13-08-2022, 10:13 PM
शाम के 5 बज चुके थे। सभी ने गाँव से निकलने की तैयारी कर ली थी। बलवीर से मिलकर सब लोग निकल गए। रात 8.30 तक सब लोग अपने घर पहुंच गए थे। आशा ने घर पहुंच कर स्नान किया। आशा ने नहाते हुए जैसे ही अपना हाथ चुत पर रखा उसके बदन में सनसनी सी होने लगी, वजह साफ थी आज दिन भर की चुदाई लीला। आशा ने रानू को कॉल लगाया, ये जानने के लिए की उसकी अकेली की हालत ऐसी है या सबकी है। रानू ने कॉल नहीं उठाया, आशा ने बाकी को कॉल लगाने का विचार त्याग दिया और सोचा की पहले नहा लेती हूं। आशा नहा कर बाहर आई, उसने अपने बदन पर सिर्फ टॉवेल लपेट रखा था। आशा का मोबाइल बजा, कॉल नेहा का था।
नेहा: हेलो आशा, क्या कर रही हो।
आशा: कुछ नही यार, अभी नहा कर आई हूं।
नेहा: किस के साथ..?
आशा: मैं किस के साथ नहाऊंगी, घर पर ही हूं, अकेले ही नहा कर आई। तुम क्या कर रही हो?
नेहा: अपनी चुत को शांत करने की सोच रही हूं। सुबह से जो चुदाई लीला देखी है। चुत को शांति ही नही मिल रही।
आशा: अच्छे से चुदवा लो। नही तो तेरी चुत तड़पती रह जाएगी।
नेहा: काश, एक मस्त सा डिल्डो होता, अपनी चुत में घुसा कर मजे करती।
आशा: तु भी ना, पागल हो गई है, मुझे काम करने दे। चल बाय
आशा ने कॉल बंद कर दिया, क्योंकि आशा की चुत गीली हो चुकी थी और आशा का एक हाथ चुत तक पहुंच गया था। आशा ने अपना टॉवेल निकाला और नंगी हो गई। आशा ने मोबाइल पर एक पोर्न मूवी लगाई और अपने हाथों से अपनी चुत मसलने लगी। आशा बीच बीच में अपने बूब्स भी दबा रही थी। आशा ने अपनी चुत में अपनी ऊंगली डाली और जोरो से ऊंगली को अंदर बाहर करने लगी। आशा सोच सोच कर बहुत उत्तेजित हो गई थी, अपने चरम पर पहुंच कर शांत हुए। इधर आशा से कॉल पर बात करने के बाद नेहा ने भी अपने कपड़े उतारे और खुद को नंगा किया। नेहा अपने जिस्म से खेलने लगी और अपनी चुत को अपनी ऊंगली से शांत किया। आशा और नेहा ने हस्तमैथुन किया तो सही पर जो चरमसुख मिलना था वो नही मिला क्योंकि वो सिर्फ चुदाई से ही मिल सकता था। दोनो सो गई। रानू जब अपने घर आई थी, तब उसे पता चला कि उसके दीदी और जीजू भी घर पर आए हुए है। थोड़ी देर उन लोगो से बात करने के बाद सब लोगो ने साथ में खाना खाया। दिन भर की थकान और पेट भर कर खाने के कारण रानू को नींद आने लगी, रानू सोने चली गई। रात में लगभग 3.30 बजे उसे प्यास लगी, जिस कारण उसकी नींद खुल गई। रानू किचन से पानी पी कर वापस लौटी तो उसकी नजर दीदी और जीजा जिस कमरे में सो रहे थे उसकी खिड़की में से आ रही रोशनी पर पड़ी। खिड़की बंद थी, इसलिए रानू कुछ देख नही पाई, पर उसे ये समझ आ गया था की ये रोशनी टीवी की है। उसने सोचा दीदी जीजु को नींद नहीं आ रही होगी तो टीवी देख रहे होंगे। रानू वहा से जाने ही वाली थी की टीवी बंद हो गया और उसे दीदी की आवाज सुनाई दी
दीदी: अब तुम सो भी जाओ, मेरा मूड नहीं है।
जीजु: पर मेरा तो मूड है ना, वैसे साली भी तो आधी घरवाली होती है।
दीदी: (गुस्से में) बड़ा प्यार आ रहा है अपनी साली पर। जाओ उसी के पास मेरे पास आने की जरूरत नहीं।
जीजु: मैं तो सिर्फ तुम्हारा मूड बनाने के लिए कह रहा था, पर तुम्हे बुरा लगा हो तो सॉरी। मैं ही बाथरूम में जा कर अपना लंड हिला लेता हूं।
दीदी: रुको,
जीजु: आऊच...
