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Adultery बरसात की रात पूनम के साथ
#6
पता नहीं उस दिन हम दोनों को क्या हुआ था, वो मेरी तरफ होकर बैठ गई और उसने पैर मेरे साइड में कर लिए और मेरे गले में हाथ डाल दिए ” बाबू आज यहीं सो जाओ मेरे साथ ” मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिया ” अगर यहीं सोया तो तुझे सोने नहीं दूंगा! ” , उसने मुझे चूमा ” बाबू कौन सोना चाहता है! ” , उसकी आँखों में एक अजीब से कशिश थी उसने अपने मुम्मो को मेरे सीने पे लगाया ” मुझे ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा म नहीं तो रानी दीदी रोक टोक करती है! ” , मैंने उसके नितम्बो को पकड़ और पास खींचा ” पूनम क्या बात है कितने दिनों की प्यासी है ” , उसने सारी शर्म छोड़ दी थी और बस उसका सारा ध्यान चुदाई में था, उसने मेरा बैठ हुआ लण्ड पकड़ा ” बाबू अब बस ये तीन दिन मैं जी भर के करुँगी ” और मेरे हाथ अपने मुम्मो पे रख दिए, मैंने उसके मुम्मे दबाए ” पूनम अब नहीं चूसूंगा, नहीं तो पायल भूखी रह जाएगी! ” , मैंने उसके गदराए हुए बदन को टटोला ” आज क्या हो गया है? समझ नहीं आ रहा, तू बात बात पे खड़ा कर रही है मेरा! ” , मैंने उसके बड़े मुम्मो को चूमा, वो दोनों हाथ से मेरा लण्ड सहला रही थी ” सही में बाबू मुझे भी ऐसा ही लग रहा है! ” , मैंने उसे पकड़ा और उसके नरम होठों को चूमा ” अगले दो दिन तू मेरी बीवी बन के रहेगी ” , वो मुस्कुराई ” बाबू, मुझे आज तक इतना महत्व किसी ने नहीं दिया ” वो मुझसे लिपट गई, उसके गरम मुम्मे मेरे सीने से सट गए और हम एक दुसरे से लिपट गए और एक दूसरे को चूमने लगे, वो बहुत कुछ करना चाह रही थी ” बाबू मुझे आपका प्यार चाइये हहहह ” वो फिर गरम होने लगी थी, मैंने उसके मुम्मो को चूमा और उसे लेटा लिया ” पूनम धीरे धीरे करेंगे, जल्दी मत कर ” ,, उसने मेरे टट्टों को पकड़ लिया और उन्हें मसलने लगी ” आप ऐसे करने से जल्दी तैयार हो जाते हो, अच्छा लगता है आपको? ” उसके गरम हाथ लगने से मेरा लण्ड खड़ा होने लगा ” हम्म्म पूनम ऐसी सेवा बहादुर की भी करती हो? ” , मैंने उसका मुम्मा चूमा, और उसकी झांटों में हाथ फेरा, उसने मेरे टट्टों को कस दिया ” बेकार की बातें मत करो, ऐसा कुछ उसके साथ किया तो शक करने लग जाएगा, और वैसे भी उसके ऐसे बड़े नहीं है, ना ही उसका सुपाड़ा ऐसा तगड़ा है!! ” अपनी तारीफ सुन के अच्छा लग रहा था, थोड़ी तारीफ मैंने भी उसकी करदी मैंने उसके दूधारू मुम्मो को सहलाया और उसे गले लगा लिया और उसके छाती को चूमा ” पूनम तू भी बड़ी सेक्सी हो गई है, जो मज़ा तेरे साथ आ रहा है आज कल नहीं आ रहा! ” मैंने उसकी दरार में ऊँगली फेरी और उसका क्लाइटोरिस छेड़ा और उसकी गीली चूत में ऊँगली घुसाई और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा वो मेरा लैंड हिलाने लगी ” बाबू एक बात पूछूं? ” मैंने उसके गले को चूमा ” हम्म पूछो क्या पूछना है? ” , उसने मेरा लण्ड हिलाया ” आपके सुपाडे के ऊपर खाल क्यों नहीं है? ” , उसके मन में ये सवाल कहाँ से आया ” आज ध्यान जा रहा है तेरा? ” , उसने मेरे फूलते हुए सुपाड़ी पे हाथ रखा और मुस्कुराई ” ध्यान तो पहली बार चला गया था पर आज हिम्मत हुई है! ” , मैं उसके साथ लेट गया ” मेरा सुपाड़ा बड़ा है इसलिए बचपन में ही डॉक्टर ने हटा दिया, सफाई रखने के लिए ” , वो मेरे लण्ड को सहला रही थी ” चलो अच्छा है, आपका ये ऐसे