16-08-2022, 03:49 PM
ये वाकया तकरीबन ८ वर्ष पहले की है जब मैं ( जिया ) मात्र १३ वर्ष की थी लेकिन मेरी मां जवानी के उफान पर, उनकी उम्र ३३-३४ साल होगी तो लंबाई ५ फीट ४ इंच के आसपास, चूचियों की गोलाई मानो ३८ सी साइज की ब्रा लगाती हो तो चूतड गोल और गुंबदाकर लेकिन कभी मैं सोची तक नहीं थी की मेरी मां जोकि पुरानी विचारधारा की है साथ ही बच्चों पर कड़ी निगरानी रखती है वो खुद ही प्रेम की गहराई में गैर मर्द के साथ रंगरेलियां मनाएंगी, उनको पड़ोस के एक लड़के रवि के साथ मस्ती करते देखी तो अब मेरी नजर मॉम की हरकतों पर रहने लगी, एक दिन मैं जानबूझकर कॉलेज से जल्दी ही निकल गई कारण की कल की शाम उनको किसी लड़के के साथ मोबाइल पर बातें करते सुनी थी तो आज पापा और भैया अपने अपने ऑफिस गए हुए थे। जिया पेट में दर्द के बहाने कॉलेज से निकल एक ऑटो ली फिर घर पहुंची, मुझे मालूम था कि बाहर का गेट खुला मिलेगा और घर का दरवाजा बंद और ऐसा ही हुआ तो मैं बाहर के गेट से अंदर घुसी फिर पीछे की ओर जाने के लिए जो रास्ता था उससे पीछे की ओर गई, अपने कॉलेज बैग को बागान में लगे आम के पेड़ के नीचे रखी फिर उस कमरे की ओर गई जहां मॉम गैरों के साथ बिस्तर गर्म किया करती थी। फरवरी का महीना था तो वसंत ऋतु का प्रवेश फूल पत्तियों में नई जान डाल चुके थे और जिया कॉलेज ड्रेस पहने अपनी मॉम की बेशर्मी को देखने हेतु दबे कदम उस रूम की ओर जा रही थी, मिनी स्कर्ट साथ ही व्हाइट शर्ट तो अंदर ब्रा और चड्डी, मेरा निर्मल मन अब बेकाबू हो जाया करता था जब भी अपनी मां को रवि के संग सेक्स करते याद करती थी और मैं अब रूम की खिड़की के पास पहुंची, खिड़की पूरी तरह से खुली हुई थी लेकिन मुझे थोड़ा उच्चक कर रूम में झांकना होता, कारण की बागान की सतह और खिड़की के बीच अधिक दूरी थी तो मैं खिड़की के कोने से पैर उचकाए अंदर झांकी तो दिमाग सन्न रह गया। मेरी मॉम रेणु नग्न अवस्था में बिस्तर पर किसी काम की मूर्त की तरह बैठी हुई थी, उसकी चूचियां साथ ही ब्राउन निप्पल, सपाट पेट पर गहरी नाभी, कभी इनके जीवन शैली को देख सोच नही पाई थी की ये गैर मर्दों के साथ मस्ती करती होगी, रवि मात्र २५-२६ साल का लड़का था तो इन्हें कम उम्र के लौंडे में ही मजा आता था और अभी तो सिर्फ रेणु को नंगे देख पा रही थी, कारण की उनका चेहरा खिड़की की ओर था लेकिन इनके संग जो बिस्तर पर थे और मॉम के चेहरे से लेकर ओंठ तक को चूमने में मस्त थे उनका पिछला हिस्सा ही नजर आ रहा था, मैं अब देखी की वो मर्द /लड़का मां को गोद में बिठाकर उसके उसे चूमने में लगा है तो मां उसके पीठ पर हाथ फेरने में लगी हुई है, किसी तरह उसका लन्ड मुझे दिखा जोकि मां की जांघों के बीच साथ ही चूतड के नीचे दबा हुआ था और मेरी हालत खराब होने लगी। कुछ देर के बाद रेणु उसके गोद से उतरकर वाशरूम घुसी तो मुझे उस लड़का का चेहरा दिखा, ये तो पापा के दोस्त का लड़का मोहन था, जिसके मूसल लन्ड को देख मैं तड़प उठी, मेरे स्कर्ट के अंदर की पेंटी को मैनें खुद थोड़ा सा इधर
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.