16-08-2022, 03:50 PM
( मॉम उसके गाल चूम ली ) ठीक है, कब मौका मिलता है देखते हैं क्योंकि घर में तीन चार लौंडे के साथ ये काम मुस्किल है ” फिर मोहन मां की छाती पर मुंह लगाए एक चूची मुंह में लेकर चूसने लगा तो मॉम उसके लन्ड को पकड़ सहला रही थी साथ ही सिसक भी रही थी ” उह ओह चूस ना आराम से दांत मत लगा कुत्ते ” और वो मां की चूची छोड़कर अब उनके जांघों के बीच लन्ड पकड़े बैठ गया तो क्या खाक देखती, सिर्फ उसके हाथ में उसका लन्ड देखी जिसे वो उनके जननांग में पेलकर चोदता हुआ उनके बदन पर सवार हो गया, अब तो रेणु जैसी चुद्दक्कड औरत अपने चूतड को उछालने लगी और चुदाई का मजा ले रही थी तो मैं अपनी बुर से उंगली निकाल सिर्फ बूब्स दबाए जा रही थी ” , ओह डार्लिंग तू दो बच्चे की मां होकर भी टाईट माल लगती है, चूतड उछालती रह फिर तो बुर में रस जल्द ही झाड़ दूंगा ” और कुछ देर बाद मोहन चोदते हुए हांफने लगा तो मां चूतड स्थिर किए चुदाई के चरम पर थी फिर मोहन बोल पड़ा ” ले मेरे लन्ड का वीर्य निकला ओह ” तो मॉम निढाल बेड पर पड़ी रही और उनके ऊपर मोहन लेटा रहा, फिर क्या देखना था, मैं कुछ देर बगान में रही फिर वापस अपने घर के बरामदे पर जाकर दरवाजा नोक करने लगी, मां साड़ी के लिबास में थी लेकिन उनके चेहरे से थकावट महसूस हो रही थी ” इतनी जल्दी कॉलेज से आ गई
( मैं ) हां आज दो क्लास ऑफ था ” और फिर अपने रूम जाकर ड्रेस बदलने लगी।
( मैं ) हां आज दो क्लास ऑफ था ” और फिर अपने रूम जाकर ड्रेस बदलने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
