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Incest फुफेरे भाई के साथ
#9
विपिन ने खुद ही मेरी शर्ट के बटन एक एक करके खोलना शुरू कर दिए.

जैसे ही उसने ऊपर के 3 बटन खोले, मुझे एक बार फिर से ख्याल आया कि ये मैं क्या कर रही हूँ. ये मेरा रिश्ते में भाई है, मैंने इसके साथ ऐसे कैसे कर सकती हूँ.

मैंने कहा- रुको विपिन, हमें यहीं रुक जाना चाहिए, मत भूलो मैं तुम्हारी बहन हूँ. प्लीज रुक जाओ.

मैंने उसके हाथ अपनी शर्ट के बटन पर ही रोकने चाहे.
पर विपिन इस कदर जोश में था कि उसने कहा- आज मत रोको दीदी, वरना मैं मर जाऊंगा, आज हम दोनों सिर्फ एक लड़का और लड़की हैं और हमारा रिश्ता सिर्फ जिस्मों का है. मुझे आपका जिस्म भोगना है. आज मत रोको मुझे.

इसी के साथ ही उसने मेरी शर्ट के दोनों हिस्सों को पकड़ा और जोर से फाड़ कर पीछे को खोल दी.

इसके साथ ही मेरा आगे का शरीर उसके आगे नंगा हो गया.
मैंने शर्म के मारे अपने बूब्स को हथेलियों से ढक लिया और टांगें भी आपस में मोड़ कर सिकोड़ सी लीं ताकि विपिन से अपनी जवानी छुपा सकूँ.

विपिन मेरे करीब आया और धीरे से अपनी नंगी बहन के कंधों पर हाथ रख कर बोला- दीदी, इधर देखो मेरी आंखों में.
मैंने शर्माते हुए उसकी आंखों में देखा.

उसने बड़े प्यार से कहा- दीदी, आप घबराओ मत … हमारी ये बात किसी को पता नहीं चलेगी. सब हम दोनों के बीच ही रहेगा.
मैंने भी हल्का सा सिर सहमति में हिलाया.

फ़िर विपिन ने मेरी हथेलियों को पकड़ा और धीरे धीरे उन्हें जबरदस्ती नीचे करने लगा.
शुरू में मैंने हल्का सा विरोध किया, पर धीरे धीरे उसने मेरे दोनों हाथ नीचे कर ही दिए.

फ़िर विपिन धीरे धीरे अपने हाथ मेरे बूब्स पर ले गया और उन्हें हल्के हल्के दबाने लगा.
इसके साथ ही उसने मेरी चूचियों को हल्के हल्के मसलना भी शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद मैं भी पूरे जोश में आ गई थी तो उसका पूरा साथ दे रही थी.

अब मैंने अपनी शर्ट भी पूरी उतार दी थी और उसके सामने बिल्कुल नंगी हो चुकी थी.

इस वक़्त विपिन मेरी छाती को चूम रहा था और मेरे दूध सख्त होते जा रहे थे.

उधर विपिन के कच्छे में उसका लंड फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा था.

मैंने खुद को विपिन से झटके से अलग किया.
इससे विपिन एकदम से चौंक गया.
उसने पूछा- क्या हुआ दीदी?

मैंने एक पल को बहुत ही गंभीर भाव से उसे देखा, फिर अगले ही पल मैं भी मुस्कुरा दी और घुटनों के बल बैठ गयी.

मैंने उसका कच्छे एक झटके में नीचे सरका दिया.
उसका लंड एकदम से हाथी की सूंड की तरह ऊपर नीचे झूलते हुए मेरे सामने खड़ा था.

मैंने ऊपर विपिन की आंखों में देखा और मेरी आंखों में देख कर पूछा- दीदी, मैंने सुना है कि शहर में लड़कियां लड़कों का लंड मुँह में ले कर चूस लेती हैं. ऐसा सच है क्या?
मैंने एक शैतानी भरी मुस्कुराहट दी और कहा- तुम्हें क्या लगता है?

बस ये कह कर मैंने उसका लंड पकड़ लिया, लंड की जड़ से ऊपर तक हाथ फेरा और उसे एक दो बार प्यार से सहलाया.
फिर अचानक से उसके लंड को किस कर दिया.

विपिन की तो मानो जान ही ऊपर को निकल गयी.
उसने जोर की आहह … भरी.

मैंने थोड़ा कसके मुट्ठी बंद करके उसके लंड पर पीछे को दबाया तो उसके लंड का सुपारा बाहर आ गया.
मैंने कहा- देखते जाओ शहर में क्या क्या करती है लड़कियां …

मैंने अपने बंद होंठ उसके लंड पर दबाते हुए सुपारे को होंठों से रगड़ा और धीरे धीरे लंड मुँह में लेते हुए चूसने लगी.
विपिन तो सातवें आसमान पर उड़ने लगा था, उसकी आंखें बंद हो गई थीं और उसके मुँह से बस ‘आहह … स्स … आहह … दीदी … आहह … बहुत मजा आ रहा है … आहह … दीदी …’ की आवाजें निकल रही थीं.

इस वक्त वो बड़ी मस्ती भरी आहें और कराहें अपने मुँह से निकाल रहा था.

मैंने धीरे धीरे लंड चूसने की रफ्तार बढ़ा दी और उसकी उत्तेजना बढ़ती चली गयी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: फुफेरे भाई के साथ - by neerathemall - 16-08-2022, 02:01 PM



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