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Adultery बरसात की रात पूनम के साथ
#5
वो मस्त होकर मेरे टट्टों को चूस रही थी और मेरे टोपे को मुठी में भर सहला रही थी ” ओह्ह्ह बाबू मुझे आपकी सेवा करना अच्छा लागता है, करने दो मुझे!! ” उसने मेरा टोपा मुँह में ले लिया और चूसने लगी और टट्टों को मसलने लगी, मुझसे रहा नहीं जा रहा था ” अह्ह्ह्ह हहहह पूनम बस कर झाड़ेगी क्या हहह निकल जाएगा बस कर ” , उसने आह भरी ” अह्ह्ह्ह बाबू कोई बात नहीं निकाल दो ” वो मुझे झाड़ने में लगी हुई थी, और मैं भी झड़ने के करीब हो रहा था, वो बहुत अच्छे से मुझे ब्लोजॉब दे रही थी, मेरे टट्टों को सहला रही थी और लण्ड को चाट और चूस रही थी. मैंने उसे रोक दिया ” नहीं पूनम मुझे अभी नहीं करना! ” , पर वो कहाँ सुन रही थी, उसने मेरा लण्ड टाइट पकड़ लिया, मेरे सुपाड़े पे जीब फेरी ” ओह्ह्ह बाबू रोको मत मुझे करने दो मज़ा आ रहा है हहह ” और फिर चूसने लगीयकीन मनो वो रानी को फेल कर रही थी, मैंने उसे अपनी ओर खींचा ” बस कर आ बैठ इस्पे! ” , वो नहीं मानी ” बाबू मुझे करने दो!! ” , उसने लण्ड को कस के पकड़ लिया और ज़ोर से चूसने लगी, मैंने उसे पलट दिया और उसके ऊपर आ गया ” साली क्या कर रही है, सुनती क्यों नहीं है? ” , मैंने बिना हाथ लगाए उसकी गरम चूत में लण्ड घुसा दिया, उसने ज़ोर की आह भरी ” अह्ह्ह्ह बाबू ऐसे ही ज़ोर से करो हहहह!! ” , मैंने पूरा निकाल के ज़ोर से अन्दर वाडा और उसे चोदने लगा, उसके पैर हवा में थे और वो पूरे जोश से चुद रही थी ” अह्ह्ह हहहह हम्म्म बाबू ऐसे ही ज़ोर से करो अन्दर तक अह्ह्ह ” उसकी गरम गीली चूत कुछ अलग ही मज़ा दे रही थी, मैंने पूरा अन्दर तक घुसा दिया और रुक गया ” पूनम मुझे हो जाएगा अह्ह्ह्ह ” , उसने पैरों से मुझे कास लिया ” हम्म्म हहहह बाबू शायद मुझे भी हहह आप करते रहो हह ” , मैंने पूरा निकाल के ज़ोर से घुसेड़ा ” अह्ह्ह्ह पूनम तुझे चोदने में मज़ा आ रहा हैं हहह हह ” , वो भी ज़ोर से चुदने का मज़ा ले रही थी ” अह्ह्ह हहह बाबू मेरे मुँह में निकालना हहह ” , मैंने उसके होठों को हलके से काटा ” मुँह में क्या मज़ा आएगा? तेरी चूत मांग रही है मेरी मलाई!! ” उसने मेरी निचला होंठ पकड़ लिया और चूसने लगी, बहुत मज़ा आ रहा था, उसकी चूत मेरे लण्ड पे कसने लगी और मैं उसे और ज़ोर से चोदने लगा, मैंने उसके मुम्मे दबाए ” ओह्ह्ह्ह पूनम तुझे भी होगा ना हह ” , वो बोल नहीं पा रही थी ” हम्म्म हहहह हहह अह्ह्ह ” उसने अपने मुम्मे पकड़ मेरी तरफ किये ” बाबू पीओ इन्हे अह्ह्ह्ह हह ” मैंने उसके मुम्मो को चूमा और उसके काले निप्पल पे मुँह लगा दिया, फिर एक बार मैं दूध पीने वाला था, मैं धीरे धीरे उसके मुम्मे चूस रहा था और उसकी गीली चूत को रमा कर रहा था, वो भी नीचे से झटके देने लगी ” अह्ह्ह हहह बाबू मुझे होगा फिर से हहह ” वो मुझे से लिपट गई, मैं भी करीब था, दो मिनट में हम दोनों साथ में झड़े और मैंने उसके अन्दर ही माल छोड़ दिया, मैंने उसके कांपते हुए होठों को चूमा और लण्ड और अन्दर घुसाया ” पूनम आज मज़ा आ गया तेरे साथ ” , वो आँखे बंद का मेरी पीठ सहला रही थी ” हम्म्म बाबू मुझे भी, रोम रोम त्रिपत हो गया आज ” फिर हम दोनों वाशरूम गए जहां उसने खूब मज़े ले ले कर मेरा लण्ड धोया ” आप ज़रा बाहर जाओ मुझे बाटरूम आ रहा है! ” , मैं बाहर आकर कपड़े पहनने लगा, वो आ गई ” कहाँ जाए रहे हो, आज यहीं मेरे साथ सो जाओ, ऐसा मौका बार बार नहीं मिलेगा ” , मैं बिस्तर पे बैठ गया और उसे अपनी गोद में बिठा लिया, उसके गरम नितम्ब जैसे ही मेरे जांघो पे लगे मेरा लण्ड फिर खड़ा होने लगा, उसने प्यार से उसे पकड़ लिया ” बाबू मेरा और मन है!!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बरसात की रात पूनम के साथ - by neerathemall - 16-08-2022, 04:43 PM



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