16-08-2022, 02:18 PM
बातों बातों में मैंने उसे घर पर अकेले होने वाली बात को बता दिया और ऐसे ही मज़ाक में उसे अपने घर पर आने को बोल दिया.
सारिका ने भी आने को हां बोल दिया. मुझे लगा कि शायद सारिका भी मुझसे मज़ाक कर रही है, वो आएगी नहीं.
पर मैं गलत था, थोड़ी ही देर में सारिका ने कॉल करके बताया कि वो मेरी बिल्डिंग के नीचे है.
अब ये सोच करके मेरी हालत खराब होने लगी कि सारिका को घर के अन्दर लेकर आऊं कैसे? अगर मना भी करता हूँ तो उसे बुरा लगेगा.
अगर उसे किसी ने मेरे घर में आते देख लिया, तो सब लोग मेरे और सारिका के बारे में क्या सोचेंगे?
बिल्डिंग वालों की नज़र में मेरी छवि भी एक अच्छे लड़के की थी.
इसी बीच सारिका बार बार कॉल करके पूछ रही थी कि क्या करूं?
सारिका को मना करने का मेरा मन नहीं था और हां बोलने की मुझमें हिम्मत नहीं थी.
समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या करूं?
कुछ देर तक मैंने सारिका को नीचे ही रुकने के लिए बोल दिया और सोचने लगा कि क्या किया जाए?
हिम्मत तो दिखाना ही थी वरना पता नहीं सारिका मेरे बारे में क्या सोचती.
यही सब सोचते हुए और धड़कते दिल के साथ मैंने दरवाजा खोल कर देखा कि कोई है तो नहीं बाहर.
मेरे फ्लोर का पैसेज पूरी तरह खाली था, तब जाकर मेरी जान में जान आयी.
मैंने तुरंत ही कॉल करके सारिका को ऊपर बुला लिया और दरवाजे पर खड़ा होकर उसका इंतजार … और अगल बगल के घरों पर नज़र रखने लगा.
जल्दी ही सारिका ऊपर मेरे घर के सामने आ गयी, मैंने तुरंत ही उसे अपने घर के अन्दर लिया और दरवाजा बंद कर लिया.
सारिका ने भी आने को हां बोल दिया. मुझे लगा कि शायद सारिका भी मुझसे मज़ाक कर रही है, वो आएगी नहीं.
पर मैं गलत था, थोड़ी ही देर में सारिका ने कॉल करके बताया कि वो मेरी बिल्डिंग के नीचे है.
अब ये सोच करके मेरी हालत खराब होने लगी कि सारिका को घर के अन्दर लेकर आऊं कैसे? अगर मना भी करता हूँ तो उसे बुरा लगेगा.
अगर उसे किसी ने मेरे घर में आते देख लिया, तो सब लोग मेरे और सारिका के बारे में क्या सोचेंगे?
बिल्डिंग वालों की नज़र में मेरी छवि भी एक अच्छे लड़के की थी.
इसी बीच सारिका बार बार कॉल करके पूछ रही थी कि क्या करूं?
सारिका को मना करने का मेरा मन नहीं था और हां बोलने की मुझमें हिम्मत नहीं थी.
समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या करूं?
कुछ देर तक मैंने सारिका को नीचे ही रुकने के लिए बोल दिया और सोचने लगा कि क्या किया जाए?
हिम्मत तो दिखाना ही थी वरना पता नहीं सारिका मेरे बारे में क्या सोचती.
यही सब सोचते हुए और धड़कते दिल के साथ मैंने दरवाजा खोल कर देखा कि कोई है तो नहीं बाहर.
मेरे फ्लोर का पैसेज पूरी तरह खाली था, तब जाकर मेरी जान में जान आयी.
मैंने तुरंत ही कॉल करके सारिका को ऊपर बुला लिया और दरवाजे पर खड़ा होकर उसका इंतजार … और अगल बगल के घरों पर नज़र रखने लगा.
जल्दी ही सारिका ऊपर मेरे घर के सामने आ गयी, मैंने तुरंत ही उसे अपने घर के अन्दर लिया और दरवाजा बंद कर लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.