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Thriller सिंदबाद जहाजी की पाँचवीं यात्रा
#13
खलीफा ने अपने पत्र में लिखा था, 'आपको अब्दुल्ला हारूँ रशीद का, जो भगवान की दया से अपने पूर्वजों का उत्तराधिकारी है, प्रणाम पहुँचे। हमें आपका पत्र और आपके भेजे हुए उपहार प्राप्त हुए। हमें इन बातों से बड़ी प्रसन्नता है कि हम आप के उपहारों के बदले में कुछ उपहार आप को भेज रहे हैं। हमें पूर्ण आशा है कि यह पत्र आपकी सेवा में पहुँचेगा और इससे आपको ज्ञात होगा कि आपके लिए हमारे मन में कितना प्रेम हैं।'
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: सिंदबाद जहाजी की पाँचवीं यात्रा - by neerathemall - 16-08-2022, 01:12 PM



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