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जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा
#27
दीपा मलहोत्रा अब गर्भवती हो चुकी है तो कहिए की जवानी के दिन ढलने लगे और मैं फिलहाल अपने मायके कानपुर आ गई ताकि मॉम मेरा ख्याल रख सके, मेरी चचेरी बहन जिया मल्होत्रा अब आप लोगों को अपने जीवन की सच्ची वाक्या सुनाएगी तो उम्मीद है कि इसकी कहानी पढ़कर आप सब खूब एंजॉय करेंगे।
मैं जिया मल्होत्रा, उम्र २० वर्ष तो देखने में साधारण, सांवला रंग तो लंबाई ५’४ इंच और दीपा दीदी के सामने मैं कुछ भी नहीं चाहे खूबसूरती की बात हो या फिगर की लेकिन हूं तो एक कच्ची कली जिसके बदन पर किसी भी लड़के / मर्द का हाथ नहीं लगा है लेकिन वो दिन दूर नहीं जब मेरा बॉय फ्रेंड मेरे साथ काम वासना की क्रिया करेंगे, मेरे भूरे आंख तो सुराही – नुमा गर्दन और दो छोटी छोटी चूचियां मानो कड़े संतरे छाती पर फिट हूं, पतली कमर और लंबे काले ज़ुल्फ साथ ही पतली लेकिन चिकनी जांघें और गोल लेकिन टाईट गान्ड, मेरी चूत की सील अभी नहीं टूटी है तो उसके दोनों फांक सटे हुए हैं और मैं अपने चूत की बार को आज तक हेयर रिमूवर क्रीम लगाकर चिकना नहीं की बल्कि सिर्फ केंची से बार को छांट्टती हूं। मैं इलाहाबाद शहर के नैनी इलाके में डैड, मॉम और दो भाइयों के साथ रहती हूं तो फिलहाल स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा हूं और मेरा कॉलेज घर से कोई ३-४ किलोमीटर की दूरी पर है तो बड़ा भाई ही मुझे बाईक से कॉलेज छोड़ आते हैं तो वापसी में कभी ऑटो या कभी रिक्शा से घर आती हूं।
एक रविवार मैं घर में ही थी और सुबह सुबह चाय पीकर बालों में मेहंदी लगा रखी थी, वैसे जुलाई का महीना था तो उमस भरी गर्मी से परेशान थी लेकिन सजना संवरना ही मेरा शौक था, पढ़ाई से अधिक दिलचस्पी तो मूवी देखने की थी लेकिन डैड और मॉम का मेरे पर कड़ा पहरा मुझे अनुशासन में बांधे हुए थे तो दूसरी ओर मेरे घर वाले मेरी शादी के लिए भी लगे हुए थे। दीपा दीदी ( पूर्व की लेखिका ) का कॉल मुझे आया तो मैं कॉल रिसीव की ” नमस्ते दीदी कैसी हैं
( दीपा ) अच्छी हूं बस आराम ही आराम
( जिया ) तो प्रेगनेंसी के दौरान आराम ही चाहिए
( दीपा ) ओह तू तो मुझसे भी अधिक अनुभवी लग रही है
( जिया झेंपते हुए ) ओह दीदी, दरअसल अब तो स्मार्टफोन, टी वी और इंटरनेट का युग है बस वहीं देखकर सीखी और जानकारी ली
( दीपा हंसते हुए ) ओह तो सिर्फ थ्योरी जानती हो या फिर प्रैक्टिकल भी कर रही हो
( मैं दीदी के बात सुनकर दंग रह गई ) ये आप क्या पूछ रही हैं दीदी
( दीपा ) जवानी एक बार ही मिलती है लौट कर नहीं आएगी समझी
( मैं ) ओह मतलब की बॉय फ्रेंड और मौज मस्ती करूं
( दीपा ) हां तुमको कोई लाईन नहीं मारता
( मैं ) हैं कॉलेज के दो तीन लड़के लेकिन मुझे पता है कि सब के सब क्या चाहते हैं
( दीपा ) अरे बुद्धू वही चाहत तो अच्छी है, शादी ब्याह तो घर वाले एल मर्जी से ही होगी तो जब तक नहीं होती तब तक एंजॉय कर ले ” और दीदी की बातें मेरे मन में बैठ गई तो मुझे लगा कि दीपा दीदी सही बोल रही हैं, दिन भर कॉलेज के बहाने घर से बाहर रहती हूं तो क्यों ना किसी एक लड़के को अपना बॉय फ्रेंड बनाकर मजे लिए जाएं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा - by neerathemall - 16-08-2022, 03:24 PM



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