16-08-2022, 02:32 PM
थोड़ी देर बाद मैंने सारिका को अपने ऊपर कर लिया.
उसने खुद का बैलेन्स बनाया और मेरे लंड की सवारी करने लगी.
हम दोनों की कामुक सिसकारियां एक दूसरे का जोश बढ़ा रही थीं और उसी जोश की वजह से मैं जल्दी ही स्खलित होने को आ गया.
जब मैंने सारिका को बताया, तो सारिका बोली- बेबी थोड़ी देर और करो, मेरा भी होने वाला है.
मैं- बेबी, निकलना कहां है?
सारिका- आज अन्दर ही आने दो, मैं गोली खा लूँगी.
मैंने सारिका को अपने ऊपर झुकाया और नीचे से जोरदार झटके देने लगा.
पट पट की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी.
अभी 2-3 मिनट ही हुए थे कि सारिका का शरीर काँपने लगा और वो मुझसे कसकर चिपक गयी.
मैं समझ गया कि सारिका का काम हो गया.
सारिका मेरे ऊपर निढाल सी पड़ गयी.
अभी मेरा नहीं हुआ था तो मैंने स्पीड कम नहीं की और वैसे ही झटके लगाता रहा.
थोड़ी ही देर में मेरे अन्दर की सारी गर्मी मैंने सारिका की चूत में छोड़ दी. हम दोनों एकदम से निढाल हो गए और एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे की सांसों को महसूस करने लगे.
हमारे प्यार का रस सारिका की चूत से धीरे धीरे रिस कर मेरी नाभि के नीचे टपकने लगा.
कुछ देर बाद जब दोनों की सांसें नियंत्रित हुईं, तब मैंने सारिका की किस किया और उससे पूछा.
मैं- बेबी, आज कैसा लगा?
सारिका मुझे जोर की किस करती हुई बोली- बेबी, आज तो सच में बहुत मज़ा आया, आज पता चला चुदाई में इतना मज़ा मिलता है, तभी सब चुदाई के लिए इतना तड़पते हैं.
इतना कह कर सारिका मुझसे फिर से चिपक गयी.
उसके बाद हमने खुद को साफ किया और लॉज से ही मंगा कर कुछ नाश्ता किया.
उस दिन हमने दो बार सेक्स किया.
पहली बार में मेरा जल्दी हो गया था, पर दूसरी बार मैं काफी देर तक टिका रहा.
दूसरे राउंड में हमने कई और पोजीशन में चुदाई का आनन्द लिया.
उसने खुद का बैलेन्स बनाया और मेरे लंड की सवारी करने लगी.
हम दोनों की कामुक सिसकारियां एक दूसरे का जोश बढ़ा रही थीं और उसी जोश की वजह से मैं जल्दी ही स्खलित होने को आ गया.
जब मैंने सारिका को बताया, तो सारिका बोली- बेबी थोड़ी देर और करो, मेरा भी होने वाला है.
मैं- बेबी, निकलना कहां है?
सारिका- आज अन्दर ही आने दो, मैं गोली खा लूँगी.
मैंने सारिका को अपने ऊपर झुकाया और नीचे से जोरदार झटके देने लगा.
पट पट की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी.
अभी 2-3 मिनट ही हुए थे कि सारिका का शरीर काँपने लगा और वो मुझसे कसकर चिपक गयी.
मैं समझ गया कि सारिका का काम हो गया.
सारिका मेरे ऊपर निढाल सी पड़ गयी.
अभी मेरा नहीं हुआ था तो मैंने स्पीड कम नहीं की और वैसे ही झटके लगाता रहा.
थोड़ी ही देर में मेरे अन्दर की सारी गर्मी मैंने सारिका की चूत में छोड़ दी. हम दोनों एकदम से निढाल हो गए और एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे की सांसों को महसूस करने लगे.
हमारे प्यार का रस सारिका की चूत से धीरे धीरे रिस कर मेरी नाभि के नीचे टपकने लगा.
कुछ देर बाद जब दोनों की सांसें नियंत्रित हुईं, तब मैंने सारिका की किस किया और उससे पूछा.
मैं- बेबी, आज कैसा लगा?
सारिका मुझे जोर की किस करती हुई बोली- बेबी, आज तो सच में बहुत मज़ा आया, आज पता चला चुदाई में इतना मज़ा मिलता है, तभी सब चुदाई के लिए इतना तड़पते हैं.
इतना कह कर सारिका मुझसे फिर से चिपक गयी.
उसके बाद हमने खुद को साफ किया और लॉज से ही मंगा कर कुछ नाश्ता किया.
उस दिन हमने दो बार सेक्स किया.
पहली बार में मेरा जल्दी हो गया था, पर दूसरी बार मैं काफी देर तक टिका रहा.
दूसरे राउंड में हमने कई और पोजीशन में चुदाई का आनन्द लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.