Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery बरसात की रात पूनम के साथ
#7
माने ज़ोर से निकाला और फिर धीरे धीरे डाला और उसे चोदने लगा हर बार उसके हाव भाव बदल रहे थे, उसकी आखें बंद हो गई और उसके होंठ खुल गए और वो ठंडी साँसे भरने लगी ” अह्ह्ह हहहह हहह ” , मैंने उसके होठों के बीच अपनी जीब फेरी और उसके होठों से मेरी जीब पकड़ ली और चूसने लगी, मैंने पूरा अन्दर तक घुसा दिया, उसने अपने पैर मेरी कमर पर रख दिए, मुझे कोई जल्दी नहीं थी, मैं रुक गया और उसके नरम रसीले होठों को चूसने लगा, हम दोनों गरम हो रहे थे और एक दुसरे पे हावी हो रहे थे, मैंने उसे छोड़ा ” पूनम तेरे होंठ सूज रहे है!! ” वो फिरसे गरम हो चुकी थी ” सूजने दो आप नीचे ध्यान लगाओ ” , मैंने उसकी आँखों में देखा ” तुझे होने वाला है? ” , वो मुस्कुराई और मेरा चेहरा सहलाया ” हम्म्म्म ” मैंने उसके होठों को चूमा ” तू करले मुझे नहीं होगा अभी ” , मैंने उसे चोदने लगा और काफी दिनों बाद, मुझे ऐसी ऐसी फीलिंग्स का एहसास हुआ जो शुरू शुरू में रानी के साथ होता था, मैं उसे पूरे जोश से चोदने लगा, वो तड़प उठी ” अह्ह्ह हहहह हह बाबू अह्ह्ह ज़ोर से डालो हह हहह हह ” , वो चिल्ला पड़ी और कांपने लगी ” ह्म्म्मम्म हहहहह ” उसकी चूत की कसावट मुझे महसूस हो रही थी, वो निढाल सी पड़ गई ” ओह्ह्ह्ह बाबू ससस ससस ” वो अपने साँसे संभाल रही थी, मैंने लण्ड बाहर निकाला ” अह्ह्ह हहह पूनम तेरा पानी निकल रहा है साफ़ कर इसे ” मैं उसके साथ लेट गया, उसने अपनी कच्छी से मेरा लण्ड साफ़ किया और अपने आप को भी ” ओह्ह्ह्ह बाबू पता नहीं आज क्या हो रहा है, ऐसे कभी नहीं हुआ पहले, हटो चादर बदल देती हूँ, जहाँ वो लेती हुई थी एक बड़ा सा गीला दाग बन गया था ” पूनम तूने बड़ा पाने छोड़ा आज!! ” , मैंने उसे छेड़ा और उठा, उसने चादर बदल दी ” पता नहीं बाबू क्या हो रहा है आज?, कल धो दूंगी ” , हम फिर घुस गए कम्बल में लण्ड खड़ा था, मैंने उसे दबा लिया और उसके मुम्मे चूसने लगा ” पूनम बहुत मज़ा आ रहा है तेरे साथ चुदाई में!! ” , मैं उसके ऊपर चढ़ गया और घुसा दिया, उसने मुझे कास के पकड़ लिया ” हम्म्म बाबू मुझे भी अह्ह्ह्ह ” मैं उसे चोदने लगा और फिर कमरा उसकी आहों से गूंज उठा, कम से कम दस मिनट उसकी चुदाई के बाद मुझे झड़ने का एहसास हुआ ” अह्ह्ह्ह पूनम मुझे होने वाला है ” , वो मुझसे लिपट गई ” हहहह बाबू हम्म्म ” वो भी मेरे साथ ज़ोर से झड़ी, मैंने फिर उसकी चूत अपने बीज से भर दी मैं उसपर से हटा ” पूनम तू कमाल की है, ऐसा मज़ा मुझे काफी टाइम से नहीं आया! ” मैंने उसके गाल को चूमा, उसने मेरे सीने पे हाथ फेरा ” बाबू मुझे भी आपके साथ बहुत अच्छा लग रहा है, चलो अब सो जाते है ” हम दोनों वैसे ही सो गए, सुबह मेरी नींद खुली और मेरा लण्ड सलामी दे रहा था, मैंने उसे उठाया ” पूनम उठ देख ” मैंने उसका हाथ अपने लण्ड पे रख दिया, उसने पकड़ लिया ” आओ!! ” , सुबह सुबह फिर उसे चोदा और हम साथ में झड़े..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बरसात की रात पूनम के साथ - by neerathemall - 16-08-2022, 04:44 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)