16-08-2022, 03:23 PM
जिया और उसका बॉय फ्रेंड
जिया इलाहाबाद शहर से थोड़ी दूरी पर रह रही थी तो उसके डैड माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक और मॉम ग्रीहनी तो बड़ा भाई ठेकेदार और छोटा भाई दसवीं का छात्र तो घर की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी नहीं थी लेकिन हम लोग अच्छी जिंदगी जी रहे थे, कॉलेज अगले दिन पहुंची तो क्लाश आज करना नहीं था कारण की नीलेश और मैं आज साथ घूमने फिरने का प्लान किए हुए थे। नीलेश मेरा हमउम्र था तो देखने में हैंडसम और काले घुंघराले बाल साथ ही लंबाई ५’१० इंच की तो उसके डैड इलाहाबाद विशवविद्यालय में प्रोफेसर थे और वो काफी खर्चीला किस्म का लड़का था तो जिया उससे दोस्ती उसके पैसे पर ऐश मौज करने के लिए की साथ ही अगर वो मेरे तन से प्यार करना चाहा तो ओरल सेक्स तक करने में मुझे कोई डर नहीं लेकिन इंटरकोर्स करना, फिलहाल तो सोच भी नहीं सकती। मैं कॉलेज के लिए निकली तो भैया मुझे आज कॉलेज के गेट पर छोड़ दिए और वहीं नीलेश अपनी बाईक खड़ा किए मेरा इंतजार कर रहा था तो आज मैं टॉप्स और स्कर्ट पहन रखी थी लेकिन स्कर्ट थोड़ा शॉर्ट था फिर भी सारे अंग ढके हुए थे, भैया मुझे छोड़ निकल गए तो नीलेश मेरी ओर आया फिर मैं उसके बाईक पर बैठ निकल पड़ी, कहां और किसलिए! ये पता नहीं तो मैं बाईक पर उससे चिपककर बैठी थी और मेरा हाथ उसके कमर पर था लेकिन दोनों पैर एक ही ओर तो सिर्फ अपनी एक चूची को ही पीठ से रगड़ मजे ले सकती थी और जब वो बाईक को हाईवे की ओर मोड़ा तो मैं पूछ बैठी ” किधर जा रहे हैं नीलेश
( वो बोला ) तुम चलो तो तुम्हे जन्नत की सैर कराऊंगा ” और मै चुपचाप बैठी रही लेकिन उससे इस कदर चीपक कर बैठी थी मानो दोनों प्रेमी युगल हों लेकिन जा कहां रहे थे! लगभग ४-५ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद नीलेश बाईक को एक रिसोर्ट के अंदर ले लिया और बाईक से मैं उतरते के साथ बोली ” ये कहां लेते आए
( वो हंसता हुआ बोला ) क्यों तुमको क्या प्रॉब्लम है, अंदर चलो तो सही ” फिर वो मेरे कलाई को पकड़ लिया तो मेरा पर्स कंधे में और नोटबुक हाथ में था तभी वो मेरे नोटबुक को बाईक की डिक्की में रख दिया, कलाई पकड़े अंदर रिसेप्शन कि ओर जा रहे थे फिर वहां के एक स्टाफ ने नीलेश से अलग में बात की फिर एक कमरा में दोनों गए।
जिया के लिए सब कुछ पहली बार था तो मेरा डर से हाल खराब था, पता नहीं इसके मन में क्या चल रहा है कहीं मेरे साथ जबरदस्ती ना करे, यही सोच रही थी कि नीलेश बोला ” बैठो फिर हम दोनों साथ ही लंच करेंगे और अगर मर्जी हो तो बियर भी पिएंगे ” मैं सहमी हुई बैठ गई तो नीलेश मेरे बगल में बैठा लेकिन दरवाजा बंद करके, अब तो मुझे लगा कि आज ये जरूर मेरे साथ चुम्मा चाटी करेगा लेकिन उतना तो चलेगा आखिर २० साल की उम्र और अभी तक लड़के के छुअन से भी दूर तो रूम में दोनों बैठे हुए थे और मैं उससे पूछ बैठी ” क्या नीलेश रूम बुक कराए हो सिर्फ चुपचाप बैठे रहने के लिए
