16-08-2022, 03:34 PM
..नितिन
जिया अब घर के अंदर और बाहर सिर्फ सेक्स की दुनिया में खोई रहती थी तो मुझे अब सप्ताह में एक बार शारीरिक सम्बन्ध बनाने का जी करने लगा तो मेरी सुंदरता भले ही किसी को ना रिझाए लेकिन लड़की हूं तो लड़के की जरूरत और विपरीत लिंगों के बीच आकर्षण तो स्वाभाविक क्रिया है, पैतृक गांव से लौटने के बाद एक शाम नितिन, जोकि मेरे बड़े भाई हैं साथ ही मुझसे उम्र में ३-४ साल बड़े उनके साथ एक रात संभोग सुख प्राप्त कर ली तो वो मेरी मजबूरी थी या मर्जी मैं क्या बताऊं, आखिर डर चुकी थी कि मेरी तस्वीर जोकि रोहित के साथ है कहीं भैया डैड और मॉम को ना दिखा दें तो मैं मजबूरी वश उनके सामने सेक्सी ड्रेस पहन गई थी लेकिन मजबूरी में उनके साथ बिस्तर गरम करना कहिए तो मेरी मर्जी हो गई जब उनके ६-७ इंच लंबे लंड को मुंह में लेकर चूस ली फिर चुदवा ली तो भैया शाम के समय बालकनी में अकेले बैठे हुए थे और मैं डायनिंग हॉल में बैठ टी वी देख रही थी ” जिया एक कप चाय बनाना
( मैं बोली ) जी अभी लाई ” फिर किचन जाकर दो कप चाय बनाई और बालकनी लेकर आई तो भैया कुर्सी पर बैठ मोबाईल पर किसी से बात कर रहे थे और मै सामने की कुर्सी पर बैठ गई और चाय की चुस्की लेते हुए उन्हें देख रही थी, अब वो मोबाइल पास पड़े टेबल पर रख दिए फिर चाय पीने लगे लेकिन उनकी नजर मेरे छाती पर ही होती और मैं शर्मिंदगी के मारे चेहरा झुकाए बैठी थी ” तुम तो चार पांच दिनों में अकेले बोर हो गई होगी
( मैं ) मॉम तो घर से बाहर निकलने तक नहीं दी और फिर कॉलेज में भी छुट्टी थी
( नितिन बोला ) ठीक है तू तैयार हो जा चल तुम्हे एक जगह घुमा लाता हूं ” मैं उनके हाथ से चाय का प्याला लेकर किचन में रखी फिर अपने रूम जाकर कपड़े बदलने लगी, बिन बाहों वाली टॉप्स साथ ही मीनिस्कर्ट पहन ली तो बाल संवार के अपना छोटा सा पर्स ली और डायनिंग हॉल आईं तो मॉम वहीं बैठे सब्जी काट रही थी ” किधर चली इतनी देर शाम
( नितिन अपने रूम से निकला ) मॉम उसे कुछ किताब खरीदनी है तो मुझे भी काम है मेरे साथ ही रहेगी ” फिर मैं चप्पल पहनी और नितिन के साथ घर से बाहर आईं, वो ब्लू रंग की जींस और टीशर्ट पहने हुए थे और फिर उन्होंने बाईक स्टार्ट किया तो जिया उनके पीछे बैठ गई, दोनों पैर एक ही दिशा में किए साथ ही उनसे थोड़ी दूरी बनाए और उनके कंधे पर हाथ रख मार्केट की ओर चल दी तो कुछ दूरी तय करने के बाद भैया बोले ” तुम कुछ ज्यादा ही पीछे बैठी हो, बाईक का संतुलन बिगड़ सकता है थोड़ा करीब हो जाओ
