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Adultery मां की गर्म जवानी
#3
उधर किया फिर बुर में उंगली करते हुए उसके लन्ड देख कल्पना लोक में खो गई। रेणु वाशरूम से बाहर आई तो उसके नग्न जिस्म को अच्छी तरह से देखी, मोटे चिकने जांघो के बीच फूली हुई चूत की फांकें और ये औरत बुर को चिकना रखी थी, अब आते ही बोली ” मोहन अब मेरी बुर चाट दे
( वो लन्ड पकड़े बोला ) जानू पहले मेरे लौड़े को चूस तो फिर चाट लूंगा ” और अब मोहन बेड पर चित लेटा हुआ था तो मैं अपनी चूत में उंगली घुसाए रगड़ने लगी।
मोहन के नंगे बदन को रेणु चूमने लगी साथ ही अपना हाथ बढ़ाए लन्ड पकड़ सहला रही थी, काश ये लन्ड मेरा होता मैं तो मुंह में लेकर लोलीपॉप की तरह चूसने लगती लेकिन यहां तो चुदासी मां अपने उम्र से ७ – ८ साल छोटे लड़के के साथ सेक्स का आनंद ले रही थी, मेरी चूत में सुरसुरी होने लगी तो मां की बड़ी बड़ी चूचियों को पकड़े मोहन दबाए जा रहा था, मेरी मां रेणु उसके छाती से कमर तक चूमकर लन्ड का चमड़ा नीचे की फिर सुपाड़ा को नाक से लगाए सूंघ ली तो मोहन बोला ” चल साली अब लन्ड को चूस चूसकर मजा दे
( रेणु उसके लन्ड पर चुम्बन देने लगी ) डार्लिंग तुम अपने दोस्त sr मुझे मिलवाने वाले थे
( मोहन लेटा हुआ मुस्कुराया ) हां सेक्सी फिर तो तू मुझे करीब फटकने भी नही देगी ” लेकिन रेणु चुप रही और मुंह खोल पूरा लन्ड अंदर लिए चूसने लगी, मैं मां के मुंह में लन्ड देख ईर्ष्या से जल उठी लेकिन क्या १३ साल की बच्ची ये कर्म कर सकती थी, मॉम मुंह में लन्ड लिए चेहरा ऊपर नीचे करने लगी तो उनकी बेटी जिया अपनी बुर कुरेद रही थी, लाइव सेक्स देखने का आनंद ही अलग होता है और मोहन लेटे हुए सिसकियां भरने लगा ” उह ओह बहुत मजा आ रहा है जानू आज तू लन्ड से रस निकालकर पी ले
( रेणु लन्ड को मुंह से बाहर की ) अबे कुत्ते सिर्फ मस्ती करना आता है कभी कोई गिफ्ट तक मुझे दिया है ” ये कहते हुए उसके लन्ड पर लगे थूक को जीभ से चाटने लगी तो मेरी बुर अब रस छोड़ देती, इसलिए वहां से हटी फिर बागान में ही पेंटी खोल बैठी और मूतने लगी, नल से थोड़ा पानी हाथ में लेकर बुर को धो ली फिर उस रूम की खिड़की के पास चली गई तो देखी की आसन में बदलाव आ चुका है और किस कदर मेरी मां उसके मुंह पर चूतड किए बैठी है तो वो छोकरा मां की बुर में जीभ पेले चाट रहा है, अपनी मां की लालिमा लिए बुर साथ ही ब्रेड पकोड़ा की तरह मोटी फांकें तो बुर के दरार फैले हुए और मोहन का जीभ किसी कुत्ते की भांति लपलप बुर चाट रहा है, अब मेरी बुर से रस निकलने लगा तो मैं थोड़ी सुस्त हुई फिर वहां से कुछ देर के लिए हट गई, आम के पेड़ के नीचे बैठकर सुस्ती दूर कर रही थी तो दिन के दो बजे होंगे, मन तो कर रहा था की जाकर उन दोनो के साथ सेक्स करने लगूं फिर जी घबराने लगा। जिया उठी और खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई, मोहन तो मेरी मॉम को पेलने में लगा हुआ था तो रेणु उसके लन्ड पर ही चूतड रख जांघें फैलाए चूतड उछाल उछाल कर चुदवाने में लीन थी तो मोहन उनके बूब्स को पकड़ मसल रहा था साथ ही अपना चूतड ऊपर नीचे करते हुए रेणु की चूत चुदाई कर रहा था, वाह मॉम वाह चुदवाने का ये आसन तो बेहतरीन है आखिर मैं जो मां की चूत में लन्ड घुसते निकलते देख रही थी और मेरे बुर की खुजली भी चरम पर थी, अपनी मां को इस कदर चूतड उछालते हुए चुदवाने का आनंद लेते देख जी कर रहा था की रूम में जाऊं और उन दोनो के साथ शरीक हो जाऊं और अब मेरी मां ” , उह ओह आह मेरे बुर से रस निकलने वाला है मोहन तेज धक्के दे देकर चोद ” मैं बुर में उंगली करते हुए अपनी बूब्स को दबाने लगी फिर देखी की मॉम की चूत से रस निकल रहा है और वो मोहन के बदन पर से उठी फिर बेड पर लेट गई तो मोहन उनके बूब्स पकड़ बोला ” रेणु डार्लिंग एक दिन ग्रुप सेक्स का आनंद तुझे देने की सोच रहा हूं
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मां की गर्म जवानी - by neerathemall - 16-08-2022, 03:49 PM



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