( वो मेरे करीब खिसका ) नहीं तो लेकिन तुम पता नहीं शायद डरी हुई हो ” और उसने हाथ मेरे जांघ पर रख दिया तो मेरे बदन में मानो करेंट प्रवाहित होने लगी, जिया उसके कलाई को पकड़ जांघ से हटाना चाहती थी लेकिन उसके कलाई पकड़ हाथ को अपने बूब्स पर रख दी और वो ज्योंहि मेरे संतरे समान चूची को पुचकारने लगा मैं शर्म के मारे पानी पानी हो गई। नीलेश मेरी चूची दबाता हुआ जैसे ही गाल पर ओंठ रख चुम्बन दिया, मैं हटकर बैठ गई और शर्म से चेहरा झुकाए बोली ” सॉरी नीलेश हाथ को हटाने के लिए पकड़ी लेकिन उसपर लगा दी, प्लीज़ मुझे गलत मत समझना अब चलो यहां से
( वो मेरे करीब आकर बैठा ) क्यों मेरी छुअन और किस्स तुम्हे अच्छी नहीं लगी ” मैं सर हिलाकर ना में बोली लेकिन दिल जान रहा था कि नीलेश के स्पर्श ने मुझे कामुक कर दिया तो दो चार बार मेरी चूची को दबाकर उसने मेरे तन में आग लगाने का काम किया लेकिन हूं तो लड़की जात अगर सीधे मुंह मजे को स्वीकार ली तो पता चला कि अभी ही मुझे पटककर चोद लेगा, तभी नीलेश रूम के इंटरकॉम से होटल सर्विस को कॉल किया ” हां रूम नंबर १०९ में दो ठंडी बियर और साथ में एक कोल्ड ड्रिंक्स
( मैं उसके हाथ फिर से पकड़ चूम ली ) मुझे बियर पिलाओगे, कहीं नशे में मस्त होकर घर गई तो समझ रहे हो मेरा क्या हाल होगा
( वो फिर से मेरी चूची दबाने लगा ) बेबी पहली बार बियर पीने के बाद एक डेढ़ घंटा मजा आएगा और उसका गंध तो बिल्कुल ही घर वाले नहीं पकड़ पाएंगे ” वैसे भी अभी दोपहर के ०१:१५ बजे थे तो तीन घंटे का समय मेरे पास मौज मस्ती करने का था, सोची बियर पीकर क्या मजा आता है देख ही लूं।
कुछ देर के बाद रूम में बियर की बोतलें साथ में सिगरेट तो थोड़े स्नेक्स भी थे लेकिन सच पूछो तो आज पहली बार नग्न लंड देखने की इच्छा जाग गई, अब मैं सोफ़ा पर से उठकर वाशरूम गई और फ्रेश होकर बाहर आई तो दो ग्लास में बियर डालकर नीलेश मेरा इंतजार कर रहा था लेकिन इतनी ही देर में उसके बदन से टी शर्ट और जींस गायब था और वो शॉर्ट्स पहने बैठा हुआ था, उसे देख बोली ” तुम साथ में कपड़ा भी लेकर आए थे
( वो हंसने लगा ) नहीं तो जींस के अंदर ही पहन रखा था, वैसे चाहो तो तुम भी थोड़ा रिलेक्स हो लो ” मैं उसके बात को समझकर भी नासमझ बनी रही और उसके बगल में बैठकर ग्लास उठाई तो वो बोला ” थोड़ा कस्सा लगेगा पर आराम से एक ग्लास पियो तो सही ” तो मैं बियर की पहली घूंट अन्दर ली तो मुझे कुछ खास कड़वा नहीं लगा और मैं आधा ग्लास तो एक ही सांस में पी ली फिर ग्लास टेबल पर रख सिगरेट की पैकेट से एक सिगरेट ली और सूलगाई, मेरे अंदर कुछ तो होने लगा और अभी और बियर पिना ही है, देखूं क्या होता है
