Thread Rating:
  • 3 Vote(s) - 1.33 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा
#24
जिया पीने के बाद झूम उठी : नीलेश की जुबानी





मैं नीलेश कुलकर्णी और जिया का क्लाष्मेट तो दोनों रिसोर्ट के एक रूम में मस्ती करने आए हैं तो जिया मेरे बगल में बैठ सिगरेट फूंकते हुए मुझे घुर रही हैं, उसने दुबारा ग्लास उठाया फिर बियर पीते हुए बोली ” लव यू डार्लिंग, मुझे तो मजा आ रहा है और ये देखो पूरी ग्लास बियर ख़तम ” तो वो खाली ग्लास रख कर मेरे करीब खिसकी तो मैं उसके हाथ से सिगरेट लेकर पीने लगा साथ ही उसके मदहोशी का फायदा उठाना चाह रहा था लेकिन फिलहाल जिया की इच्छा को समझना था और जिया मेरे छाती पर हाथ फेरते हुए चेहरे को चूमने लगी तो वो खुद मेरे साथ सेक्स करने को तैयार थी। मेरा हाथ खाली होते ही उसके पीठ सहलाने लगा लेकिन वो नशे के हालत में मेरे चेहरे से लेकर ओंठ तक को चूमने में लीन थी और ओंठ पर ओंठ रख चुम्बन देते हुए वो मेरे गोद में ही बैठ गई और मुझसे लिपटकर मेरे गर्दन चूमने लगी ” ओह नीलेश कभी किसी की छुअन तक नहीं मिली और आज हम दोनों प्यार करने को आत्तुर हैं
( मैं उसके चेहरे को चूमने लगा ) हां बेबी तुम कुछ ज्यादा ही नशे में हो
( वो ) नशा माई फुट, मुझे तो जवानी का खुमार तंग कर रहा है ” और मैं जिया को गोद में लेकर बेड पर लिटा दिया तो देखा की उसकी आंखें लग गई और मैं फिर से बियर पीने लगा तो अब मेरी नजर उसके मोटे चिकने जांघों पर थी, उसका स्कर्ट घुटनों से ऊपर हो चुका था तो अब मेरे सब्र का बांध टूट गया। नीलेश अब बेड पर आया तो वो करवट लिए लेटी हुई थी और उसे मैं चित्त करके उसके टॉप्स को गले से बाहर निकाल दिया, उसकी दोनो चूचियां सफेद रंग कि ब्रा में खूबसूरत लग रही थी तो मेरा लंड अब जागने लगा था।
जिया के बदन पर हाथ फेरने लगा तो उसकी आंखें बन्द थी और मैं झट से उसके स्कर्ट को कमर से नीचे करने लगा तो उसकी आंखें खुली ” करो साले इसलिए तो होटल लाए हो, प्यार व्यार कुछ नहीं सब लड़के को बदन से प्यार है ” और वो फिर से आंखें बन्द किए लेटी रही तो मैं उसके तन से स्कर्ट निकाल उसके अर्ध नग्न बदन को ध्यान से देखने लगा तो वो लेटे हुए बोली ” नीलेश तुम मुझे नंगा कर दिए ना कोई बात नहीं मुझे अब मौज मस्ती करना है ” और उसकी नशीली आंखें मुझे देख रही थी तो मैं हाथ बढ़ाकर उसके बूब्स पकड़ा फिर दबाने लगा, चूची तो छोटी लेकिन बिल्कुल टेनिस बॉल की तरह कड़ी लग रही थी। नीलेश उसके स्तन को दबाता हुआ उसके पेट से कमर तक को सहलाने लगा और जिया करवट लेकर लेटी रही कहिए तो मदहोश थी या नशे में होने का नाटक कर रही थी तो अब उसके पीछे की ओर लेटा फिर उसके ब्रा के हुक को खोल दिया, उसके नग्न बूब्स को पकड़ जोर जोर से मसलने लगा तो जिया की चूतड काफी सेक्सी थी और फूल साईज पेंटी में चूतड की दोनों फांकें ख़रबूज़े समान थी। नीलेश जिया की चूची को दबाता हुआ उसके चिकने पीठ चूमने लगा तो मेरा लंड अब टाईट हो चुका था और पल भर बाद जिया चित हुई फिर मुझे देख बोली ” आ बेटा अपनी मॉम की चूची चूस चूस कर दुद्धु पी
( मैं उसके नग्न बदन को देखता हुआ उसके उपर सवार हुआ और उसके चेहरे को चूमने लगा ) जिया आज तुझे इतना मजा आएगा ना की तू मुझे रोज प्यार करने को बोलेगी ” फिर जिया के चेहरा से ओंठ तक को चूमा फिर उसके चूची के उपर चेहरा किए मुंह खोला तो जिया खुद चूची पकड़े मेरे मुंह में भर दी और मैं चूची चूसता हुआ उसके दूसरे स्तन को पुचकारने लगा तो जिया अब होश में थी और मेरे बाल पकड़े छाती से लगाए स्तनपान करा रही थी ” ओह उह नीलेश प्लीज़ अब दूसरा वाला चूसो ना उई बहुत लहरने लगी ” तो मैं उसकी चूची मुंह से निकाला फिर बाई चूची को मुंह में लिए चूसने लगा, साली का चूची उम्र के हिसाब से छोटा था और पूरी चूची मुंह में लिए चूसने का आनंद ले रहा था कि वो मेरे पीठ पर नाखून गड़ाने लगी ” ओह आह मेरी चूत, बुर में खुजली होने लगी छोड़ मेरी चूची को ” और फिर उसने बाल को पकड़ चेहरा को पीछे की ओर कर चूची मेरे मुंह से निकाल ली, दोनों चूचियां लाल हो चुकी थी तो उसके निप्पल कड़े और लंबे और अब जिया के सेक्सी जिस्म को चूमता हुआ मैं कमर की ओर बढ़ने लगा तो उसके दोनों जांघ फैले हुए थे और ज्योंहि जिया के पेंटी को नीचे करने के लिए पकड़ा वो उठकर बैठ गई और मेरे हाथ पकड़ ली ” नहीं नीलेश प्लीज़ अब और कुछ मही, उधर मेरी चूत को पेंटी में रहने दो
( मैं उसे अपने गोद में बिठाया ) ओके बेबी ” फिर मेरे गोद में दोनों पैर फैलाए साथ ही मेरे कमर से लपेटे जिया बैठी हुई थी तो उसके ओंठ को ही मैं मुंह में लिए चूसने लगा, दोनों एक दुसरे से चिपककर बैठे हुए थे तो जिया की मुलायम चूचियां मेरे छाती से दब रही थी और उसके गोल गद्देदार गान्ड मेरे जांघो पर थे तो कहिए सुखद अहसास मुझे मिल रहा था और तभी जिया ओंठ मुंह से निकाल मेरे गर्दन में हाथ डाल दी फिर अपना जीभ निकाल मेरे मुंह में घुसाने लगी तो मैं उसके जीभ मुंह में लिए चूसने लगा साथ ही उसके चूतड के नीचे हाथ लगाकर पेंटी पर से ही चूत को टटोलने लगा, गर्म और मांस्ल अंग पर उंगली को रगड़ने लगा साथ ही जीभ चूसे जा रहा था कि जिया मेरे मुंह से जीभ निकाल मुझे बेड पर धकेल दि
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा - by neerathemall - 16-08-2022, 03:21 PM



Users browsing this thread: