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Adultery प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी
#19
4


मैं कुछ देर तक एक हाथ से सारिका की पीठ और दूसरे हाथ से उसके चूचे सहलाता रहा और बीच बीच में उसकी पीठ को चूम लेता रहा.
थोड़ी देर बाद मैंने अपने हाथ से उसकी पीठ पर दबाव बनाया और उसकी पीठ को दबा दिया ताकि उसकी बुर थोड़ी बाहर की तरफ आ जाए.
 
फिर मैंने अपने लंड पर तेल लगा कर थोड़ा और दबाव दिया.
 
बुर की फांकें लंड के सुपारे को पकड़ चुकी थीं.
सारिका सांस रोके मेरे अगले हमले का इंतजार कर रही थी.
 
पर मैंने सुपारे को वहीं पर रोक दिया और सारिका की पीठ चूमते हुए उसका ध्यान होने वाले दर्द से हटाने की कोशिश करने लगा.
 
मैं- बेबी, दर्द हो रहा है?
सारिका लगभग डांटती हुई बोली- नहीं, तुम्हें जो करना है, जल्दी करो.
 
उसकी बात सुनते ही मैंने उसकी कमर को कसके पकड़ा और एक जोरदार धक्का दे मारा.
मेरे लंड का लगभग तीन चौथाई हिस्सा बुर फाड़ता हुआ अन्दर प्रवेश कर चुका था.
 
लड़की सील तोड़ धक्के से चीख पड़ी- उई मम्मीईई आह मर गई उह बेबी मेरी फट गई आंह प्लीज बाहर निकालो ना. बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज बाहर निकाल लो, मैं मर जाऊंगी.
 
सारिका आगे सरकने की कोशिश करने लगी पर मेरी मजबूत पकड़ की वजह से वो आगे नहीं जा पायी.
 
फिर सिसकती हुई रोने सी लगी- आंह बेबी प्लीज, बहुत दर्द कर रहा है एक बार निकाल लो बाद में फिर से डाल लेना.
 
मैं उसकी पीठ को चूमते हुए बोला- बेबी जितना दर्द होना था, हो चुका. अब दर्द नहीं होगा क्योंकि मेरा पूरा अन्दर जा चुका है.
उस वक़्त मैंने सारिका को झूठ बोला.
 
तब सारिका थोड़ी शांत हुई और मैं भी उसके रिलैक्स होने का इंतजार करने लगा.
कुछ देर बाद सारिका अपनी कमर इधर उधर हिलाने लगी तो मैं भी धीरे धीरे अपनी कमर आगे पीछे करने लगा.
 
अभी भी मेरा लंड पूरी तरह से उसकी योनि में नहीं गया था.
मगर जितना गया था, मैं उतने ही हिस्से को आगे पीछे करने लगा.
मेरे हर झटके पर सारिका के मुँह से आह उह आह …’ निकल रहा था.
 
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया.
सारिका की बुर एकदम साफ थी मतलब ना ही सारिका के बुर में और ना ही मेरे लंड पर मुझे खून दिखा.
 
सारिका भी सीधी बैठ गई थी और वो कभी मेरे लंड को देखती, तो कभी अपनी बुर को.
 
वैसे मैंने कहीं पढ़ा था कि पहली बार चुदाई के दौरान खून निकलना जरूरी नहीं है.
और सच कहूं तो मुझे उस वक़्त फर्क भी नहीं पड़ रहा था.
 
पर सारिका ये सोच कर टेंशन में थी कि उसकी बुर से खून क्यों नहीं निकला या मैं क्या सोचूंगा उसके बारे में?
 
वो बार बार मुझे विश्वास दिलाने की कोशिश करने लगी कि ये उसका पहली बार है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी - by neerathemall - 16-08-2022, 02:29 PM



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