दीदी: तुम्हे ही मजे चाहिए थे ना, थोड़ा तो दर्द होगा।
रानू वहा से निकल गई और अपने रूम में आ गई। उसकी चुत से निकले पानी ने उसकी पैंटी को भिगो दिया था। उसने अपने नीचे के कपड़े उतारे और जीजु से अपनी चुदाई का सोच कर अपनी चुत मसलने लगी। थोड़ी देर में शांत हो कर रानू फिर से सो गई। अगला दिन रविवार था। रानू और आशा को सुबह सुबह एक प्रतियोगिता परीक्षा देने जाना था। दोनो परीक्षा दे कर बाहर आई और वहा उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई जिसका नाम सिमरन था, देखने में मॉडल से कम नही लग रही थी। सिमरन को लेने उसका बॉयफ्रेंड आने वाला था। जब तक वो आता तब तक सिमरन आशा और रानू की बात चल रही थी। बातो बातो में सिमरन को पता चला कि आशा और रानू किसी अच्छे ऑफिस में काम करके प्रशिक्षण लेना चाहते है। सिमरन का बॉयफ्रेंड आ चुका था। उसका नाम विकास था। विकास दिखने में हैंडसम था और उसकी हाइट सिमरन से कम थी, वो अमीर परिवार से था। सिमरन ने रानू और आशा का परिचय विकास से करवाया।
सिमरन: ये आशा और रानू है। इन्हे तुम्हारे ऑफिस में ट्रेनिंग मिल सकती है क्या? (सिमरन ये आशा और रानू को ये दिखाना चाहती थी की विकास उसकी हर बात मानता है)
विकास: इन्हे इंटरव्यू के लिए ऑफिस भेज दो (सीधे मना नहीं कर सकता था, इसलिए ऐसा बोला) विकास ने अपने पापा का विजिटिंग कार्ड आशा और रानू को देकर, सिमरन की तरफ देखा और बोला, अब हम चले।
सिमरन: मैने कहा था ना, चलो बाय आशा.. बाय रानू..
सिमरन और विकास चले गए।
रानू: इस लड़की को अपने हुस्न का कितना घमंड है।
आशा: छोड़ ना, अब हम भी चले। (आशा ने विकास का विजिटिंग कार्ड वही डस्टबिन में डालने लगी।)
रानू: (आशा को रोकते हुए) क्या कर रही हो?
आशा: ये किसी काम का नही है, उसके पापा का कार्ड है, वहा जा कर कुछ नही होना है। मेरी बात सुन, विकास भी कुछ नही कर पायेगा।
रानू: एक बार चल कर तो देखते है।
आशा: ठीक है, कल ही चलो।
सिमरन और विकास एक पब में पहुंचे और दोनो ने जमकर शराब पी। सिमरन और विकास दोनो एक दूसरे के होठों को चूमने लगे। सिमरन का ध्यान पब के वेटरो पर गया जो उसे गंदी नजरो से घूर रहे थे, एक वेटर तो उसके सामने पैंट के ऊपर से अपना लंड मसल रहा था। सिमरन ने विकास को बाहर चलने का कहा, विकास बिल चुका कर बाहर आ गया। सिमरन और विकास कार में एक दूसरे को फिर से चूमने लगे। विकास ने सिमरन का टॉप निकाला और उसके बूब्स को ब्रा में से बाहर निकाल कर चूसने लगा। विकास ने सिमरन के बूब्स को चूसते हुए अपना एक हाथ सिमरन की पैंटी के अंदर डाला और उसकी चुत को मसलने लगा। सिमरन भी पूरे जोश में आ गई और उसने विकास के लंड को जींस में से बाहर निकाल कर हिलाने लगी। सिमरन ने विकास के लंड को चूमा, फिर विकास के लंड पर कंडोम लगाया और विकास के ऊपर बैठ कर लंड को अपनी चुत में फसाया। सिमरन हल्के हल्के से हिलने लगी और विकास के लंड के मजे लेने लगी। विकास ने सिमरन की कमर पकड़ कर उसे चोदना शुरू किया। विकास सिमरन को चोदते हुए बीच बीच में उसके बूब्स को मूंह में ले लेता। चुदाई के बाद विकास ने सिमरन को उसके घर छोड़ा।
