Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Fantasy रेणु की प्यासी जवानी
#2
रेणु आपको अपने जीवन के कुछ सत्य से वाकिफ कराएंगी जिसको पढ़कर आपको निश्चित रूप से मजा आयेगा साथ ही कुछ सीख भी मिलेगी, मेरी उम्र २० वर्ष की थी जब मेरी शादी पिता जी ने एक क्लर्क से कराई और मैं अपने गांव जोकि देवरिया जिला के पास है से इलाहाबाद आ गई, पति मेरे रोमांटिक किस्म के इंसान थे सो उन्होंने मुझे सुहागरात को ही कामसूत्र नामक पुस्तक पढ़ने को दी और उस रात पहली बार जीवन में यौन संबंध बना, मेरी चूचियों को मुंह में लेकर वो चूसे तो पूरे बदन में मानो सिहरन सी पैदा हो गई और मेरी योनि पर जब उन्होंने मुंह लगाया तब मुझे समझ में आया की पति सेक्स में दिलचस्पी रखते हैं, मेरी उम्र के हिसाब से मेरे स्तन साईज में थे तो गुप्तांग बिल्कुल ही टाईट, कभी किसी मर्द या लड़कों के संसर्ग में नही रही और सुहगसेज पर ही मेरी बूर की झिल्ली फटी तो मैं पहली रात दर्द में थी लेकिन अगले रात से संभोग क्रिया में मुझे मजा आने लगा और फिर मेरे पति ने मुझे उनका लिंग चूसने को बाध्य किया, मैं तो ठहरी बुच्चड गंवारन लेकिन पति की इच्छा को मानना मेरा कर्तव्य था, सो अपनी इच्छा को मारकर उनके लिंग को मुंह में ली लेकिन सच पूछो तो लन्ड चूसने में मुझे मजा आने लगा और मैं उनके साथ तीन महीने तक रही तो सिवाय मासिक क्रिया के काल में वो हमेशा मुझे चोदने लगे और मुझे भी बेहद मजा आ रहा था। घर से मां का बार बार संदेशा आने लगा की वो मुझसे मिलना चाहती हैं फिर मेरे पति एक रविवार मुझे लेकर मायके पहुंचा दिए लेकिन एक दिन रहकर वापस ड्यूटी ज्वाइन करने चले गए, अब नई नवेली दुल्हन रेणु को तो रात काटने को दौड़ती थी, एक आदत सी हो गई थी रोज रात पति के साथ बिस्तर गर्म करने का लेकिन यहां तो संभव था नही, दूसरे सुबह मैं स्नान करके नाश्ता की फिर मां से बोली ” मां मैं अपनी सहेली शीला के घर जा रही हूं ” तो मैं लाल रंग की साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट पहन रखी थी और साथ में चप्पल, लेकिन मेरा प्लान आम का बगीचा जाना था जहां रखवाली करने के लिए रघु होता और शायद मैं उसको रिझाने की कोशिश करती, घर से ५०० मीटर की दूरी पर बगीचा था जहां मैं खेत के पगडंडी पर चलते हुए पहुंची तो रघु मुझे अकेले देखकर अचंभित हो गया, वो एक चारपाई पर बैठा हुआ था और मुझे देख उठ खड़ा हुआ, उसका कसरती बदन साथ ही लंबी कद तो चौड़ा छाती साथ में खासियत ये थी की वो साफ सफाई से रहता था फिर भी घर का नौकर ही था ” प्रणाम मेमसाहेब
( मैं हंस दी ) खुश रहो रघु, आम के फल तो बड़े बड़े हो गए
( वो ) मालकिन चारपाई पर बैठिए तो सही, क्या है की कब आप आईं
( मैं ) परसों शाम को ही और वो तो कल चले भी गए, अकेले मन नहीं लग रहा था तो सोची की आम के बगीचे घूम आऊं ” रघु लूंगी और फूल बनियान में था जबकि मैं जानबूझकर साड़ी के पल्लू को थोड़ा सीने पर से हटा रखी थी, उसकी नजर बार बार मेरे बूब्स पर जा रही थी तो मैं उसे बोली ” अरे तुम खड़े क्यों हो, बैठो
( वो मेरे सामने जमीन पर बैठा और उसी क्रम में लूंगी थोड़ी ऊपर हो गई तो उसका लन्ड पल भर दिखा ) तुम रघु शादी किए की नही
( वो शरमाने लगा ) नही मालकिन अभी तक तो नही
( मैं ) उफ बुद्धू हो अभी तक कुंवारा, जवानी का मजा कब लोगे ” वो चुप रहा, उसकी उम्र २२ साल की होगी तो वो कई साल से हमारे घर में काम करता था और मैं तो उसके लन्ड को देख तङप उठी, मेरे पति के लन्ड से डेढ़ गुना लंबा और मोटा होगा तो मुझे दिमाग में कुछ खुरापात सूझी, मैं उसे बोली ” शादी के बाद बहुत मजा आता है रघु, तीन महीने पहले जब तक मेरी शादी नही हुई थी तब तक मुझे कुछ समझ ही नही था
( वो ) किस चीज की समझ मालकिन
