16-08-2022, 02:36 PM
भाभी ने खीझते हुए कहा- नहीं बाबा, किसी ने नहीं कहूंगी.
मैं- भाभी मुझमें शारीरिक समस्या है, मैं अभी शादी नहीं कर सकता, अभी इसका इलाज करा रहा हूं. डॉक्टर ने बोला है कि एक डेढ़ साल तक इलाज कराना पड़ेगा, उसके बाद मैं ठीक हो जाऊंगा.
मेरी बात सुनकर भाभी चौंक गयी और मुझे ऊपर से नीचे तक देखने लगीं.
उनके मुँह से कोई शब्द ही नहीं निकल रहा था.
मैं अच्छी तरह जानता था कि ये बात भाभी भैया को जरूर बताएंगी क्योंकि कोई भी औरत कोई भी बात पचा नहीं सकती और धीरे धीरे ये बात सबको पता चल जाएगी.
जैसी मुझे उम्मीद थी, वही हुआ.
उस रात जब हम सब साथ में खाना खाने बैठे, तब किसी ने भी मेरी शादी की बात नहीं छेड़ी. सब चुपचाप खाना खाकर उठ गए.
सब मुझसे नज़र बचा कर बड़ी अजीब ही नज़रों से मुझे देख रहे थे … खासतौर पर भैया भाभी.
उस दिन के बाद मेरे लिए रिश्ते आने बंद हो गए, एकाध जो आ जाते, भैया उन्हें कोई ना कोई बहाना बना कर मना कर देते.
अब मेरे सर से एक टेंशन कम हो गया था, मैंने ये शारिरिक कमजोरी वाली बात सारिका को कभी नहीं बताई.
मुझे क्लासेज में पढ़ाते हुए करीब डेढ़ से दो महीने हो गए थे, उसी क्लासेज में एक लड़की रेसेप्सनिस्ट के तौर पर काम करती थी और उसका नाम शिल्पा था.
वो भी लगभग मेरे ही उम्र की थी. क्लासेज में 5-6 घंटे बिताने की वजह से और हमउम्र होने की वजह से जल्दी ही उसकी और मेरी दोस्ती हो गयी.
मेरे और शिल्पा के बीच व्हाट्सअप पर भी चैटिंग होने लगी थी.
वो मुझे हमेशा सर ही कह कर बुलाती.
धीरे धीरे शिल्पा और मेरे बीच काफी बातचीत होने लगी.
क्लासेज के टाइम को छोड़कर भी शिल्पा अक्सर मुझे मैसेज करती और मैं भी उसको रिप्लाई कर देता.
कभी कभी जब मैं सारिका के साथ होता, तब भी शिल्पा का मैसेज आ जाता.
मैंने सारिका को शिल्पा के बारे में पहले ही बता दिया था.
शिल्पा ने मुझे अपने बॉयफ्रेंड और मैंने उसे सारिका के बारे में बता दिया था.
हम दोनों को एक दूसरे के बारे में पता था, इसलिए कभी कभी हमारे बीच एडल्ट जोक भी हो जाता.
जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि जब से मैंने क्लासेज में पढ़ाना शुरू किया, तब से मैं और सारिका सामान्यतः मिल नहीं पा रहे थे.
उससे पहले हम हर दूसरे तीसरे दिन किसी ना किसी रेस्टोरेंट या कॉफ़ी शॉप पर मिल जाते थे.
पर क्लासेज में जाने की वजह से अब वो सब बंद हो गया था.
मैं- भाभी मुझमें शारीरिक समस्या है, मैं अभी शादी नहीं कर सकता, अभी इसका इलाज करा रहा हूं. डॉक्टर ने बोला है कि एक डेढ़ साल तक इलाज कराना पड़ेगा, उसके बाद मैं ठीक हो जाऊंगा.
मेरी बात सुनकर भाभी चौंक गयी और मुझे ऊपर से नीचे तक देखने लगीं.
उनके मुँह से कोई शब्द ही नहीं निकल रहा था.
मैं अच्छी तरह जानता था कि ये बात भाभी भैया को जरूर बताएंगी क्योंकि कोई भी औरत कोई भी बात पचा नहीं सकती और धीरे धीरे ये बात सबको पता चल जाएगी.
जैसी मुझे उम्मीद थी, वही हुआ.
उस रात जब हम सब साथ में खाना खाने बैठे, तब किसी ने भी मेरी शादी की बात नहीं छेड़ी. सब चुपचाप खाना खाकर उठ गए.
सब मुझसे नज़र बचा कर बड़ी अजीब ही नज़रों से मुझे देख रहे थे … खासतौर पर भैया भाभी.
उस दिन के बाद मेरे लिए रिश्ते आने बंद हो गए, एकाध जो आ जाते, भैया उन्हें कोई ना कोई बहाना बना कर मना कर देते.
अब मेरे सर से एक टेंशन कम हो गया था, मैंने ये शारिरिक कमजोरी वाली बात सारिका को कभी नहीं बताई.
मुझे क्लासेज में पढ़ाते हुए करीब डेढ़ से दो महीने हो गए थे, उसी क्लासेज में एक लड़की रेसेप्सनिस्ट के तौर पर काम करती थी और उसका नाम शिल्पा था.
वो भी लगभग मेरे ही उम्र की थी. क्लासेज में 5-6 घंटे बिताने की वजह से और हमउम्र होने की वजह से जल्दी ही उसकी और मेरी दोस्ती हो गयी.
मेरे और शिल्पा के बीच व्हाट्सअप पर भी चैटिंग होने लगी थी.
वो मुझे हमेशा सर ही कह कर बुलाती.
धीरे धीरे शिल्पा और मेरे बीच काफी बातचीत होने लगी.
क्लासेज के टाइम को छोड़कर भी शिल्पा अक्सर मुझे मैसेज करती और मैं भी उसको रिप्लाई कर देता.
कभी कभी जब मैं सारिका के साथ होता, तब भी शिल्पा का मैसेज आ जाता.
मैंने सारिका को शिल्पा के बारे में पहले ही बता दिया था.
शिल्पा ने मुझे अपने बॉयफ्रेंड और मैंने उसे सारिका के बारे में बता दिया था.
हम दोनों को एक दूसरे के बारे में पता था, इसलिए कभी कभी हमारे बीच एडल्ट जोक भी हो जाता.
जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि जब से मैंने क्लासेज में पढ़ाना शुरू किया, तब से मैं और सारिका सामान्यतः मिल नहीं पा रहे थे.
उससे पहले हम हर दूसरे तीसरे दिन किसी ना किसी रेस्टोरेंट या कॉफ़ी शॉप पर मिल जाते थे.
पर क्लासेज में जाने की वजह से अब वो सब बंद हो गया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.