अगले दिन रानू और आशा दोनो विकास के पापा के ऑफिस पहुंचे। आशा ने अपने और रानू दोनो के पेपर वहा बैठी महिला को दिए। उसने उन्हें साफ मना कर दिया की अभी कोई इंटरव्यू नही हो सकता।
आशा: (हंसते हुए) अब चले मैडम जी, मैने तो पहले ही कहा था, कुछ नही होने वाला। (आशा रानू की तरफ देखते हुए चलने लगी, तभी वो सामने से आ रहे इंसान से टकरा गई और उसके हाथ की फाइल नीचे गिर गई।)
आशा: (अपनी फाइल उठाते हुए,नजर जमीन पर ही थी) I'm so sorry.. it was my mistake.. (आशा जिस से टकराई थी वो कंपनी का HR मैनेजर था और साथ में विकास के पापा मि विनोद भी थे। मि विनोद अपने केबिन में चले गए। मैनेजर रानू के बूब्स को घूर रहा था, वो थोड़ी देर और नजारे के मजे लेना चाहता था।)
HR मैनेजर: जरा अपनी फाइल दिखाना, देखते है आप सच में इंटरव्यू के लिए आई थी। (मैनेजर दोनो को अपने केबिन में लेकर गया। मैनेजर ने आशा और रानू दोनो से कुछ सवाल किए उसे आशा के जवाब देने का तरीका पसंद आया। मैनेजर ने मि विनोद से बात कर के दोनो को ऑफिस में 3 महीने की ट्रेनिंग पर रख लिया। 3 महीने तक आशा और रानू ने खूब मेहनत की और काम सीखा। मैनेजर रोज बड़े बड़े बूब्स और गांड देख कर खुश होता। आशा ऑफिस के काम को न सिर्फ बहुत अच्छे ढंग से करती बल्कि नए नए सुझाव भी देती। 3 महीने की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आशा और रानू ने एक पार्टी का आयोजन किया इसमें दिया, रितेश, ईशा, जॉनी, नेहा, सिमरन और विकास को बुलाया था। आशा ने विकास और सिमरन का सब से परिचय करवाया। आशा ने सबके लिए बीयर ऑर्डर की थी। बीयर पीने के बाद सब लोग नाचने लगे। जॉनी ने अपना हाथ ईशा की गांड रखा हुआ था। रितेश बार बार दिया के बूब्स से अपने सीने को चिपका रहा था। रानू अपने बूब्स हिला हिला कर नाच रही थी और आशा अपनी गांड मटका रही थी। नेहा, सिमरन और विकास सामान्य तरीके से नाच रहे थे। ये सब देख कर विकास के लंड में हलचल होने लगी थी। विकास ने सिमरन को पीछे से जा कर गले लगाया, विकास का कड़क लंड सिमरन अपनी गांड पर महसूस कर पा रही थी। सिमरन भी गरम होने लगी थी। सिमरन ने अपना हाथ विकास के लंड पर रखा। पब में खुले में तो चुदाई कर नही सकते थे। सब लोग वहा से निकले। पब के सामने एक गार्डन था। नेहा और रानू ने वहा के चौकीदार को अपनी बातो में उलझाया और तीनों जोड़ो को गार्डन में जाने का इशारा किया। सभी ने गार्डन में अपने लिए जगह देखी और प्यार करना शुरू कर दिया। ईशा ने जॉनी के लंड को बाहर निकाला और अपने घुटनों पर बैठ कर उसके लंड को चूमने लगी। ईशा ने धीरे धीरे जॉनी के लंड को चुसना शुरू किया। जॉनी आंखे बंद कर के मजे लेने लगा। ईशा ने अब अपनी गति को बढ़ाया और तेजी से जॉनी के लंड को अपने मुंह में अंदर बाहर करने लगी। जॉनी ने ईशा के सर को पकड़ा और ईशा अगर धीरे होती तो उसके सर को हिला कर गति बरकरार रखता। ईशा की सांसे फूलने लगी थी और उसका चेहरा लाल पड़ गया था। जॉनी ने ईशा के मुंह से अपना लंड निकाला। ईशा ने चैन की सांस ली।
ईशा: (जब उसकी सांसे सामान्य हुई) जॉनी मुझे तुम्हारे लंड की मलाई खानी है।
जॉनी: (सुन कर बहुत खुश हुआ) क्या सच में तुम ये कर पाओगी?
