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Fantasy बरसात की रात
#6
मैने कहा इसमे हैरानी कैसे इसमे तो बहुत आनंद आता है वो बोली मैं तो मज़ाक कर रही थी मुझे नहीं पता ऐसे भी किया जाता है तब मैने कहा हाय मेरी नादान बन्नो इतने सालों से चुदवा रही हो पर इतनी नासमझ बनती हो जैसे अभी कमसिन कन्या हो और इतना कहकर मैने अपनी जबान जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा और अब तो आंटी को जन्नत का मज़ा आने लगा वो मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत मेरे जीभ पर दबा रही थी और तभी उनकी चूत से ढेर सारा रस निकलने लगा जिसे मैं चूसने लगा और थोड़ी देर में ही उसका सारा रस चूस कर उसकी चूत बिलकुल साफ़ कर दी और झांटों पर जो थोड़ा बहुत रस चिपक गया था उसे उसकी नाइटी से साफ़ करने लगा तब आंटी बोली अरे!!!

अरे क्या कर रहे हो मेरी इतनी कीमती नाइटी गंदी हो जायेगी तब उसने मैने उसकी पैंटी जो वहीं पड़ी थी उसको उठा कर उससे उसकी चूत साफ़ करी और फ़िर बोला अब आप मेरा लौड़ा चूस कर खड़ा कीजिये तब आपकी चूत चोदी जाये तब वो कहने लगी जो जी में आये वो करो अब तो तुम मेरे राजा हो गये हो इतना कहकर झट से मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी मेरा लंड उनकी चूत चाटने से सिकुड़ चुका था वो धीरे धीरे सहला रही थी और मैं उनकी बड़ी बड़ी बूब्स को मसल रहा था कभी कभी बहुत जोर से दबा देता था जिससे उनकी चीख निकल जाती थी और मैं जितनी जोर से उसकी चूची दबाता वो उतनी ही जोर से मेरा लंड दबाती थी उसके सहलाने से थोड़ी देर में ही मेरा लंड फ़िर से खड़ा हो गया और फ़िर उसे देख कर वो अपने होंठ पर जीभ फ़िराने लगी मैने अपने हाथ में लंड पकड़ा और घप्प से उसके मुंह में घुसेड़ दिया और उसका मुंह खुला का खुला ही रह गया वो गूं गूं कर रही थी जैसे कहना चाह रही हो निकाल लो लंड को मगर मैने उसके बाल पकड़ कर एक करारा धक्का और मारा और पूरा ८" लंड उसके मुंह में समा गया

उसको पूरा लंड मुंह में लेने में काफ़ी परेशानी हो रही थी मगर मुझे मज़ा आ रहा था थोड़ी देर बाद ही आंटी को भी मज़ा आने लगा और अब वो जल्दी जल्दी अपने चेहरे को आगे पीचे कर के मेरे लंड को चूस रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि बस अब मैं झड़ने ही वाला हूं मैने सोचा कि आंटी की चूत मार ही ली जाये मगर सोचा कि सारी रात पड़ी है जल्दी क्या है अभी तो अपना रस इसकी मुंह में ही उड़ेल देता हूं यही सोच कर मैने तेज़ी से धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और थोड़ी ही देर में मैं उसके मुंह में झड़ गया और थोड़ी देर तक हुम लोग उसी अवस्था में लेटे रहे

फ़िर मुझे पेशाब लगने लगी तो मैने आंटी से पूछा बाथरूम किधर है? वो बोली चलो मुझे भी पेशाब लगी है साथ ही निपट लेते है जब मैं अपनी लुंगी उठाने लगा तो वो छीनते हुए बोली क्या यार इतनी से देर के लिये लुंगी बांध रहे हो तब मैने कहा आंटी कहीं आपकी लड़की न देख ले वो बोली अरे मेरे राजा वो बेचारी तो सो रही होगी तुम बेफ़िक्र रहो फ़िर हम लोग एक साथ ही बाथरूम गये वो बिल्कुल भी नहीं शरमा रही थी और मेरे सामने ही चूत पसार कर छर्र छर्र मूतने लगी मैं भी वहीं खड़े होकर मूतने लगा और उसके बाद उसने अपनी चूत पानी से साफ़ करी और मेरा लंड भी धोया उसके बाद फ़िर से रूम में आ गये और बेड पर बैठ गये वो बोली रजा चूमा चाटी और चूची चुसायी तो बहुत हो गयी अब चुदायी के बारे में क्या ख्याल है?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बरसात की रात - by neerathemall - 16-08-2022, 05:16 PM



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