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Incest फुफेरे भाई के साथ
#6
कुछ देर तक तो हम दोनों कुछ नहीं बोले, फिर विपिन मुझे गांव वगैरह के बारे में बताने लगा.
थोड़ी देर बाद हम दोनों खेत में पहुंच गए.

उधर सब अपने अपने खेतों में दूर दूर काम कर रहे थे.

विपिन ने ट्यूबवेल वाले कमरे का ताला खोल लिया पर गेट नहीं खुल रहा था.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोला- अरे कुछ नहीं, जंग लगने की वजह से ये दरवाजा फंस जाता है और बहुत जोर लगाने पर खुलता है.

खैर … थोड़ी बहुत मशक्कत के बाद उसने जोर से धक्का लगा कर गेट खोला और ट्यूबवेल चला दिया.

फिर उसने ट्यूबवेल की हौदी की तरफ इशारा करते हुए कहा- देखो दीदी, ये होता गांव का स्विमिंग पूल.
मैंने कहा- अच्छा, हमारे यहां तो काफी बड़ा होता है.

विपिन बोला- यहां ज्यादा बड़ा तो नहीं होता, पर पानी लगातार बहता रहता है. कितनी गर्मी हो रही है, मैं नहा लेता हूँ.
मैंने कहा- मैं एक्सट्रा कपड़े नहीं लाई वरना मैं भी नहा लेती.

विपिन बोला- अरे दीदी मन है तो नहा लो, यहां कोई नहीं आता. मेरे एक जोड़ी कपड़े अन्दर रखे हैं. आप नहा कर उन्हें पहन लेना. फिर जब ये वाले सूख जाएं तो वापस पहन लेना.

पहले तो मैंने ऐसे ही ना-नुकर सी की, पर फिर सोचा कि नहा ही लेती हूँ.

विपिन हौदी में उतर गया था.
मैं हौदी की दीवार पर चढ़ गयी तो विपिन ने अपना हाथ दिया और मैं भी सूट सलवार पहने ही उसमें उतर गयी.
विपिन को कच्छे में देखा तो उसके आधे नंगे शरीर को देख कर मेरे अन्दर के अरमान भी हल्के हल्के जागने लगे थे और शायद उसके भी अरमान जग रहे थे.

एक दो बार तो मेरा मन हुआ कि उसे जोर से किस कर लूं पर मैंने अपने आप को रोका हुआ था.

फिर हम दोनों मस्ती करते हुए नहाने लगे.

हम दोनों दुनिया की फिक्र छोड़ कर खूब मस्ती से ट्यूबवेल के पानी में नहाए.

लगभग आधा घंटा के बाद मैं नहा चुकी तो वहां से निकल गयी और ट्यूब वेल वाले कमरे में कपड़े बदलने चली गयी.

मैंने गेट हल्का सा उड़काया और अपने सारे गीले कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगी हो गयी.
फिर मैंने विपिन के कपड़े उठाए और शर्ट पहन ली. फिर हल्का सा गेट खोल कर विपिन को अपने कपड़े सुखाने के लिए पकड़ा दिए.

अब मैं बाक़ी के कपड़े पहनने के लिए देखने लगी.

मैंने देखा पर मुझे पैंट नहीं मिल रही थी. मैंने विपिन को आवाज देकर पूछा- पैंट कहां है?
उसने बोला- वहीं दरवाजे के पीछे तो टंगी है.

मैंने कहा- नहीं है.
उसने बोला- अरे होगी वहीं … और कहां जाएगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: फुफेरे भाई के साथ - by neerathemall - 16-08-2022, 02:00 PM



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