जिया इलाहाबाद शहर से थोड़ी दूरी पर रह रही थी तो उसके डैड माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक और मॉम ग्रीहनी तो बड़ा भाई ठेकेदार और छोटा भाई दसवीं का छात्र तो घर की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी नहीं थी लेकिन हम लोग अच्छी जिंदगी जी रहे थे, कॉलेज अगले दिन पहुंची तो क्लाश आज करना नहीं था कारण की नीलेश और मैं आज साथ घूमने फिरने का प्लान किए हुए थे। नीलेश मेरा हमउम्र था तो देखने में हैंडसम और काले घुंघराले बाल साथ ही लंबाई ५’१० इंच की तो उसके डैड इलाहाबाद विशवविद्यालय में प्रोफेसर थे और वो काफी खर्चीला किस्म का लड़का था तो जिया उससे दोस्ती उसके पैसे पर ऐश मौज करने के लिए की साथ ही अगर वो मेरे तन से प्यार करना चाहा तो ओरल सेक्स तक करने में मुझे कोई डर नहीं लेकिन इंटरकोर्स करना, फिलहाल तो सोच भी नहीं सकती। मैं कॉलेज के लिए निकली तो भैया मुझे आज कॉलेज के गेट पर छोड़ दिए और वहीं नीलेश अपनी बाईक खड़ा किए मेरा इंतजार कर रहा था तो आज मैं टॉप्स और स्कर्ट पहन रखी थी लेकिन स्कर्ट थोड़ा शॉर्ट था फिर भी सारे अंग ढके हुए थे, भैया मुझे छोड़ निकल गए तो नीलेश मेरी ओर आया फिर मैं उसके बाईक पर बैठ निकल पड़ी, कहां और किसलिए! ये पता नहीं तो मैं बाईक पर उससे चिपककर बैठी थी और मेरा हाथ उसके कमर पर था लेकिन दोनों पैर एक ही ओर तो सिर्फ अपनी एक चूची को ही पीठ से रगड़ मजे ले सकती थी और जब वो बाईक को हाईवे की ओर मोड़ा तो मैं पूछ बैठी ” किधर जा रहे हैं नीलेश
( वो बोला ) तुम चलो तो तुम्हे जन्नत की सैर कराऊंगा ” और मै चुपचाप बैठी रही लेकिन उससे इस कदर चीपक कर बैठी थी मानो दोनों प्रेमी युगल हों लेकिन जा कहां रहे थे! लगभग ४-५ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद नीलेश बाईक को एक रिसोर्ट के अंदर ले लिया और बाईक से मैं उतरते के साथ बोली ” ये कहां लेते आए
( वो हंसता हुआ बोला ) क्यों तुमको क्या प्रॉब्लम है, अंदर चलो तो सही ” फिर वो मेरे कलाई को पकड़ लिया तो मेरा पर्स कंधे में और नोटबुक हाथ में था तभी वो मेरे नोटबुक को बाईक की डिक्की में रख दिया, कलाई पकड़े अंदर रिसेप्शन कि ओर जा रहे थे फिर वहां के एक स्टाफ ने नीलेश से अलग में बात की फिर एक कमरा में दोनों गए।
जिया के लिए सब कुछ पहली बार था तो मेरा डर से हाल खराब था, पता नहीं इसके मन में क्या चल रहा है कहीं मेरे साथ जबरदस्ती ना करे, यही सोच रही थी कि नीलेश बोला ” बैठो फिर हम दोनों साथ ही लंच करेंगे और अगर मर्जी हो तो बियर भी पिएंगे ” मैं सहमी हुई बैठ गई तो नीलेश मेरे बगल में बैठा लेकिन दरवाजा बंद करके, अब तो मुझे लगा कि आज ये जरूर मेरे साथ चुम्मा चाटी करेगा लेकिन उतना तो चलेगा आखिर २० साल की उम्र और अभी तक लड़के के छुअन से भी दूर तो रूम में दोनों बैठे हुए थे और मैं उससे पूछ बैठी ” क्या नीलेश रूम बुक कराए हो सिर्फ चुपचाप बैठे रहने के लिए
