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Incest पुरानी चाहत की चूत लॉकडाउन में चोदने मिली
#4
मेरे और अंजलि के संबंध कहां तक बने उसे मैंने कितनी बार और कहां-कहां चोदा, अब वह भी मैं बता रहा हूँ.

दो दिन के बाद सुबह 10:00 बजे फिर उसका फोन आया, उसने मुझसे कहा- मेरी स्कूटी खराब हो गई है. क्या आप मेरे साथ बाजार चल सकते हैं?
मैंने कहा- हां, तुम दोपहर तक इंतजार करो. कुछ काम निपटा कर मैं दोपहर के बाद तुमको, जहां तुम जाना चाहती हो, ले जाऊंगा.

दोपहर को उसके घर के पास जाकर मैंने उसको कॉल किया- अंजलि बाहर आ जाओ. हम बाजार चलते हैं.

वह 5 मिनट के बाद मेरे साथ गाड़ी में आकर बैठ गई.
वो आज कुछ ज्यादा ही सज-धज कर और मॉडर्न कपड़े पहन कर आई थी.

मैंने एक बार फिर से उसकी तारीफ़ की.
वो खुश हो गई.

फिर बाजार में आकर उसने अपना कुछ काम किया और आधे घंटे बाद हम वापस उसके घर आ गए.

उसने मुझको चाय पीकर जाने का कहा.
मैं भी यही चाहता था कि वो किसी बहाने से भी मुझको अपने साथ घर में लेकर जाए.

घर में जाते ही चाय से पहले उसने मुझसे कहा- जैसे आप दोस्ती में मेरे एक बार बुलाने पर ही आ गए, मुझे ऐसे ही एक साथी की तलाश थी, जो मेरे गाहे-बगाहे बुलाने पर मेरी मदद के लिए आ जाए.

उसके बाद चाय पीते वक्त वह कुछ संजीदा हो गई और कहने लगी- मेरा भी बहुत दिल करता है कि कोई मेरे साथ प्यार करे … और मेरे साथ रहे.
मैं उसकी बातों का मतलब समझ रहा था क्योंकि वह काफी समय से अकेली रह रही थी और बहुत प्यासी थी.
परंतु नारी सुलभ लज्जा के कारण वह कह नहीं पा रही.

अब मैंने सोचा कि अगर मैं ऐसे ही मौके का इंतजार करता रहा तो यह बात आगे नहीं बढ़ेगी.
इसीलिए चाय का कप रखने के बाद मैंने उसे अपने आगोश में ले लिया और उसके रसीले होंठ चूसना शुरू कर दिए.

शुरू शुरू में वह मना करती रही और ऊपरी दिखावा करती रही कि मैं उसके साथ कुछ उसकी इच्छा के विरुद्ध कर रहा हूं, पर अन्दर से वह भी यही चाहती थी.

मैंने धीरे धीरे उसका टॉप और जींस निकाल दिए और अब वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में रह गई.

उसने शर्म से बेड पर पड़ी चादर अपने ऊपर ले ली.

मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए और सिर्फ अंडरवियर में उसके साथ लेट गया.

अंजलि यह कहती रही कि आप गलत कर रहे हो लेकिन वह मुझे रोक भी नहीं रही थी.

मैंने प्यार से उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी और उसके कोमल और गोरे गोरे चूचे सहलाने और मुँह से चुभलाने शुरू कर दिए.

इससे वह धीरे-धीरे गर्म होनी शुरू हो गई और उसका विरोध कम होना शुरू हो गया.

मैंने काफी देर तक उसके चूचों को मसला और चूसा.
धीरे धीरे मैं उसके पेट की तरफ बढ़ा. पेट पर चूमते हुए मैंने उसकी गोरी गोरी टांगों और उनके बीच प्यारी सी चूत को काफी देर तक सहलाया, जिससे उसकी थोड़े थोड़े बालों वाली चूत में से लगातार पानी बहना शुरू हो गया.

अब तक मेरा भी लंड फटने को हो गया था, इसलिए मैंने उसकी टांगों को खोला और अपना लंड उसकी चूत पर घिसना शुरू कर दिया.

मैं उसकी चूत के रस से लंड को भिगोकर उसके अन्दर डालने ही वाला था कि उसने मुझको ऐसा करने से मना कर दिया.

मन तो उसका भी बहुत कर रहा था लेकिन वह डर भी रही थी कि क्या वह सही कर रही है या नहीं.

लेकिन यहां तक पहुंच कर रुकना अब मेरे लिए संभव नहीं था और मैंने बिना उसकी परवाह किए लंड उसकी चूत पर रख कर एक धक्का दे मारा.

मेरा लगभग आधा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया जिससे उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं और वह मुझको धक्का मारने लगी.

ये बात मेरे लिए एक अजीब सी बात थी कि वो मुझे अपने साथ सेक्स करने से मना करने लगी थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पुरानी चाहत की चूत लॉकडाउन में चोदने मिली - by neerathemall - 16-08-2022, 02:50 PM



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