ईशा: कोशिश करती हूं।
जॉनी: मैं धीरे धीरे तुम्हारे मूंह को चोदूंगा, और जब झड़ने वाला रहूंगा तो तुम्हारे मूंह को जोर से पकड़ कर तुम्हारे मुंह में पिचकारी छोड़ दूंगा। तुम जल्दी से मलाई गटक जाना।
जॉनी ने सिमरन के मुंह में लंड डाला और धीरे धीरे उसके मुंह की चुदाई करने लगा। जॉनी सिमरन के मुंह में झड़ने का सोच के बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गया था, उसका लंड पिचकारी के लिए तैयार था। जॉनी ने ईशा के मुंह को जोर से पकड़ा और अपना लंड और अन्दर घुसा दिया। जॉनी ने अपना लंड ईशा के मुंह में कुछ ज्यादा ही अंदर कर दिया। ईशा उसे सहन नही कर पाई और जॉनी को झटका देकर हटाया। जॉनी की पिचकारी भी चल पड़ी थी। थोड़ी सी मलाई ईशा के मुंह में गई और बाकी बाहर हो गई।
रितेश ने दिया का वन पीस उपर किया और दिया की चुत को चाटने लगा। दिया की चुत ने काफी पानी छोड़ दिया था। रितेश ने अपना लंड निकाला और दिया की चुत में डाला। दिया की चुदाई शुरू कर दी। रितेश ने अपना लंड बाहर निकाला और ईशा को घोड़ी बनने को कहा। ईशा घोड़ी बनी और रितेश ने उसकी गांड पर मस्त चार पांच चपट लगाई और उसकी गीली चुत में लंड डाल कर चोदने लगा। चुदाई करते करते रितेश दिया की गांड कभी जोरो से मसलता तो कभी उसकी गांड पर हथेलियों से मारता। हर बार गांड पर प्रहार दिया की चुदाई के आनंद को बड़ा रहा था।
विकास और सिमरन दोनो एक दूसरे के होंठों को चुम रहे थे। विकास और सिमरन दोनो ऐसी जगह थे, जहा पर उन्हें दूसरे दोनो जोड़ो की चुदाई की सिसकारियां सुनाई दे रही थी। अब उन दोनो को अपने आप को रोक पाना मुश्किल हो रहा था। विकास और सिमरन ने एक दूसरे के कपड़ो को उतारा और दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे को सहला रहे थे। विकास ने सिमरान के नंगे बदन को चुमा और उसके बाद सिमरन ने विकास के नंगे बदन को चुमा। विकास ने सिमरन को जमीन पर लिटाया और उसकी चुत में लंड डाल कर चोदने लगा। सिमरन भी पूरे मजे लेते हुए विकास का चुदाई में साथ देने लगी। दोनो की उत्तेजना चरम पर थी। दोनो साथ में झड़ चुके थे।
नेहा और रानू चौकीदार को बातो में उलझाएं हुए रखे थे। चौकीदार की नजर तो रानू के बूब्स पर से हट ही नहीं रही थी। रानू भी इस बात को समझ चुकी थी, पर मजबूरी थी की जब तक तीनों जोड़ो वापस ना आ जाए, इसे ऐसे ही उलझाए रखना है। चौकीदार की आंखों में वासना देख रानू को अपने सेक्सी बूब्स पर गर्व होने लगा था। अब रानू भी गरम होने लगी थी। उसने अपनी हाथ में जो चाबी थी उसे नीचे गिराया और चाबी उठाने के लिए नीचे झुकी। रानू की कोशिश थी की वो चौकीदार को ज्यादा से ज्यादा अपने बूब्स के दर्शन कराए। चौकीदार तो पूरी तरह से बूब्स में ही डूब गया था। अब तक तीनों जोड़े भी बाहर आ गए थे। सब लोग अपने अपने घर के लिए निकल गए। रानू और आशा नेहा के साथ उसके घर गए। नेहा रानू और आशा को अपने बेड रूम में ले कर आई, उसने अपने कपड़े उतारे और रानू के बूब्स दबा दिए। रानू तो उत्तेजित थी ही इसलिए वो नेहा की इस हरकत का ज्यादा विरोध नहीं कर पाई।
आशा: नेहा तुझे क्या हो गया, तू क्यों इसके बूब्स के पीछे पड़ गई।
नेहा: तुने देखा नही क्या, कैसे चौकीदार इसके बूब्स में डूबा हुआ था, आज तो बेचारा दो बार मुठमारे बिना दो नही पाएगा। इतने हसन बूब्स देखे है उसने, बहुत नसीब वाला है।
(रानू की उत्तेजना अपने बूब्स की तारीफ सुनकर फिर से बड़ गई थी।) नेहा ने रानू को टॉपलेस किया, रानू ने इसका कोई विरोध नहीं किया। नेहा रानू के बूब्स से खेलने लगी। नेहा ने अपनी अलमारी से डिल्डो निकाला, जिसे देख कर आशा और रानू दोनो की आंखे फटी रह गई। अब आशा भी अपने आप को रोक नहीं पाई। नेहा, रानू और आशा तीनों नंगे हो गए थे, एक दूसरे के जिस्म से खेल रहे थे। तीनों ही डिल्डो के लिए तड़प रही थी। बारी बारी से तीनों ने एक दूसरे की मदद की और चुदाई का आनंद लिया।
नेहा: हेलो आशा, क्या कर रही हो।
आशा: कुछ नही यार, अभी नहा कर आई हूं।
नेहा: किस के साथ..?
