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जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा
#21
मैं २० साल की उम्र में ही सेक्स को आतुर हो उठी लेकिन सच पूछो तो मेरे मन में छिपी इच्छाएं मेरी चचेरी बहन दीपा ने ही जगाया तो अपने क्लाश के नीलेश के साथ ही दोस्ती कर ली फिर एक दोपहर दोनों रिसोर्ट के रूम में ही मस्ती किए लेकिन मुझे मालूम है कि उसको हमेशा सेक्स के लिए आमन्त्रित करना गलत होगा साथ ही उसकी ओर से कि गई हर पहल को भी स्वीकार करना मेरे लिए मुसीबत बन सकती है। जिया समय पर कॉलेज पहुंची फिर क्लास में ही मेरी नजर नीलेश पर गई तो वो मुझे देख मुस्कराया और आज मैं लेगिंग्स और टॉप्स पहन कॉलेज आईं थीं तो मेरे बदन के शेप को कोई भी इन कपड़ों में देख समझ सकता था, वैसे भी मेरे जैसी छोकरी के लिए कितने नीलेश हैं तो तीन क्लाश लगातार हुआ फिर लंच ब्रेक तो मैं नीलेश को तड़पाने के लिए ही क्लासरूम से निकली लेकिन कॉलेज की कैंटीन की ओर चली गई ताकि उससे नजरे मिला सकूं, मन में इच्छा थी कि एक बार और ओरल सेक्स का आनंद लिया जाए वैसे मेरी दीदी ने समझाया था कि सेक्स उससे रेगुलर मत करना लेकिन फिर भी पहली बार जिसका स्वाद चख ली थी दुबारा चखने का जी किया और मैं कॉलेज केंटीन में बैठी तो अपनी सहेलियों के साथ नहीं थी, वहां एक कॉफी का ऑर्डर की फिर कभी केंटीन के दरवाजे की ओर देखती तो कभी दूसरी ओर, कुछ देर में कॉफी मिला तो पीने लगी लेकिन नीलेश अभी तक नहीं आया था तो मैं उदास होकर कॉफी पीते हुए पर्स से मोबाईल निकाली तो क्लाश के दौरान उसे साइलेंट मोड में ही रखती हूं, देखी की दो बार मेरे मोबाईल पर उसका कॉल आ चुका है तो सोच रही थी कि कॉल करूं या नहीं और कॉफी पीते हुए मोबाईल देख ही रही थी कि नीलेश का फिर से कॉल आ गया तो कॉल रिसीव की ” बोलो नीलेश कॉलेज में दोनों हैं फिर भी मोबाईल पर रिंग कर रहे हो
( नीलेश ) ओह एक तो मेरा कॉल रिसीव नहीं कर रही थी उस पर से मुझे ही डांट रही हो
( जिया ) सॉरी, डांट नहीं रही हूं बल्कि तेरा इंतजार केंटीन में कर रही हूं
( नीलेश ) क्या केंटीन में बैठी हो, चलो कहीं घूमने चलते हैं
( जिया ) लेकिन नीलेश रोज रोज क्लास छोड़कर
( वो ) प्लीज़ आज के बाद महीने भर नहीं बोलूंगा ” फिर कॉफी पीकर केंटीन से बाहर आईं और कॉलेज के गेट की ओर चल दी, गेट से निकली और वहीं सड़क किनारे खड़ी होकर उसका इंतजार करने लगी तो कुछ देर में नीलेश आया तो बाईक रोक बोला ” बैठो ” और मैं बाईक पर बैठ गई, उसके पीछे बैठ दोनों पैर दो दिशा में किए तो कुछ दूरी तय करने के बाद उससे चिपक गई और अपने गोल गोल बूब्स उसके पीठ पर रगड़ने लगी तो मेरा हाथ उसके कमर पर था और मुझे उससे चिपके हुए बैठ देखकर कोई भी कह सकता था कि दोनों प्रेमी युगल हैं। नीलेश बाईक उसी रास्ते पर ले जा रहा था तो मैं पूछी ” क्या नीलेश दुबारा उसी होटल जा रहे हैं क्या