( मै उनसे चिपक गई तो मेरे दाहिने बूब्स उनके पीठ से चिपक चुके थे ) अब तो ठीक है नितिन ” और मैं अपना हाथ उनके कमर से लपेट दी, ठीक उनकी गर्ल फ्रेंड की तरह तो मेरा मिनी स्कर्ट जांघों तक को पूरी तरह से छुपा नहीं पा रहे थे और दोनों शॉपिंग मॉल पहुंचे तो मैं नितिन से पूछी ” यहां क्या, कुछ खरीदना है
( वो बोले ) तुम रुको मैं अभी आया ” फिर मैं बाईक के पास खड़ी थी तो कुछ मनचले मेरे छोटे ड्रेस से दिखते जांघों, पैर और बूब्स की ओर देख रहे थे तो मुझे लगा कि कोई नहीं वैसे भी अपने खूबसूरत जिस्म की नुमाइश करने के लिए ही तो ऐसे कपड़े पहनती हूं और फिर नीतीन आया तो उसके हाथ में एक प्लास्टिक बैग था, जरूर ये बियर या व्हिस्की खरीदे होंगे और मुझे देख पूछे ” क्या कुछ खरीदारी करनी है
( मैं बोली ) फिलहाल नहीं, लेकिन आप क्या खरीदे हैं ” वो कुछ नहीं बोले और बाईक स्टार्ट किए फिर मैं उनसे चिपककर बैठ गई तो नितिन घर की ओर जाने की बजाय चौराहे से मुड़कर दूसरी ओर जाने लगे तो अभी शाम के ०६:३० बजे होंगे फिर कुछ दूरी तय कर बाईक को एक पार्क के सामने खड़ी कर दिए, दोनों पार्क में घुसे तो नितिन प्लास्टिक बैग पकड़े हुए थे साथ ही मेरे कलाई को थामे मुझे पार्क के अंदर ले गया तो नगर निगम का ये पार्क कुछ खास मेंटेंड नहीं था और दोनों पार्क के कोने में झाड़ियों के पीछे बैठ गए तो मैं घांस पर बैठी थी वो भी घुटनों को मोड़कर तो स्कर्ट जांघो के उपरी हिस्से तक पहुंच चुका था और नितिन झट से बियर की बोतल खोल बोला ” ग्लास लेना भूल गया सो थोड़ा मैं और फिर तुम पी लेना ” भैया अपने पॉकेट से सिगरेट की डब्बे निकाले तो मैं उनसे सिगरेट लेकर सुलगाई फिर मैं भी बियर पीने लगी तो नितिन का मंशा दिखने लगा, मुझे बियर की बोतल थमाकर सीधे बूब्स पर हाथ रख पुचकारने लगे और मैं सिगरेट उनको बढ़ाते हुए बोली ” बस इसी काम के लिए इतनी दूर आए हैं
( नितिन मेरे चूची को टॉप्स पर से पकड़ दबा रहा था ) तो क्या घर में ही शुरू हो जाता, यहां सिर्फ ओरल और घर में देर रात क्या
( मैं सर झुकाए धीमे स्वर में बोली ) चुदाई और क्या ” तो एक बोतल बियर पीते ही दोनों एक दूसरे से चिपक गए तो मैं नितिन के गोद में बैठ उसके गाल चूमने लगी और वो मेरे पीठ सहलाने लगा फिर मेरे गर्दन में हाथ डाले ओंठ पर चुम्बन देने लगा तो जिया भी कम नहीं थी, उसने नितिन के ओंठ को ही मुंह में ले लिया तो भैया मेरे टॉप्स को थोड़ा उपर किए पीठ सहलाते हुए मस्त थे। जिया नितिन के ओंठ मुंह से निकाल उसके मुंह में अपना जीभ घुसाई तो वो मेरे गर्दन में हाथ डाले जीभ चूसने लगा, मेरी दोनों चूचियां उसके छाती से चिपकी हुई थी तो मेरे मिनी स्कर्ट चूतड़ से उपर हो चुके थे जिसपर नितिन भैया हाथ फेरने लगे और फिर गान्ड के नीचे हाथ लगाकर चूत को पेंटी पर से ही सहलाने लगे, वाह रे भाई बहन का प्यार सबको तड़पा कर रख दे और उससे जीभ चुसवा चुसवा कर मेरी बदन में आग लग गई तो मैं अब उनके गोद से उतर फिर उनके जींस के बटन खोलने लगी…