( मैं बोली ) जो बताऊंगी किसी को तो नही बताओगे
( वो ) बिल्कुल नही मालकिन बस आप मुझे बताइए
( मैं आराम से अपना हाथ कंधे पर रख साड़ी के पिन को खोली और पल्लू को सीने से नीचे कर दी ) इसे ध्यान से देखो रघु, इसको मेरे पति ने खूब दबाया और मुंह में लेकर चूसे भी
( वो चेहरा फेर लिया ) मालकिन ये आप क्या कर रही हैं, ये पाप है
( मैं बोली ) रघु तुम मेरी ओर देखो और पल भर के लिए भूल जाओ की मैं तुम्हारी मालकिन हूं ” वो अब मेरे बूब्स देखने लगा, ब्लाउज तो डीप गले की थी इसलिए चुचियों का ऊपरी हिस्सा दिख रहा था, बोली ” ये औरत की स्तन होती है, इसे दबाओगे तो मजा आयेगा और चूसोगे तो बहुत अच्छा लगेगा
( वो बोला ) लेकिन मालकिन आप तो ब्लाउज को उतारी ही नही, दिखाना है तो अच्छे से दिखाइए
( मैं मन से प्रसन्न हुई लेकिन दिखावटी गुस्सा करने लगी ) तुम्हारा दिमाग खराब तो नही, तुमको अपना बूब्स नही दिखा सकती, लेकिन कुछ करोगे तब खोलने की सोचूंगी ” वो पल भर सोचा फिर बोला ” जो कहेंगी करूंगा लेकिन बड़े मालिक से कुछ मत कहिएगा ” मैं सर हिलाकर हामी भरी फिर वो चारपाई पर मेरे बगल में बैठा तो मैं इधर उधर देखते हुए अपना हाथ उसके लूंगी पर रख लन्ड को पकड़ी ” कोई इधर आयेगा तो नही
( वो ) नही इधर तो सब खेत खलिहान आपलोगाें का ही है
( मैं उसको देखने लगी ) अब ब्लाउज की डोरी भी तो खोलो की सब काम हम ही करें ” और वो थोड़ा संकोच करते हुए मेरे पीठ पर हाथ रख सहलाने लगा, मैं उसके लूंगी के गांठ को खोल लन्ड को बाहर की फिर उसे पकड़कर हिलाने लगी तो रघु मेरे ब्लाउज की डोरी खोला और मैं खुद ही बाहों से ब्लाउज को निकाल दी, अब चुचियों पर सिर्फ ब्रा ही था ” अब तू इसे भी खोल दे फिर दबा इसे और मुंह में लेकर चूस भी ” वो अब मेरे साथ घुलमिल गया और मेरे चुचियों को नग्न कर पकड़ा फिर दबाने लगा ” मालकिन आपकी चूची तो शादी के पहले छोटी थी
( मैं लन्ड हिलाने लगी ) हां उन्होंने इसे दबा दबाकर चूस चूसकर बड़ा कर दिया, जोर से दबा ना ” तो मैं जानबूझकर अपने नग्न छाती पर साड़ी ढक दी और वो हाथ लगाए उसे मसलने लगा तो उसका लन्ड को छोड़कर बोली ” तुम्हें पता है की इसको मैं चूसती हूं
( वो मेरे सीने से साड़ी हटाया ) अभी मालकिन मैं आपकी चुसूंगा ” और रेणु चारपाई पर लेट गई, इस गंवार को क्या पता की काम क्रिया क्या होती है और वो मेरे ऊपर सवार होकर मेरे दाईं स्तन को पकड़ मुंह में लिया फिर चूसने लगा तो दूसरे हाथ से स्तन दबाने लगा और मैं उसके पीठ सहलाने लगी ” उह ओह रघु दांत मत गड़ाओ ना डियर आराम से चूसो आज मैं तुम्हें जन्नत की सैर कराऊंगी ” , रेणु तो खेत खलिहान की देखभाल करने वाले रघु के संग ही मस्ती करने लगी और आम के बगीचे जिसमें सौ से अधिक पेड़ होंगे के अंदर एक चारपाई पर मैं अर्ध नग्न अवस्था में थी तो रघु मेरी बूब्स चूसते हुए दूसरे बूब्स को दबाए जा रहा था और मैं सिसकने लगी ” ओह उह अब छोड़ो मेरी चूची ” तो रघु मेरी चूची को मुंह से निकाला और गोरे रंग की चूची तो चूस चूसकर लाल कर दिया था तो भूरे रंग की निप्पल टाईट हो चुकी थी, वो मेरे दूसरे स्तन को मुंह में लिया तो मैं उसके मूसल लन्ड देख तड़प उठी, उसको छाती से लगाए चूची चुसवाने का आनंद ले रही थी तभी मेरी बूर से रस निकलने लगा और मैं आहें भरने लगी ” उई आह रघु अब छोड़ो चूची तुम तो अपनी मालकिन की बूर से रस इतनी जल्दी निकाल दिए ” तो रघु चूची को मुंह से निकाल दिया लेकिन मेरे छाती से कमर तक को चूमने लगा और मेरी बदन में तो सुरसुरी होने लगी, रघु साड़ी को कमर से हटाना चाहा लेकिन मैं झट से उठकर बैठ गई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: रेणु की प्यासी जवानी - by neerathemall - 16-08-2022, 04:57 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)