ही दो बार स्खलित करवा दिया. जब उसने मेरे लंड को देखा तो वो खुशी से चहक उठी. मेरे 8 इंची मोटे तगड़े लंड को पाकर वो खुद को रोक नहीं पा रही थी.
उसने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसा और फिर उससे चुदने के लिए बुरी तरह से तड़पने लगी और मुझे खुद ही अपने ऊपर खींचने लगी. मैं उसकी चूत के गुलाबी छेद को चूस कर उसको और ज्यादा तड़पने पर मजबूर कर रहा था.
अब आगे की बंगाली हॉट सेक्स स्टोरी:
मैंने दीपिका को लौड़े के लिए तड़पते हुए देखा और फिर पीछे हट कर उसके सुन्दर घुटनों को मोड़ा और चूत के अन्दर लण्ड डालने की पोजीशन ली. दीपिका ने लेटे लेटे ड्रिंक का गिलास उठाया और उसमें से दो बड़े घूँट मार लिए और बोली- डालो अंदर, फाड़ दो मेरी चूत को आज मेरे राज.
लण्ड और चूत न जाने कब से अपने को प्री-कम से गीला किये जा रहे थे. मैंने जैसे ही लण्ड का सुपारा चूत के छेद पर लगाया, दीपिका ने अपनी आंखें बंद कर लीं और नीचे का होंठ दाँतों से दबा लिया.
मैंने लण्ड को चूत पर दबाना शुरू किया और सुपाड़ा चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा. दीपिका के मुँह से- आ … आ… की आवाज निकलती रही और मैंने धीरे धीरे आधे से ज्यादा लण्ड चूत में उतार दिया.
जब आधे से ज्यादा लण्ड अंदर जा चुका तो दीपिका ने मेरी छाती पर अपना एक हाथ रख लिया. मैं दीपिका के ऊपर छा गया और अपनी दोनों कोहनियों को उसके दाएं बाएं रखकर उसे अपनी बाजुओं में जकड़ा और उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर एक झटके में पूरा लण्ड उसकी टाइट चूत में उतार दिया.
दीपिका एकदम से चिहुंक गई और कसमसाने लगी. मैंने लण्ड को थोड़ा ऊपर खींचा और पूरे जोश के साथ लण्ड को चूत में फिर ठोक दिया. दीपिका ने जोर से- आआआ … आहा … आआई … मां … की और थोड़ा ऊपर उठ कर मुझे चूम लिया.
मैंने उसी पोजीशन में ड्रिंक का एक सिप लिया तो दीपिका ने उसे भी पिलाने का इशारा किया. मैंने दीपिका के लेटे लेटे गिलास उसके मुँह से लगाया तो उसने सारा एक ही बार में खाली कर दिया और बोली- चोदो जोर जोर से … फाड़ दो मेरी चूत को.
गिलास रखकर अब मैंने ज़ोर ज़ोर से चूत में शॉट लगाने शुरू किए और दीपिका के गालों, होंठों और मम्मों को खाने लगा.
दीपिका भी मुझे हर तरह से नोंच खसोट रही थी. कमरा हमारी चुदाई की खच … खच … की आवाजों से भर गया.
मैंने दीपिका के घुटनों को थोड़ा और मोड़ा और लण्ड को जोर से मारा तो लण्ड अंदर बच्चेदानी को जा लगा और दीपिका जोर से मजे में चिल्लाई- हाय … माँ, मार दिया जालिम ने.
तेजी से मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ रहा था. मैंने चोदते चोदते दीपिका के घुटनों के नीचे से अपने हाथ डाले और उसकी टाँगों को अपने कंधों पर रख लिया. उसकी उभरी हुई गुदाज जाँघें और पकौड़ा सी चूत बिल्कुल मेरे लण्ड की टक्कर में आ गई.
अब मैंने उसके टाइट छेद को फाड़ना शुरू किया. मेरे हर शॉट में उसकी चूत की फांकें अंदर की तरफ मुड़ जा रही थीं और लण्ड को बाहर की तरफ निकालते हुए चूत का छल्ला बाहर की तरफ आ रहा था.
दीपिका ज़ोर जोर से आवाजें निकाले जा रही थी और शराब के सुरूर में अपना सिर इधर उधर पटकती जा रही थी. मैं लगातार उसकी दोनों चूचियों और उनके नर्म गुलाबी निप्पलों को अपने हाथों से मसले जा रहा था.
हम दोनों ही अपने चर्मोत्कर्ष की ओर बढ़ रहे थे. लगभग 15-20 जबरदस्त शाट्स के बाद दीपिका का शरीर इकट्ठा होने लगा और उसने आ … आ … आ … करके मुझे जोर से जकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और झड़ गई.
उसकी चूत ने अपना रस बहा दिया और ठीक उसी समय मेरे लण्ड ने भी अपने गर्म वीर्य की पिचकारियों से दीपिका की चूत को गहराईयों तक भर दिया. मेरा लौड़ा उसकी गर्म चूत के अंदर झटके मार मार कर वीर्य की पिचकारी छोड़ रहा था जिसे दीपिका अपने अंदर तक महसूस कर रही थी.