जिया की चढ़ती जवानी पर कई की नजर थी तो मेरे अनुशासन प्रिय भाई साहब मेरी जाल में फंस गए तो मैं एक रात मेनका बन विश्वामित्र के तप को भंग कर दी, मेरे घूमने फिरने से लेकर मॉडर्न ड्रेस पहनने तक पर रोक और फिर उनके साथ संभोग सुख निश्चित रूप से सामाजिक कुरीति ही है लेकिन जहां मजा नहीं वहां जिंदगी कैसा! दीपा दीदी की ज्ञान को हकिकत में बदलने लगी और उस पार्क में जिया ने नितिन के जींस को घुटनों तक कर दिया साथ ही चढ्ढी को भी तो उनके लंबे और मोटे लंड मेरी नजरों के सामने थे जिसे पकड़ मैं सहलाने लगी तो नितिन इधर उधर देखा फिर बियर की दूसरी बोतल खोल पीने लगा और जिया भैया के सामने ही घुटनों के बल हो गई तो चेहरा झुकाए उनके लंड का चमड़ा छीलकर चूमने लगी तो उनके गोरे लंड की गोलाई को घुमाते हुए जिया ओंठ से चुम्बन देने लगी और फिर उनका हाथ मेरे चूतड पर था जोकि स्कर्ट से ढकी हुई थी, स्कर्ट को कमर तक कर मेरे गोल गद्देदार गान्ड को सहलाने लगे और मैं अब उनके हाथ के स्पर्श से कामुक हो लंड का सुपाड़ा मुंह में लिए चूसने लगी और अब उनका दूसरा हाथ मेरे चूची पर था जिसे वो पकड़कर दबाने लगे। जिया अपने पूरे मुंह खोल नितिन के लंड निगल गई तो वो मेरे चूतड को सहलाते हुए टॉप्स को उपर किए ब्रा की हुक खोल दिए, अब उनका एक हाथ मेरे बूब्स पकड़ दबाने लगा तो चूतड पर वो थप्पड़ मार रहे थे, कामुकता वश जिया उनके लंड को मुंह में लिए सर का झटका देने लगी तो मेरी ब्रा बाहों में फंसी हुई लेकिन छाती से लटकी हुई थी और वो जोर जोर से चूची दबा रहे थे। जिया अब मुंह से लार टपकते देखी तो लंड बाहर कर उठ बैठी तो नितिन मेरे चूची को दबाते हुए बोला ” ब्रा निकाल दे रानी चुसुंगा ” मैं बेशरम लड़की खुद टॉप्स उतारी फिर ब्रा को निकाल घांस पर रख दी तो मेरा उपरी हिस्सा नंगा था, अब मैं उनके सामने बैठी हुई बियर पीने लगी तो वो चूची को पकड़ मुंह में लेने के लिए थोड़ा झुके ” ओह डियर देखो कैसे तेरे चेहरे के सामने मेरी बूब्स होगी ” और जिया घुटनों के बल हो गई तो मेरी छाती अब भैया के चेहरे के सामने थी और वो आराम से मेरी चूची मुंह में लेकर चूसने लगे साथ ही मेरे स्कर्ट में हाथ डाले पेंटी की डोरी खोल दिए, अब इस स्कर्ट का क्या काम लेकिन मैं तो बियर पीने में मस्त थी तो नितिन मेरी चूची चूसने में, उनका लंड मानो फुंफकार रहा हो तो अपनी छाती से लगाए उन्हें स्तनपान कराते हुए सिसक रही थी ” उह ओह आह चूसो चूसो डार्लिंग मुझे यही पर नंगा कर चोद दो आह मेरी चूत की खुजली
