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Thriller सिंदबाद जहाजी की पाँचवीं यात्रा
#34
सिंदबाद ने कहा, कुछ दिन आराम से रहने के बाद मैं पिछले कष्ट और दुख भूल गया था और फिर यह सूझी कि और धन कमाया जाए तथा संसार की विचित्रताएँ और देखी जाएँ। मैंने चौथी यात्रा की तैयारी की और अपने देश की वे वस्तुएँ जिनकी विदेशों में माँग है प्रचुर मात्रा में खरीदीं। फिर मैं माल लेकर फारस की ओर चला। वहाँ के कई नगरों में व्यापार करता हुआ मैं एक बंदरगाह पर पहुँचा और व्यापार किया।

एक दिन हमारा जहाज तूफान में फँस गया। कप्तान ने जहाज को सँभालने का बहुत प्रयत्न किया किंतु सँभाल न सका। जहाज समुद्र की तह से ऊपर उठी पानी में डूबी एक चट्टान से टकरा कर चूर-चूर हो गया। कई लोग तो वहीं डूब गए किंतु मैं और कुछ अन्य व्यापारी टूटे तख्तों के सहारे किसी प्रकार तट पर आ लगे। हम लोग एक द्वीप में आ गए थे। इधर-उधर घूम कर हम लोगों ने वृक्षों के फल तोड़-तोड़ कर खाए और अपनी भूख मिटाई।

फिर हम समुद्र तट पर आ कर लेट गए और अपने दुर्भाग्य को कोसने लगे। किंतु इससे क्या होना था। हमें नींद आ गई और रात भर गहरी नींद में सोते रहे। सवेरे उठ कर फिर द्वीप में घूमने और फल आदि इकट्ठा करने लगे। अचानक काले रंग के आदमियों की एक बड़ी भीड़ ने हमें घेर लिया। उन्होंने हमारे गले में रस्सियाँ बाँध दीं और भेड़-बकरियों की भाँति हमें हाँक-हाँककर बहुत दूर पर बसे अपने गाँव में ले गए। फिर उन्होंने हमारे सामने एक खाद्य पदार्थ रखकर इशारे से कहा कि इसे खाओ। मेरे साथियों ने बगैर कुछ सोचे-समझे उसे पेट भर खाया और तुरंत ही नशे मे मतवाले हो गए। मैंने वह चीज बहुत कम खाई और काले लोगों की हरकतों को ध्यान से देखने लगा। मेरे साथी तो कुछ न समझ सके लेकिन मैंने समझ लिया कि इन लोगों की नीयत अच्छी नहीं है। फिर उन्होंने खाने के लिए हमें नारियल के तेल में पका हुआ चावल दिया। इस खाद्य से आदमी मोटे हो जाते हैं। मैं समझ गया कि काले लोगों का इरादा है कि हमें मोटा करें और फिर अपने कबीले की दावत करके हम लोगों का मांस पका कर सब लोग खाएँ। मेरे साथी तो नशे में खूब पेट भर कर खाते थे किंतु मैं बहुत थोड़ा खाता था ताकि मोटा न होऊँ और नर भक्षियों का आहार न बनूँ। मैं कम खाने और अपने प्राणों की चिंता में इतना दुबला हो गया कि बदन में हड्डी-चमड़े के सिवाय कुछ न रहा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: सिंदबाद जहाजी की पाँचवीं यात्रा - by neerathemall - 16-08-2022, 01:26 PM



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