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Adultery प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी
#28
जब हमें सेक्स करना होता तो हम सुबह ही सारिका के कॉलेज के टाइम ही निकल जाते और एक डेढ़ बजे तक वापस आ जाते.
इधर मेरे और शिल्पा के बीच व्हाट्सएप पर बातचीत भी ज्यादा होने लगी थी.
 
सारिका फिर से मेरे और शिल्पा के बारे में सोच कर असहज होने लगी थी और बात बात पर मुझ पर कटाक्ष करती और कहती- सेक्स करने के लिए टाइम है तुम्हारे पास और ऐसे मिलने के लिए टाइम नहीं है. क्या तुम्हारा मुझसे मन भर गया है?
 
मैं उसकी मनोदशा अच्छे से समझता था और उसे हालात के बारे में समझाता भी था, पर उसके दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था.
 
इसलिए मैंने चालू बैच खत्म करके वहां पढ़ाना छोड़ दिया और फिर से अपनी दुकान पर आ गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी - by neerathemall - 16-08-2022, 02:37 PM



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