( वो मेरे स्तन मुंह से निकाले ) बेबी अभी तो तेरी चूत को चाटूंगा ” फिर वो मेरी चूतड को सहलाते हुए बुर को उंगली से कुरदने लगे तो उनकी एक उंगली मेरे चूत को क्या खाक तड़पाती और अब मेरे हाथ में उनका लंड था जिसे हिलाते हुए मस्त थी तो दोनों एक दूसरे के योनि को अपने हाथो से संतुष्ट करने में लगे हुए थे तो जिया बियर पीकर मस्त थी।
जिया को नितिन ने खड़ा होने को कहा तो मै पहले तो टॉप्स पहनी फिर खड़ी हो गई, दोनों जांघो को फैलाए स्कर्ट को कमर तक किए बोली ” ले बे कुत्ते चाट अपनी बहन की बुर साले मुंह में ही मूतुंगी फिर समझना ” वो मेरे सामने घुटनों के बल होने से पहले जींस और चढ्ढी को बाहर निकाला फिर चूत को चूमने लगा तो जिया खुद ही उंगली से चूत फैलाए चटवाने का न्योता दी और वो कुत्ता बुर में जीभ घुसाए चाटने लगा साथ ही गान्ड पर हाथ फेर रहा था और जिया खड़े खड़े इधर उधर भी देख रही थी ताकि किसी के इधर आने पर दोनों के कुकर्मों को पकड़ ना जा सके और अब नितिन चूत की गहराई तक जीभ डाल चाटे जा रहा था तो मैं कामुकता वश अपने एक पैर उठाई और उसके कंधे पर मोटे जांघ रख दी और वो लपलप कुत्ते की भांति बुर चाटने में लीन था ” ओह उई बहुत खुजली अब छोड़ो चूस चूस बे मादरचोद रण्डी की औलाद ” तो वो बुर से जीभ निकाला फिर मैं उसके सामने बैठकर उसके लंड पकड़े हिलाए जा रही थी तो वो मेरी चूची टॉप्स पर से ही पकड़ दबाए जा रहा था साथ ही सिसक भी रहा था ” उह ओह बेबी प्लीज़ चूस लो ना चूस चूस कर मेरे पेनिस को ढीला कर दो
( मैं उसके लंड को छोड़ी ) डियर चूस रही हूं लेकिन झडने पर हो तो बता देना, मुंह में मुझे वीर्य पसंद नहीं ” अब वो खड़ा हुआ तो शाम के करीब ०७:१५ बजे थे लेकिन ऐसे पार्क में कोई क्या करने आएगा, ना उतनी साफ सफाई और ना ही रोशनी का प्रबन्ध तो हम जैसे आशिक ही ऐसी जगह ढूंढते हैं जहां आराम से सेक्स का आनंद लिया जा सके, नितिन मेरे सामने खड़ा था तो मैं अपने घुटनों के बल होकर उसके लंड पकड़ी फिर मुंह में लिए चूसने लगी तो वो मेरे बाल को पकड़ा फिर मुंह में ही लंड का धक्का देता हुआ चोदने लगा तो जिया टॉप्स और स्कर्ट में थी तो पेंटी और ब्रा घांस पर पड़े थे और अब मेरे दोनों आंख बंद थे तो नितिन मेरी मुंह चोदता हुआ मस्त था तो मैं उसके लंड मुंह में लिए मूड में थी और फिर नितिन मेरे चेहरे को पीछे धकेल लंड मुंह से निकाल थोड़ा तिरछा हुए लंड को पकड़े हिलाया तो उससे वीर्य स्खलित होने लगा, मैं अपने चूत को पानी से धोकर पोंछ ली फिर पेंटी पहनी लेकिन ब्रा पर्स में रख ली तो नितिन भी कपड़ा पहन लिया और दोनों घर वापस चले गए….
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.