( वो बोला ) हां क्यों जगह पसंद नहीं है
( मैं बोली ) लेकिन मुझे डर लग रहा है
( नीलेश पीछे मुड़कर बोला ) बेबी डर किस बात का, किसी को भनक नहीं लग पाएगा की दोनों आशिक हैं ” और मैं चुप रही फिर हम दोनों उस रिसोर्ट में दोपहर के १२:३५ बजे पहुंचे और नोटबुक बाईक की डिक्की में रख उसके साथ अंदर चली गई तो आज रिसेप्शन पर एक लेडिस बैठी हुई थी तो मुझे शर्मिंदगी भी महसूस हो रही थी इसलिए मैं वहीं लगे कुर्सी पर बैठ गई और नीलेश रिसेप्शन पर लेडिस स्टाफ से बातचीत करने लगा, कुछ देर बाद मेरे पास नीलेश आया ” चलो इस तरह सर झुकाए क्यों बैठी हो ” मै उठी और उसके साथ रिसोर्ट के लॉबी में चली गई तो नीलेश खुद ही एक कमरे का लॉक खोला फिर दोनों अंदर आए तो वो दरवाजा सटाकर बोला ” फ्रेश होना है तो हो जाओ तब तक कुछ ऑर्डर करता हूं ” मैं चुपचाप कुर्सी पर बैठी तो पल भर बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया तो नीलेश बोला ” खुला है अंदर आ जाओ ” एक लड़का अंदर आया तो नीलेश उससे बोला ” तीन बोतल बियर वो भी ठंडी साथ में एक पैकेट सिगरेट और कुछ स्नेक्स ले आओ ” फिर वो लड़का चला गया तो मैं उसके सामने से कमर बलखाते हुए वाशरूम चली गई फिर सोची की क्यों ना लेगिंग्स और टॉप्स उतार दिया जाए तो सेक्सी फिगर को सिर्फ ब्रा और पैन्टी में ही कर रूम में घुसा जाए ताकि नीलेश मेरे उपर गिद्ध की तरह टूट पड़े, मेरी चाहतें आसमान पर थी तो तन मन डोल रहा था और वाशरूम में ही लेगिंग्स और टॉप्स उतार दी तभी रूम में नीलेश से किसी के बातचीत कि आवाज सुनाई दी, समझ गई कि सर्विस बॉय सामान पहुंचाने आया है तो अब निर्भीक होकर कमरे में अर्ध नग्न रूप में घुस सकती थी और पल भर बाद वाशरूम से निकली तो नीलेश बियर को ग्लास में डाल रहा था और मुझे देख वो मुस्कुराने लगा तो वो भी अपना पैंट और शर्ट उतार सिर्फ शॉर्ट्स और बनियान में था। मैं किसी सेक्सी लड़की की तरह उसकी ओर बढ़ रही थी तो वो कुछ बोलता उसके पहले ही उसके गोद में चूतड रख बैठ गई और उसके कंधे पर हाथ डाले पूछी ” मैं तुम्हें इसी रूप में अच्छी लगती हूं ना
( वो मेरे चेहरे को चूम लिया ) बेबी यकीनन लेकिन सिर्फ बंद कमरे में और वो भी मेरे सामने ” अब दोनों बियर पीने लगे तो मैं उसके बगल की कुर्सी पर बैठी तो दोनों जांघें एक दूसरे पर चढ़ाए बैठी हुई एक ग्लास बियर तेजी से पी ली फिर किसी हॉट बेबी की तरह सिगरेट सुलगाई, आज बियर का नशा थोड़ा कम लग रहा था तो सिगरेट को फूंकते हुए बोली ” नीलेश आज मेरे हरेक अंग को खूब प्यार करो ” फिर दोनों बेड पर आ गए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा - by neerathemall - 16-08-2022, 03:19 PM



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