( वो मेरे करीब खिसका ) नहीं तो लेकिन तुम पता नहीं शायद डरी हुई हो ” और उसने हाथ मेरे जांघ पर रख दिया तो मेरे बदन में मानो करेंट प्रवाहित होने लगी, जिया उसके कलाई को पकड़ जांघ से हटाना चाहती थी लेकिन उसके कलाई पकड़ हाथ को अपने बूब्स पर रख दी और वो ज्योंहि मेरे संतरे समान चूची को पुचकारने लगा मैं शर्म के मारे पानी पानी हो गई। नीलेश मेरी चूची दबाता हुआ जैसे ही गाल पर ओंठ रख चुम्बन दिया, मैं हटकर बैठ गई और शर्म से चेहरा झुकाए बोली ” सॉरी नीलेश हाथ को हटाने के लिए पकड़ी लेकिन उसपर लगा दी, प्लीज़ मुझे गलत मत समझना अब चलो यहां से
( वो मेरे करीब आकर बैठा ) क्यों मेरी छुअन और किस्स तुम्हे अच्छी नहीं लगी ” मैं सर हिलाकर ना में बोली लेकिन दिल जान रहा था कि नीलेश के स्पर्श ने मुझे कामुक कर दिया तो दो चार बार मेरी चूची को दबाकर उसने मेरे तन में आग लगाने का काम किया लेकिन हूं तो लड़की जात अगर सीधे मुंह मजे को स्वीकार ली तो पता चला कि अभी ही मुझे पटककर चोद लेगा, तभी नीलेश रूम के इंटरकॉम से होटल सर्विस को कॉल किया ” हां रूम नंबर १०९ में दो ठंडी बियर और साथ में एक कोल्ड ड्रिंक्स
( मैं उसके हाथ फिर से पकड़ चूम ली ) मुझे बियर पिलाओगे, कहीं नशे में मस्त होकर घर गई तो समझ रहे हो मेरा क्या हाल होगा
( वो फिर से मेरी चूची दबाने लगा ) बेबी पहली बार बियर पीने के बाद एक डेढ़ घंटा मजा आएगा और उसका गंध तो बिल्कुल ही घर वाले नहीं पकड़ पाएंगे ” वैसे भी अभी दोपहर के ०१:१५ बजे थे तो तीन घंटे का समय मेरे पास मौज मस्ती करने का था, सोची बियर पीकर क्या मजा आता है देख ही लूं।
कुछ देर के बाद रूम में बियर की बोतलें साथ में सिगरेट तो थोड़े स्नेक्स भी थे लेकिन सच पूछो तो आज पहली बार नग्न लंड देखने की इच्छा जाग गई, अब मैं सोफ़ा पर से उठकर वाशरूम गई और फ्रेश होकर बाहर आई तो दो ग्लास में बियर डालकर नीलेश मेरा इंतजार कर रहा था लेकिन इतनी ही देर में उसके बदन से टी शर्ट और जींस गायब था और वो शॉर्ट्स पहने बैठा हुआ था, उसे देख बोली ” तुम साथ में कपड़ा भी लेकर आए थे
( वो हंसने लगा ) नहीं तो जींस के अंदर ही पहन रखा था, वैसे चाहो तो तुम भी थोड़ा रिलेक्स हो लो ” मैं उसके बात को समझकर भी नासमझ बनी रही और उसके बगल में बैठकर ग्लास उठाई तो वो बोला ” थोड़ा कस्सा लगेगा पर आराम से एक ग्लास पियो तो सही ” तो मैं बियर की पहली घूंट अन्दर ली तो मुझे कुछ खास कड़वा नहीं लगा और मैं आधा ग्लास तो एक ही सांस में पी ली फिर ग्लास टेबल पर रख सिगरेट की पैकेट से एक सिगरेट ली और सूलगाई, मेरे अंदर कुछ तो होने लगा और अभी और बियर पिना ही है, देखूं क्या होता है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.