मेरा लण्ड जैसे ही पिचकारी छोड़ता दीपिका वैसे वैसे मुझे अपनी छाती से जकड़ लेती थी. वीर्य की आखिरी बून्द तक दीपिका ने चुदाई का आंनद लिया और अंत में मैं उसकी चूचियों और पेट के ऊपर पसर गया.
वासना का तूफान एक बार के लिए अब थम गया था. दीपिका के चेहरे पर पूर्ण संतुष्टि के भाव थे. उसने घड़ी की ओर देखा और बोली 10.00 बजने वाले हैं, घोष का फोन आने वाला है, आप चुप रहना.
दो मिनट बाद ही फोन की घंटी बजी और दीपिका ने घोष को बोला कि मैं थक गई थी इसलिए सो रही थी, बॉय.
घोष ने पूछा- राज आ गए या नहीं?
दीपिका- मुझे क्या पता, लाइट तो जल रही थी.
घोष- कोई बात नहीं है, मैं तो इसलिए पूछ रहा था कि नई जगह है कभी अकेले में डर लगे?
दीपिका- ओके, डोन्ट वरी, गुड नाईट.
फोन बंद करने के बाद दीपिका ने मुझे झप्पी डाली और बोली- मेरे दिल के राजा मेरे साथ हैं, अब काहे का डर?
दीपिका उठी और बोली- अब हम सुबह 7 बजे तक फ्री हैं, मैं खाना लाती हूँ.
दीपिका ने एक बहुत ही सेक्सी, छोटी सी, ट्रांसपेरेंट नाइटी पहन ली. नाइटी इतनी छोटी थी कि उसकी आधी गांड ही ढकी थी और आगे से थोड़ी चूत भी दिखाई दे रही थी.
कुछ ही देर में वो खाना ले आई. हमने एक ही प्लेट में खाना खाया.
तभी दीपिका का फोन बजा, उस पर संजना लिखा था. दीपिका ने फोन उठाया और स्पीकर ऑन करके बोली- हाँ संजना, कैसी हो?
संजना- तुम बताओ, सब सेटिंग हो गई?
दीपिका- हाँ, सब हो गई.
संजना- और तुम्हारे राज साहब कैसे हैं?
दीपिका- ठीक ही होंगे, क्यों … तुम्हें पसन्द आ गए क्या?
संजना- यार, उनसे हमारी सिफारिश कर दो, हमें भी वो सामने वाला फ्लैट दिला दें.
उसने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसा और फिर उससे चुदने के लिए बुरी तरह से तड़पने लगी और मुझे खुद ही अपने ऊपर खींचने लगी. मैं उसकी चूत के गुलाबी छेद को चूस कर उसको और ज्यादा तड़पने पर मजबूर कर रहा था.
अब आगे की बंगाली हॉट सेक्स स्टोरी:
मैंने दीपिका को लौड़े के लिए तड़पते हुए देखा और फिर पीछे हट कर उसके सुन्दर घुटनों को मोड़ा और चूत के अन्दर लण्ड डालने की पोजीशन ली. दीपिका ने लेटे लेटे ड्रिंक का गिलास उठाया और उसमें से दो बड़े घूँट मार लिए और बोली- डालो अंदर, फाड़ दो मेरी चूत को आज मेरे राज.
लण्ड और चूत न जाने कब से अपने को प्री-कम से गीला किये जा रहे थे. मैंने जैसे ही लण्ड का सुपारा चूत के छेद पर लगाया, दीपिका ने अपनी आंखें बंद कर लीं और नीचे का होंठ दाँतों से दबा लिया.
मैंने लण्ड को चूत पर दबाना शुरू किया और सुपाड़ा चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा. दीपिका के मुँह से- आ … आ… की आवाज निकलती रही और मैंने धीरे धीरे आधे से ज्यादा लण्ड चूत में उतार दिया.
जब आधे से ज्यादा लण्ड अंदर जा चुका तो दीपिका ने मेरी छाती पर अपना एक हाथ रख लिया. मैं दीपिका के ऊपर छा गया और अपनी दोनों कोहनियों को उसके दाएं बाएं रखकर उसे अपनी बाजुओं में जकड़ा और उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर एक झटके में पूरा लण्ड उसकी टाइट चूत में उतार दिया.
दीपिका एकदम से चिहुंक गई और कसमसाने लगी. मैंने लण्ड को थोड़ा ऊपर खींचा और पूरे जोश के साथ लण्ड को चूत में फिर ठोक दिया. दीपिका ने जोर से- आआआ … आहा … आआई … मां … की और थोड़ा ऊपर उठ कर मुझे चूम लिया.