आशा: मैं किस के साथ नहाऊंगी, घर पर ही हूं, अकेले ही नहा कर आई। तुम क्या कर रही हो?
नेहा: अपनी चुत को शांत करने की सोच रही हूं। सुबह से जो चुदाई लीला देखी है। चुत को शांति ही नही मिल रही।
आशा: अच्छे से चुदवा लो। नही तो तेरी चुत तड़पती रह जाएगी।
नेहा: काश, एक मस्त सा डिल्डो होता, अपनी चुत में घुसा कर मजे करती।
आशा: तु भी ना, पागल हो गई है, मुझे काम करने दे। चल बाय
आशा ने कॉल बंद कर दिया, क्योंकि आशा की चुत गीली हो चुकी थी और आशा का एक हाथ चुत तक पहुंच गया था। आशा ने अपना टॉवेल निकाला और नंगी हो गई। आशा ने मोबाइल पर एक पोर्न मूवी लगाई और अपने हाथों से अपनी चुत मसलने लगी। आशा बीच बीच में अपने बूब्स भी दबा रही थी। आशा ने अपनी चुत में अपनी ऊंगली डाली और जोरो से ऊंगली को अंदर बाहर करने लगी। आशा सोच सोच कर बहुत उत्तेजित हो गई थी, अपने चरम पर पहुंच कर शांत हुए। इधर आशा से कॉल पर बात करने के बाद नेहा ने भी अपने कपड़े उतारे और खुद को नंगा किया। नेहा अपने जिस्म से खेलने लगी और अपनी चुत को अपनी ऊंगली से शांत किया। आशा और नेहा ने हस्तमैथुन किया तो सही पर जो चरमसुख मिलना था वो नही मिला क्योंकि वो सिर्फ चुदाई से ही मिल सकता था। दोनो सो गई। रानू जब अपने घर आई थी, तब उसे पता चला कि उसके दीदी और जीजू भी घर पर आए हुए है। थोड़ी देर उन लोगो से बात करने के बाद सब लोगो ने साथ में खाना खाया। दिन भर की थकान और पेट भर कर खाने के कारण रानू को नींद आने लगी, रानू सोने चली गई। रात में लगभग 3.30 बजे उसे प्यास लगी, जिस कारण उसकी नींद खुल गई। रानू किचन से पानी पी कर वापस लौटी तो उसकी नजर दीदी और जीजा जिस कमरे में सो रहे थे उसकी खिड़की में से आ रही रोशनी पर पड़ी। खिड़की बंद थी, इसलिए रानू कुछ देख नही पाई, पर उसे ये समझ आ गया था की ये रोशनी टीवी की है। उसने सोचा दीदी जीजु को नींद नहीं आ रही होगी तो टीवी देख रहे होंगे। रानू वहा से जाने ही वाली थी की टीवी बंद हो गया और उसे दीदी की आवाज सुनाई दी
दीदी: अब तुम सो भी जाओ, मेरा मूड नहीं है।
जीजु: पर मेरा तो मूड है ना, वैसे साली भी तो आधी घरवाली होती है।
दीदी: (गुस्से में) बड़ा प्यार आ रहा है अपनी साली पर। जाओ उसी के पास मेरे पास आने की जरूरत नहीं।
जीजु: मैं तो सिर्फ तुम्हारा मूड बनाने के लिए कह रहा था, पर तुम्हे बुरा लगा हो तो सॉरी। मैं ही बाथरूम में जा कर अपना लंड हिला लेता हूं।
दीदी: रुको,
जीजु: आऊच...
