16-08-2022, 04:33 PM
( वो मेरे लंड को पकड़ हिलाने लगी ) हां लेकिन बेड पर
( मैं भी अपना बदन पोंछ कर बोला ) चलो फिर ” दोनों बेड पर आकर नंगे ही लेटे तो दीपा मेरे कमर के पास बैठकर लंड को पकड़ हिलाने लगी और मैं अब उसकी चुदाई को तैयार था लेकिन शायद वो मुखमैथुन करती। मेरे से नजर मिलाते हुए लंड का चमड़ा छिलकर सुपाड़ा पर जीभ फेरने लगी और फिर उसपर थूक कर लंड कि मालिश करने लगी, अब उसका जीभ मेरे सुपाड़ा से लेकर लंड के हरेक हिस्से को चाटने लगा और मैं ” उह ओह दीपा, चूस ना साली कुत्ती
( वो मुझे आंख मार हंसने लगी ) चुदूंगी समझ गया चोदु ” फिर वो सुपाड़ा को मुंह में लिए चूसने लगी और पल भर बाद उसे छोड़कर सीधे बैठ बोली ” तेरे लंड पर अगर बैठकर चूदुं तो कोई प्रॉब्लम ” मैं भी सोचा की शादीशुदा बहन को यदि इसी स्टाइल में चुदने का मन है तो क्या दिक्कत, वो मेरे रजामंदी मिलते ही अपने चूतड़ मेरे लंड के उपर किए बैठ गई तो मैं उसके कमर को पकड़ा और दीपा की दोनों जांघों के बीच यानी उसकी चुत के सामने मेरा लंड था, दीपा दोनों पैर के बल बैठी थी तो उसके भाई ने कमर थाम उसके बदन को संतुलित कर रखा था और दीपा मेरे लंड को पकड़ सुपाड़ा को छेद पर रगड़ने लगी, उसकी चुत में सुपाड़ा सहित आधा से अधिक लंड घुस चुका था और वो मेरी ओर देखते हुए जोर से अपने चूतड़ नीचे की ओर धंसा दी ” उफ़ उह उई मां, मोटी साली इतना भारी चूतड मेरे लंड पर ही धंसा दी, तोड़ देगी मेरा लंड क्या ” लेकिन वो चूतड़ उछालते हुए चुदवाने लगी तो राहुल सिर्फ लेटे हुए दीपा के कमर को कसकर पकड़े हुए था तो उसकी बहन की चुदासी चुत खुद ही चूद्वा कर मस्त हो रही थी, कुछ देर बाद वो हांफने लगी फिर मैं उसके कमर थामे नीचे से ही लंड का धक्का देने लगा, मुश्किल से दो तीन मिनट की चुदाई हुई होगी की मेरा लन्ड वीर्य का फव्वारा छोड़ चुत को शायद तृप्त कर दिया और दीपा बुर में लंड लिए ही मेरे बदन पर सवार होकर ओंठ चूम ली ” मजा आ गया, भले देर तक नहीं चुदाई कर पाए ” फिर दोनों अलग हुए
( मैं भी अपना बदन पोंछ कर बोला ) चलो फिर ” दोनों बेड पर आकर नंगे ही लेटे तो दीपा मेरे कमर के पास बैठकर लंड को पकड़ हिलाने लगी और मैं अब उसकी चुदाई को तैयार था लेकिन शायद वो मुखमैथुन करती। मेरे से नजर मिलाते हुए लंड का चमड़ा छिलकर सुपाड़ा पर जीभ फेरने लगी और फिर उसपर थूक कर लंड कि मालिश करने लगी, अब उसका जीभ मेरे सुपाड़ा से लेकर लंड के हरेक हिस्से को चाटने लगा और मैं ” उह ओह दीपा, चूस ना साली कुत्ती
( वो मुझे आंख मार हंसने लगी ) चुदूंगी समझ गया चोदु ” फिर वो सुपाड़ा को मुंह में लिए चूसने लगी और पल भर बाद उसे छोड़कर सीधे बैठ बोली ” तेरे लंड पर अगर बैठकर चूदुं तो कोई प्रॉब्लम ” मैं भी सोचा की शादीशुदा बहन को यदि इसी स्टाइल में चुदने का मन है तो क्या दिक्कत, वो मेरे रजामंदी मिलते ही अपने चूतड़ मेरे लंड के उपर किए बैठ गई तो मैं उसके कमर को पकड़ा और दीपा की दोनों जांघों के बीच यानी उसकी चुत के सामने मेरा लंड था, दीपा दोनों पैर के बल बैठी थी तो उसके भाई ने कमर थाम उसके बदन को संतुलित कर रखा था और दीपा मेरे लंड को पकड़ सुपाड़ा को छेद पर रगड़ने लगी, उसकी चुत में सुपाड़ा सहित आधा से अधिक लंड घुस चुका था और वो मेरी ओर देखते हुए जोर से अपने चूतड़ नीचे की ओर धंसा दी ” उफ़ उह उई मां, मोटी साली इतना भारी चूतड मेरे लंड पर ही धंसा दी, तोड़ देगी मेरा लंड क्या ” लेकिन वो चूतड़ उछालते हुए चुदवाने लगी तो राहुल सिर्फ लेटे हुए दीपा के कमर को कसकर पकड़े हुए था तो उसकी बहन की चुदासी चुत खुद ही चूद्वा कर मस्त हो रही थी, कुछ देर बाद वो हांफने लगी फिर मैं उसके कमर थामे नीचे से ही लंड का धक्का देने लगा, मुश्किल से दो तीन मिनट की चुदाई हुई होगी की मेरा लन्ड वीर्य का फव्वारा छोड़ चुत को शायद तृप्त कर दिया और दीपा बुर में लंड लिए ही मेरे बदन पर सवार होकर ओंठ चूम ली ” मजा आ गया, भले देर तक नहीं चुदाई कर पाए ” फिर दोनों अलग हुए
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.