मैंने उसी पोजीशन में ड्रिंक का एक सिप लिया तो दीपिका ने उसे भी पिलाने का इशारा किया. मैंने दीपिका के लेटे लेटे गिलास उसके मुँह से लगाया तो उसने सारा एक ही बार में खाली कर दिया और बोली- चोदो जोर जोर से … फाड़ दो मेरी चूत को.
गिलास रखकर अब मैंने ज़ोर ज़ोर से चूत में शॉट लगाने शुरू किए और दीपिका के गालों, होंठों और मम्मों को खाने लगा.
दीपिका भी मुझे हर तरह से नोंच खसोट रही थी. कमरा हमारी चुदाई की खच … खच … की आवाजों से भर गया.
मैंने दीपिका के घुटनों को थोड़ा और मोड़ा और लण्ड को जोर से मारा तो लण्ड अंदर बच्चेदानी को जा लगा और दीपिका जोर से मजे में चिल्लाई- हाय … माँ, मार दिया जालिम ने.
तेजी से मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ रहा था. मैंने चोदते चोदते दीपिका के घुटनों के नीचे से अपने हाथ डाले और उसकी टाँगों को अपने कंधों पर रख लिया. उसकी उभरी हुई गुदाज जाँघें और पकौड़ा सी चूत बिल्कुल मेरे लण्ड की टक्कर में आ गई.
अब मैंने उसके टाइट छेद को फाड़ना शुरू किया. मेरे हर शॉट में उसकी चूत की फांकें अंदर की तरफ मुड़ जा रही थीं और लण्ड को बाहर की तरफ निकालते हुए चूत का छल्ला बाहर की तरफ आ रहा था.
दीपिका ज़ोर जोर से आवाजें निकाले जा रही थी और शराब के सुरूर में अपना सिर इधर उधर पटकती जा रही थी. मैं लगातार उसकी दोनों चूचियों और उनके नर्म गुलाबी निप्पलों को अपने हाथों से मसले जा रहा था.
हम दोनों ही अपने चर्मोत्कर्ष की ओर बढ़ रहे थे. लगभग 15-20 जबरदस्त शाट्स के बाद दीपिका का शरीर इकट्ठा होने लगा और उसने आ … आ … आ … करके मुझे जोर से जकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और झड़ गई.
उसकी चूत ने अपना रस बहा दिया और ठीक उसी समय मेरे लण्ड ने भी अपने गर्म वीर्य की पिचकारियों से दीपिका की चूत को गहराईयों तक भर दिया. मेरा लौड़ा उसकी गर्म चूत के अंदर झटके मार मार कर वीर्य की पिचकारी छोड़ रहा था जिसे दीपिका अपने अंदर तक महसूस कर रही थी.
मेरा लण्ड जैसे ही पिचकारी छोड़ता दीपिका वैसे वैसे मुझे अपनी छाती से जकड़ लेती थी. वीर्य की आखिरी बून्द तक दीपिका ने चुदाई का आंनद लिया और अंत में मैं उसकी चूचियों और पेट के ऊपर पसर गया.
वासना का तूफान एक बार के लिए अब थम गया था. दीपिका के चेहरे पर पूर्ण संतुष्टि के भाव थे. उसने घड़ी की ओर देखा और बोली 10.00 बजने वाले हैं, घोष का फोन आने वाला है, आप चुप रहना.
दो मिनट बाद ही फोन की घंटी बजी और दीपिका ने घोष को बोला कि मैं थक गई थी इसलिए सो रही थी, बॉय.
घोष ने पूछा- राज आ गए या नहीं?
दीपिका- मुझे क्या पता, लाइट तो जल रही थी.
घोष- कोई बात नहीं है, मैं तो इसलिए पूछ रहा था कि नई जगह है कभी अकेले में डर लगे?
दीपिका- ओके, डोन्ट वरी, गुड नाईट.
फोन बंद करने के बाद दीपिका ने मुझे झप्पी डाली और बोली- मेरे दिल के राजा मेरे साथ हैं, अब काहे का डर?
दीपिका उठी और बोली- अब हम सुबह 7 बजे तक फ्री हैं, मैं खाना लाती हूँ.
दीपिका ने एक बहुत ही सेक्सी, छोटी सी, ट्रांसपेरेंट नाइटी पहन ली. नाइटी इतनी छोटी थी कि उसकी आधी गांड ही ढकी थी और आगे से थोड़ी चूत भी दिखाई दे रही थी.
कुछ ही देर में वो खाना ले आई. हमने एक ही प्लेट में खाना खाया.
तभी दीपिका का फोन बजा, उस पर संजना लिखा था. दीपिका ने फोन उठाया और स्पीकर ऑन करके बोली- हाँ संजना, कैसी हो?
संजना- तुम बताओ, सब सेटिंग हो गई?
दीपिका- हाँ, सब हो गई.
संजना- और तुम्हारे राज साहब कैसे हैं?
दीपिका- ठीक ही होंगे, क्यों … तुम्हें पसन्द आ गए क्या?
संजना- यार, उनसे हमारी सिफारिश कर दो, हमें भी वो सामने वाला फ्लैट दिला दें.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.