दीदी: तुम्हे ही मजे चाहिए थे ना, थोड़ा तो दर्द होगा।
रानू वहा से निकल गई और अपने रूम में आ गई। उसकी चुत से निकले पानी ने उसकी पैंटी को भिगो दिया था। उसने अपने नीचे के कपड़े उतारे और जीजु से अपनी चुदाई का सोच कर अपनी चुत मसलने लगी। थोड़ी देर में शांत हो कर रानू फिर से सो गई। अगला दिन रविवार था। रानू और आशा को सुबह सुबह एक प्रतियोगिता परीक्षा देने जाना था। दोनो परीक्षा दे कर बाहर आई और वहा उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई जिसका नाम सिमरन था, देखने में मॉडल से कम नही लग रही थी। सिमरन को लेने उसका बॉयफ्रेंड आने वाला था। जब तक वो आता तब तक सिमरन आशा और रानू की बात चल रही थी। बातो बातो में सिमरन को पता चला कि आशा और रानू किसी अच्छे ऑफिस में काम करके प्रशिक्षण लेना चाहते है। सिमरन का बॉयफ्रेंड आ चुका था। उसका नाम विकास था। विकास दिखने में हैंडसम था और उसकी हाइट सिमरन से कम थी, वो अमीर परिवार से था। सिमरन ने रानू और आशा का परिचय विकास से करवाया।
सिमरन: ये आशा और रानू है। इन्हे तुम्हारे ऑफिस में ट्रेनिंग मिल सकती है क्या? (सिमरन ये आशा और रानू को ये दिखाना चाहती थी की विकास उसकी हर बात मानता है)
विकास: इन्हे इंटरव्यू के लिए ऑफिस भेज दो (सीधे मना नहीं कर सकता था, इसलिए ऐसा बोला) विकास ने अपने पापा का विजिटिंग कार्ड आशा और रानू को देकर, सिमरन की तरफ देखा और बोला, अब हम चले।
सिमरन: मैने कहा था ना, चलो बाय आशा.. बाय रानू..
सिमरन और विकास चले गए।
रानू: इस लड़की को अपने हुस्न का कितना घमंड है।
आशा: छोड़ ना, अब हम भी चले। (आशा ने विकास का विजिटिंग कार्ड वही डस्टबिन में डालने लगी।)
रानू: (आशा को रोकते हुए) क्या कर रही हो?
आशा: ये किसी काम का नही है, उसके पापा का कार्ड है, वहा जा कर कुछ नही होना है। मेरी बात सुन, विकास भी कुछ नही कर पायेगा।
रानू: एक बार चल कर तो देखते है।
आशा: ठीक है, कल ही चलो।
सिमरन और विकास एक पब में पहुंचे और दोनो ने जमकर शराब पी। सिमरन और विकास दोनो एक दूसरे के होठों को चूमने लगे। सिमरन का ध्यान पब के वेटरो पर गया जो उसे गंदी नजरो से घूर रहे थे, एक वेटर तो उसके सामने पैंट के ऊपर से अपना लंड मसल रहा था। सिमरन ने विकास को बाहर चलने का कहा, विकास बिल चुका कर बाहर आ गया। सिमरन और विकास कार में एक दूसरे को फिर से चूमने लगे। विकास ने सिमरन का टॉप निकाला और उसके बूब्स को ब्रा में से बाहर निकाल कर चूसने लगा। विकास ने सिमरन के बूब्स को चूसते हुए अपना एक हाथ सिमरन की पैंटी के अंदर डाला और उसकी चुत को मसलने लगा। सिमरन भी पूरे जोश में आ गई और उसने विकास के लंड को जींस में से बाहर निकाल कर हिलाने लगी। सिमरन ने विकास के लंड को चूमा, फिर विकास के लंड पर कंडोम लगाया और विकास के ऊपर बैठ कर लंड को अपनी चुत में फसाया। सिमरन हल्के हल्के से हिलने लगी और विकास के लंड के मजे लेने लगी। विकास ने सिमरन की कमर पकड़ कर उसे चोदना शुरू किया। विकास सिमरन को चोदते हुए बीच बीच में उसके बूब्स को मूंह में ले लेता। चुदाई के बाद विकास ने सिमरन को उसके घर छोड़ा।