बहुत अच्छा दिखता है और अच्छा काम करता है ” , उसने कम्बल हटाया और मेरे आधे खड़े लण्ड को चूमा ” इसे देखते ही चूसने का मन करता है! ” वो सुपाडे पे जीब फेरते हुए बोली उसने मेरे टट्टों को पकड़ लिया और मसलने लगी ” बाबू मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है हहहहह ” उसने मेरे टोपे को मुँह में ले लिया और चूसने लगी, मेरे टट्टे गरम होने लगे ” अह्ह्ह पूनम तुझे क्या अच्छा लग रहा है ऐसे करने में? ” वो मेरे टट्टों को चूसने लगी, मेरी कपकपी सी छूट गई, मैंने उसके बालों को पकड़ा ” अह्ह्ह पूनम तू आज रानी को भी फेल कर रही है हम्म्म अच्छा लग रहा है ” , उसके मुँह की गरमाहट से मेरा लण्ड खड़ा हो रहा था, वो लण्ड को चाटते हुए ऊपर आई और टोपा मुँह में ले लिया, क्या बताऊँ कितना मज़ा आ रहा था, वो अपनी साड़ी भड़ास निकालना चाह रही थी उसने चूस चूस के लण्ड तान दिया ” लो बाबू मैंने आपको तैयार कर दिया, वो मेरे ऊपर बैठ गई और मेरे हाथ अपने मुम्मो पे रख दिया ” आप इनसे खेलो!! ” मैंने उसके तने हुए निप्पल धीरे से दबाए ” क्या खा रही है आज कल बड़ी गरम हो रही है? ” , उसने मेरे सीने पे हाथ फेरा ” बाबू आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो, और जबसे आप ने मेरी गोद भरी है मैं आप पे मरने लगी हूँ, बस मजबूरी है की हहह ” इतना कह वो झुकी और मेरे होठों को चूम लिया उसके बड़े गरम मुम्मे मेरे सीने से टकराए मैंने उसके आगोश में भर लिया और उसे चूमा उसने लण्ड को पकड़ा और उसपे बैठ गई, चूत इतनी गीली थी की वो सीधा अन्दर चला गया, उसने ज़ोर की आह भरी ” अह्ह्ह्ह ससससस ये जब मुझे भरता है, मुझे बहुत चैन आता है ” , वो धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगी, मैं उसके लटकते हुए आमों से खेल रहा था ” पूनम एक बात बोलूं? ” , वो मज़े से चुद रही थी ” हहह बोलो! ” , मैंने उसके नितम्बो को पकड़ा ” तेरा दूध पी के मुझे अजीब सा जोश चड़ा, मतलब पहली बार हुआ है ऐसा, और जब तूने लण्ड को दूध से चिकना किया, मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे ” , सोच के भी मेरा लण्ड और कैड़ा हो गया और तंत मारने लगा, उसे महसूस हुआ ” अह्ह्ह बाबू जोश में आ रहे हो? ” , वो झुक गई और मुम्मे मेरे मुँह पे लगा दिए ” आओ और पीओ और जोश में आओ आज मुझे थका दो, मैं आपकी हूँ ” , उसके बातें सुन मुझे अज्जेब सी उत्तेजना होने लगी, मैंने उसे पलट दिया और ज़ोर से लण्ड घुसाया ” अह्ह्ह्ह पूनम अब थोड़ी ज़ोर से होगा हहहह ” मैंने पूरा बाहर निकाला और ज़ोर से झटका लगाया, वो चिल्लाई ” अह्ह्ह बाबू इतनी ज़ोर से भी नहीं की बाकी दिन कुछ ना कर पाऊं अह्ह्ह हहह ” , मैंने उसके होठों पे अपने होंठ रख दिए और उसे चूमा ” अब क्यों चिल्ला रही है, अब तो आदत है तुझे!! ” , उसने मेरे निप्पल को सहलाया ” हह हहह मैं दर्द से नहीं चिल्लाई, अच्छा लगता है जब आप एक दम से डालता हो ” , मैंने अन्दर ही रोक लिया ” बता पूनम जब अन्दर जाता है तुझे कैसा लगता है?? ” , वो सोच कर बोली ” भरा भरा लगता है और जब धीरे धीरे आगे पीछे करते हो तो बहुत अच्छा लगता है, मैंने बहुत ही धीरे अन्दर डाला ” ऐसे? ” , उसने ज़ोर की आह भरी ” अह्ह्ह्ह हम्म्म ” ,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बरसात की रात पूनम के साथ - by neerathemall - 16-08-2022, 04:44 PM



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