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Adultery प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी
#4
मैंने चौंकते हुए कहा- सारिका .. ये कौन है सर?
 
सर मुझे देखकर मुस्कुराते हुए बोले- वही, जिसे कल तुम घूर रहे थे और आज जिसका इंतजार कर रहे हो.
 
दोस्तो, सर मेरे साथ थोड़ा मजाकिया और दोस्त के जैसे ही व्यवहार करते थे इसलिए उनसे पढ़ने में मुझे भी मज़ा आता था.
 
सर से मुझे पता चला कि उस खूबसूरत हसीना का नाम सारिका है.
 
मैं- अरे नहीं सर. क्या आप कुछ भी बोलते रहते हो.
सर- अच्छा, कल तो मैंने देखा तुम्हें, बार बार सारिका को ही देख रहे थे.
मैं- अरे नहीं सर, मैं तो बस ऐसे ही!
 
हम अभी बात ही कर रहे थे, इतने में सारिका आ गयी और मेरी बगल वाली कुर्सी पर बैठते हुए सर से माफ़ी मांगने लगी.
 
सारिका- सॉरी सर, मुझे आने में थोड़ी देर हो गई.
सर मेरी तरफ देखते हुए बोले- हां, हम लोग कब से तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं.
 
मेरी चोरी पकड़ी गई थी, अब खुद को बचाने के लिए या सर को गलत साबित करने के लिए, मैंने अब एक बार भी सारिका की तरफ नहीं देखा.
 
तभी सर ने मेरा नाम लेते हुए कहा.
सर- राजीव, ये सारिका है. मेरी लॉ ब्रांच की स्टूडेंट और अभी अगले महीने इसका 12 वीं का एग्जाम है.
 
फिर सर सारिका से मुखातिब हुए- सारिका, ये राजीव है, जो तुम्हारे पाठ्यक्रम में है, वही सब ये भी सीख रहा है.
 
इस तरह सर ने हम दोनों का परिचय करा दिया और हम दोनों को अलग पढ़ाना शुरू कर दिया.
 
हम दोनों की नजरें एक दूसरे से बचते हुए एक दूसरे को ही देखने में लगी रहीं.
इसी तरह हमारा लेक्चर पूरा हो गया.
 
मैं पूरे लेक्चर के दौरान उससे बात करने का मौका ढूंढ रहा था पर मेरे लिए ऐसा कोई मौका बन ही नहीं पा रहा था.
 
आखिरकार मुझे मौका तब मिला जब वो जाने के टाइम सर से कुछ नोट्स मांगने लगी.
पर उस समय सर के पास नोट्स मौजूद नहीं थे.
 
तो सर ने मुझसे नोट्स के बारे में पूछा, जो मेरे पास मौजूद थे.
फिर सर ने सारिका को बोला कि वो नोट्स मुझसे ले ले.
सारिका मुझसे बात करने लगी.
 
सारिका- क्या आप मुझे नोट्स दे सकते हैं?
मैं- हां जरूर, पर मेरे पास अभी मौजूद नहीं हैं, अगर आप चाहो तो मैं आपको मेल कर सकता हूँ.
 
हां बोलकर उसने मुझे अपनी ईमेल आईडी दे दी और बाय बोलकर चली गयी.
 
उसके जाते ही मैंने सारे नोट्स उसे मेल कर दिए.
मेरा मेल मिलते ही उसने सामने से मुझे थैंक्यू करके मेल कर दिया.
 
ऐसे ही 2-3 दिन हम दोनों एक दूसरे से ईमेल के द्वारा ही बात करते रहे, फिर बात फेसबुक पर होने लगी और अगले 15 दिनों बाद ही व्हाट्सएप पर बात होने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी - by neerathemall - 16-08-2022, 02:18 PM



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