अगले दिन रानू और आशा दोनो विकास के पापा के ऑफिस पहुंचे। आशा ने अपने और रानू दोनो के पेपर वहा बैठी महिला को दिए। उसने उन्हें साफ मना कर दिया की अभी कोई इंटरव्यू नही हो सकता।
आशा: (हंसते हुए) अब चले मैडम जी, मैने तो पहले ही कहा था, कुछ नही होने वाला। (आशा रानू की तरफ देखते हुए चलने लगी, तभी वो सामने से आ रहे इंसान से टकरा गई और उसके हाथ की फाइल नीचे गिर गई।)
आशा: (अपनी फाइल उठाते हुए,नजर जमीन पर ही थी) I'm so sorry.. it was my mistake.. (आशा जिस से टकराई थी वो कंपनी का HR मैनेजर था और साथ में विकास के पापा मि विनोद भी थे। मि विनोद अपने केबिन में चले गए। मैनेजर रानू के बूब्स को घूर रहा था, वो थोड़ी देर और नजारे के मजे लेना चाहता था।)
HR मैनेजर: जरा अपनी फाइल दिखाना, देखते है आप सच में इंटरव्यू के लिए आई थी। (मैनेजर दोनो को अपने केबिन में लेकर गया। मैनेजर ने आशा और रानू दोनो से कुछ सवाल किए उसे आशा के जवाब देने का तरीका पसंद आया। मैनेजर ने मि विनोद से बात कर के दोनो को ऑफिस में 3 महीने की ट्रेनिंग पर रख लिया। 3 महीने तक आशा और रानू ने खूब मेहनत की और काम सीखा। मैनेजर रोज बड़े बड़े बूब्स और गांड देख कर खुश होता। आशा ऑफिस के काम को न सिर्फ बहुत अच्छे ढंग से करती बल्कि नए नए सुझाव भी देती। 3 महीने की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आशा और रानू ने एक पार्टी का आयोजन किया इसमें दिया, रितेश, ईशा, जॉनी, नेहा, सिमरन और विकास को बुलाया था। आशा ने विकास और सिमरन का सब से परिचय करवाया। आशा ने सबके लिए बीयर ऑर्डर की थी। बीयर पीने के बाद सब लोग नाचने लगे। जॉनी ने अपना हाथ ईशा की गांड रखा हुआ था। रितेश बार बार दिया के बूब्स से अपने सीने को चिपका रहा था। रानू अपने बूब्स हिला हिला कर नाच रही थी और आशा अपनी गांड मटका रही थी। नेहा, सिमरन और विकास सामान्य तरीके से नाच रहे थे। ये सब देख कर विकास के लंड में हलचल होने लगी थी। विकास ने सिमरन को पीछे से जा कर गले लगाया, विकास का कड़क लंड सिमरन अपनी गांड पर महसूस कर पा रही थी। सिमरन भी गरम होने लगी थी। सिमरन ने अपना हाथ विकास के लंड पर रखा। पब में खुले में तो चुदाई कर नही सकते थे। सब लोग वहा से निकले। पब के सामने एक गार्डन था। नेहा और रानू ने वहा के चौकीदार को अपनी बातो में उलझाया और तीनों जोड़ो को गार्डन में जाने का इशारा किया। सभी ने गार्डन में अपने लिए जगह देखी और प्यार करना शुरू कर दिया। ईशा ने जॉनी के लंड को बाहर निकाला और अपने घुटनों पर बैठ कर उसके लंड को चूमने लगी। ईशा ने धीरे धीरे जॉनी के लंड को चुसना शुरू किया। जॉनी आंखे बंद कर के मजे लेने लगा। ईशा ने अब अपनी गति को बढ़ाया और तेजी से जॉनी के लंड को अपने मुंह में अंदर बाहर करने लगी। जॉनी ने ईशा के सर को पकड़ा और ईशा अगर धीरे होती तो उसके सर को हिला कर गति बरकरार रखता। ईशा की सांसे फूलने लगी थी और उसका चेहरा लाल पड़ गया था। जॉनी ने ईशा के मुंह से अपना लंड निकाला। ईशा ने चैन की सांस ली।
ईशा: (जब उसकी सांसे सामान्य हुई) जॉनी मुझे तुम्हारे लंड की मलाई खानी है।
जॉनी: (सुन कर बहुत खुश हुआ) क्या सच में तुम ये कर पाओगी?
