16-08-2022, 02:21 PM
कुछ देर बाद मैंने थोड़ा और आगे बढ़ने का सोचा, इसलिए मैं उसके ऊपर से हटते हुए कंधों के बल उसके ठीक बगल में लेट गया और अपना एक हाथ उसके चूचों से हटाकर कमर के पास ले गया.
उसके टॉप के निचले हिस्से से अपना हाथ घुसा कर उसके पेट को सहलाने लगा.
मेरा हाथ उसके पेट पर पड़ते ही वो गुदगुदी की वजह से उछल सी पड़ी और उसने मेरा हाथ पकड़ कर बाहर कर दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से उसके टॉप में अपना हाथ घुसा दिया.
पर इस बार मैंने अपना हाथ उसके पेट पर ना रख कर सीधा उसके एक चूचे पर रख दिया.
अपने चूचे पर मेरे हाथ का अहसास होते ही सारिका ने एक बार आंखें खोल कर देखा और फिर से अपनी आंखें बंद कर लीं.
मैं समझ गया कि मेरी इस हरकत से भी सारिका को कोई एतराज नहीं है तो मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही दोनों चूचों को बारी बारी से दबाने लगा, मसलने लगा.
सारिका भी धीरे धीरे आहें भरने लगी.
कभी मैं उसकी पेट को सहलाता तो कभी उसके चूचों को मसलता, साथ ही साथ उसके होंठों को भी मैं अपने होंठों से अलग होने नहीं दे रहा था.
काफी देर तक सारिका के चूचों से खेलने के बाद मैं अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसके सलवार के नाड़े पर रख दिया और वहीं अपनी उंगलियां फिराने लगा.
सारिका भी शायद समझ गयी कि अब मैं क्या करने वाला हूँ, उसने मेरा हाथ पकड़ कर हटा दिया.
कुछ देर बाद मैंने फिर से अपना हाथ वहीं रख दिया पर इस बार मैंने अपनी उंगलियों का कुछ हिस्सा उसकी सलवार के अन्दर तक डाल दिया और सहलाने लगा.
सारिका ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी तरफ देखकर ना में सिर हिलाया.
मैंने एक दो बार कोशिश की हाथ और अन्दर ले जाने की, पर सारिका ने मेरा हाथ कस कर पकड़ रखा था.
फिर मैं उसकी आंखों में देखते हुए बोला.
मैं- सिर्फ एक बार.
उसने फिर से ना में सिर हिला दिया.
मैं- सिर्फ एक बार प्लीज.
सारिका ने कुछ बोला तो नहीं पर उसके हाथ की पकड़ ढीली हो गई.
मैं समझ गया कि सारिका ने मुझे मूक सहमति दे दी है.
इसके बाद तो मैंने अपना हाथ सीधा देसी गर्लफ्रेंड की पैंटी के ऊपर से ही चूत पर रख दिया.
मेरे हाथ रखते ही सारिका के मुँह से सिसकारी निकल गयी, साथ ही साथ उसने अपनी कमर को उठा कर बेड पर पटक दिया.
मेरी उंगली पड़ते ही सारिका ने अपनी दोनों टांगों को थोड़ा खोल दिया.
मैं उसकी चूत के दरार में पैंटी के ऊपर से ही अपनी उंगलियां फिराने लगा.
उसकी पैंटी का कुछ हिस्सा भीग चुका था.
मेरी उंगलियों की हरकत की वजह से सारिका भी मचलने लगी और अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी.
पैंटी के ऊपर से चूत के भगनासे से खेलना थोड़ा मुश्किल हो रहा था इसलिए मैंने अपना हाथ सारिका के सलवार से निकाल कर उसके पेट पर रख दिया.
उसके टॉप के निचले हिस्से से अपना हाथ घुसा कर उसके पेट को सहलाने लगा.
मेरा हाथ उसके पेट पर पड़ते ही वो गुदगुदी की वजह से उछल सी पड़ी और उसने मेरा हाथ पकड़ कर बाहर कर दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से उसके टॉप में अपना हाथ घुसा दिया.
पर इस बार मैंने अपना हाथ उसके पेट पर ना रख कर सीधा उसके एक चूचे पर रख दिया.
अपने चूचे पर मेरे हाथ का अहसास होते ही सारिका ने एक बार आंखें खोल कर देखा और फिर से अपनी आंखें बंद कर लीं.
मैं समझ गया कि मेरी इस हरकत से भी सारिका को कोई एतराज नहीं है तो मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही दोनों चूचों को बारी बारी से दबाने लगा, मसलने लगा.
सारिका भी धीरे धीरे आहें भरने लगी.
कभी मैं उसकी पेट को सहलाता तो कभी उसके चूचों को मसलता, साथ ही साथ उसके होंठों को भी मैं अपने होंठों से अलग होने नहीं दे रहा था.
काफी देर तक सारिका के चूचों से खेलने के बाद मैं अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसके सलवार के नाड़े पर रख दिया और वहीं अपनी उंगलियां फिराने लगा.
सारिका भी शायद समझ गयी कि अब मैं क्या करने वाला हूँ, उसने मेरा हाथ पकड़ कर हटा दिया.
कुछ देर बाद मैंने फिर से अपना हाथ वहीं रख दिया पर इस बार मैंने अपनी उंगलियों का कुछ हिस्सा उसकी सलवार के अन्दर तक डाल दिया और सहलाने लगा.
सारिका ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी तरफ देखकर ना में सिर हिलाया.
मैंने एक दो बार कोशिश की हाथ और अन्दर ले जाने की, पर सारिका ने मेरा हाथ कस कर पकड़ रखा था.
फिर मैं उसकी आंखों में देखते हुए बोला.
मैं- सिर्फ एक बार.
उसने फिर से ना में सिर हिला दिया.
मैं- सिर्फ एक बार प्लीज.
सारिका ने कुछ बोला तो नहीं पर उसके हाथ की पकड़ ढीली हो गई.
मैं समझ गया कि सारिका ने मुझे मूक सहमति दे दी है.
इसके बाद तो मैंने अपना हाथ सीधा देसी गर्लफ्रेंड की पैंटी के ऊपर से ही चूत पर रख दिया.
मेरे हाथ रखते ही सारिका के मुँह से सिसकारी निकल गयी, साथ ही साथ उसने अपनी कमर को उठा कर बेड पर पटक दिया.
मेरी उंगली पड़ते ही सारिका ने अपनी दोनों टांगों को थोड़ा खोल दिया.
मैं उसकी चूत के दरार में पैंटी के ऊपर से ही अपनी उंगलियां फिराने लगा.
उसकी पैंटी का कुछ हिस्सा भीग चुका था.
मेरी उंगलियों की हरकत की वजह से सारिका भी मचलने लगी और अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी.
पैंटी के ऊपर से चूत के भगनासे से खेलना थोड़ा मुश्किल हो रहा था इसलिए मैंने अपना हाथ सारिका के सलवार से निकाल कर उसके पेट पर रख दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.