ईशा: कोशिश करती हूं।
जॉनी: मैं धीरे धीरे तुम्हारे मूंह को चोदूंगा, और जब झड़ने वाला रहूंगा तो तुम्हारे मूंह को जोर से पकड़ कर तुम्हारे मुंह में पिचकारी छोड़ दूंगा। तुम जल्दी से मलाई गटक जाना।
जॉनी ने सिमरन के मुंह में लंड डाला और धीरे धीरे उसके मुंह की चुदाई करने लगा। जॉनी सिमरन के मुंह में झड़ने का सोच के बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गया था, उसका लंड पिचकारी के लिए तैयार था। जॉनी ने ईशा के मुंह को जोर से पकड़ा और अपना लंड और अन्दर घुसा दिया। जॉनी ने अपना लंड ईशा के मुंह में कुछ ज्यादा ही अंदर कर दिया। ईशा उसे सहन नही कर पाई और जॉनी को झटका देकर हटाया। जॉनी की पिचकारी भी चल पड़ी थी। थोड़ी सी मलाई ईशा के मुंह में गई और बाकी बाहर हो गई।
रितेश ने दिया का वन पीस उपर किया और दिया की चुत को चाटने लगा। दिया की चुत ने काफी पानी छोड़ दिया था। रितेश ने अपना लंड निकाला और दिया की चुत में डाला। दिया की चुदाई शुरू कर दी। रितेश ने अपना लंड बाहर निकाला और ईशा को घोड़ी बनने को कहा। ईशा घोड़ी बनी और रितेश ने उसकी गांड पर मस्त चार पांच चपट लगाई और उसकी गीली चुत में लंड डाल कर चोदने लगा। चुदाई करते करते रितेश दिया की गांड कभी जोरो से मसलता तो कभी उसकी गांड पर हथेलियों से मारता। हर बार गांड पर प्रहार दिया की चुदाई के आनंद को बड़ा रहा था।
विकास और सिमरन दोनो एक दूसरे के होंठों को चुम रहे थे। विकास और सिमरन दोनो ऐसी जगह थे, जहा पर उन्हें दूसरे दोनो जोड़ो की चुदाई की सिसकारियां सुनाई दे रही थी। अब उन दोनो को अपने आप को रोक पाना मुश्किल हो रहा था। विकास और सिमरन ने एक दूसरे के कपड़ो को उतारा और दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे को सहला रहे थे। विकास ने सिमरान के नंगे बदन को चुमा और उसके बाद सिमरन ने विकास के नंगे बदन को चुमा। विकास ने सिमरन को जमीन पर लिटाया और उसकी चुत में लंड डाल कर चोदने लगा। सिमरन भी पूरे मजे लेते हुए विकास का चुदाई में साथ देने लगी। दोनो की उत्तेजना चरम पर थी। दोनो साथ में झड़ चुके थे।
नेहा और रानू चौकीदार को बातो में उलझाएं हुए रखे थे। चौकीदार की नजर तो रानू के बूब्स पर से हट ही नहीं रही थी। रानू भी इस बात को समझ चुकी थी, पर मजबूरी थी की जब तक तीनों जोड़ो वापस ना आ जाए, इसे ऐसे ही उलझाए रखना है। चौकीदार की आंखों में वासना देख रानू को अपने सेक्सी बूब्स पर गर्व होने लगा था। अब रानू भी गरम होने लगी थी। उसने अपनी हाथ में जो चाबी थी उसे नीचे गिराया और चाबी उठाने के लिए नीचे झुकी। रानू की कोशिश थी की वो चौकीदार को ज्यादा से ज्यादा अपने बूब्स के दर्शन कराए। चौकीदार तो पूरी तरह से बूब्स में ही डूब गया था। अब तक तीनों जोड़े भी बाहर आ गए थे। सब लोग अपने अपने घर के लिए निकल गए। रानू और आशा नेहा के साथ उसके घर गए। नेहा रानू और आशा को अपने बेड रूम में ले कर आई, उसने अपने कपड़े उतारे और रानू के बूब्स दबा दिए। रानू तो उत्तेजित थी ही इसलिए वो नेहा की इस हरकत का ज्यादा विरोध नहीं कर पाई।
आशा: नेहा तुझे क्या हो गया, तू क्यों इसके बूब्स के पीछे पड़ गई।
नेहा: तुने देखा नही क्या, कैसे चौकीदार इसके बूब्स में डूबा हुआ था, आज तो बेचारा दो बार मुठमारे बिना दो नही पाएगा। इतने हसन बूब्स देखे है उसने, बहुत नसीब वाला है।
(रानू की उत्तेजना अपने बूब्स की तारीफ सुनकर फिर से बड़ गई थी।) नेहा ने रानू को टॉपलेस किया, रानू ने इसका कोई विरोध नहीं किया। नेहा रानू के बूब्स से खेलने लगी। नेहा ने अपनी अलमारी से डिल्डो निकाला, जिसे देख कर आशा और रानू दोनो की आंखे फटी रह गई। अब आशा भी अपने आप को रोक नहीं पाई। नेहा, रानू और आशा तीनों नंगे हो गए थे, एक दूसरे के जिस्म से खेल रहे थे। तीनों ही डिल्डो के लिए तड़प रही थी। बारी बारी से तीनों ने एक दूसरे की मदद की और चुदाई का आनंद लिया।